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20 दिनों तक की जख्मी बंदर की देखभाल, मौत के बाद किया अंतिम संस्कार

जिले के कुछ युवकों ने इंसानियत की मिशाल पेश करते हुए एक जख्मी बंदर की 20 दिनों तक देखभाल की. जिसके बाद तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो जाने पर उन्होंने उसका अंतिम संस्कार भी किया.

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मौत के बाद बंदर का किया अंतिम संस्कार
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Published : Dec 26, 2019, 8:59 PM IST

भोजपुरः 'इंसानियत अक्सर वहां मुस्कुराती है जहां दूसरों की मदद करती जिंदगी नजर आती है' इसकी एक मिशाल जिले के कोइलवर में देखने को मिली. जहां कुछ युवकों ने एक जख्मी बंदर की 20 दिनों तक देखभाल की. लेकिन तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद उन्होंने उसका अंतिम संस्कार किया.

जख्मी हालत में मिला था बंदर
बंदर की देखभाल कर रहे युवकों ने बताया कि 20 दिन पहले यह बंदर कोइलवर थाना के पास उन्हें जख्मी हालत में मिला. जिसके बाद वे लोग उसे इलाज के लिए पशु चिकित्सालय ले गए. दुर्भाग्यवश गुरुवार को बंदर की मौत हो गई.

मौत के बाद बंदर का किया अंतिम संस्कार

सोन नदी में किया अंतिम संस्कार
बंदर की मौत की खबर मिलते ही युवकों ने मिलकर अंतिम यात्रा निकालकर कोइलवर के सोन नदी में उसका अंतिम संस्कार किया. उन्होंने लोगों से बेजुबान पशु-पक्षियों से प्यार और जरूरत में उनकी मदद करने की अपील की.

भोजपुरः 'इंसानियत अक्सर वहां मुस्कुराती है जहां दूसरों की मदद करती जिंदगी नजर आती है' इसकी एक मिशाल जिले के कोइलवर में देखने को मिली. जहां कुछ युवकों ने एक जख्मी बंदर की 20 दिनों तक देखभाल की. लेकिन तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद उन्होंने उसका अंतिम संस्कार किया.

जख्मी हालत में मिला था बंदर
बंदर की देखभाल कर रहे युवकों ने बताया कि 20 दिन पहले यह बंदर कोइलवर थाना के पास उन्हें जख्मी हालत में मिला. जिसके बाद वे लोग उसे इलाज के लिए पशु चिकित्सालय ले गए. दुर्भाग्यवश गुरुवार को बंदर की मौत हो गई.

मौत के बाद बंदर का किया अंतिम संस्कार

सोन नदी में किया अंतिम संस्कार
बंदर की मौत की खबर मिलते ही युवकों ने मिलकर अंतिम यात्रा निकालकर कोइलवर के सोन नदी में उसका अंतिम संस्कार किया. उन्होंने लोगों से बेजुबान पशु-पक्षियों से प्यार और जरूरत में उनकी मदद करने की अपील की.

Intro:बंदर का किया अंतिम संस्कार

भोजपुर।

'इंसानियत अक्सर वहां मुस्कुराती है जहां दूसरों की मदद करती जिंदगी नजर आती है' इंसानियत का एक उदाहरण पेश किया है भोजपुर के कोइलवर के कुछ युवकों ने एक बंदर जो जख्मी हालत में इन्हें मिला था उसे लगभग 20 दिनों तक देखभाल की जिसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण आज उस बंदर की मौत हो गई.




Body:जिसके बाद युवकों ने मिलकर उसकी अंतिम यात्रा निकाली और उसका अंतिम संस्कार कोइलवर के सोन नदी में किया. एक युवक ने बताया कि उसे यह बंदर जख्मी अवस्था में कोइलवर थाना के समीप मिला था जिसके बाद उसने इसका प्राथमिक उपचार कराया उसे रोजाना खाने की सामग्री देता आ रहा था.


Conclusion:आज सुबह बंदर की मौत की खबर मिलते ही युवक ने अपने सहयोगी मित्रों के साथ उसका अंतिम संस्कार किया. रौशन ने लोगों से अपील किया है कि वह बेजुबान पक्षी, पशुओं से प्रेम करें.

बाइट-रौशन कुमार
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