औरंगाबाद: जिले में ओबीसी आरक्षण के लिए पृष्ठभूमि तैयार करने वाले बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल उर्फ बीपी मंडल की 103वीं जयन्ती मनाई गई. बीपी मंडल की जयंती जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी मनाई. इसके अलावा जिले के दाउदनगर, बारुण, ओबरा, हसपुरा और गोह में भी बीपी मंडल की जयंती मनाई गई.
पिछड़ी जातियों को दिलाया था आरक्षण
भारत में पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिए जाने के लिए सर्वेक्षण का कार्य बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल को केंद्र के तत्कालीन मोरारजी देसाई की सरकार ने दिया था. उस समय बीपी मंडल ने देश भर में घूम-घूमकर संरक्षण का कार्य किया था. इसके साथ ही विभिन्न जातियों को इस योग्य पाया था कि इन्हें पिछड़े वर्ग की श्रेणी में रखा जा सकें. इसके बाद उस रिपोर्ट को 1991 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने लागू कराया था. इस रिपोर्ट को मंडल कमीशन या मंडल आयोग की रिपोर्ट कहा जाता है.
103वीं जयंती मनाकर किया गया याद
राष्ट्रीय जनता दल कार्यालय में भी बीपी मंडल की 103वीं जयंती मनाकर उन्हें याद किया गया. इस समारोह में उपस्थित नेताओं ने उनके जीवन और मंडल आयोग के लिए की गई सार्थक प्रयास को सराहा किया. राजद प्रवक्ता रमेश यादव ने कहा कि मंडल आयोग पिछड़ा, अति पिछड़ों के लिए वरदान साबित हुआ है, जिसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ बीपी मंडल को जाता है.
व्यक्तित्व और कृतित्व को किया गया याद
जयंती कार्यक्रम के अलावा अधिवक्ता प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जयनंदन सिंह यादव और शिल्प कला प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दिनेश यादव को प्रदेश कमिटी ने माला पहनाकर स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को इस प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी मिलने पर राजद में मजबूती आएगी. वहीं दाउदनगर में यादव महासभा के तत्वावधान में नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में बीपी मंडल के चित्र पर माल्यार्पण किया गया और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया गया.