भोजपुरः जिले के कुल्हड़िया में स्थित 25 साल पुरानी लाइब्रेरी की स्थिति दयनीय हो गई है. इसका निर्माण 1994 में समाज को शिक्षित करने के लिए कराया गया था. लेकिन रखरखाव के अभाव में भवन जहां जर्जर हो गया है, वहीं यहां रखी किताबें भी खराब हो रही हैं.
एक शिक्षित समाज का निर्माण उद्देश्य
जानकारी के अनुसार एक स्थानीय जज ने अपनी जमीन देकर लाइब्रेरी का निर्माण कराया था. इसके पिछे उनका उद्देश्य जातिवाद से ऊपर उठकर एक शिक्षित समाज का निर्माण और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का विकास करना था. लेकिन सरकार के उदासीन रवैये से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
खराब हो रही पुस्तकें
यहां के लाइब्रेरियन मनीष सिंह ने बताया कि बारिश में पानी टपकने से यहां रखी पुस्तकें खराब हो रही हैं. सरकार की तरफ से दो-तीन बार सहयोग मिला. उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से आज तक यह चल रहा है.
आज भी यहां पढ़ने आते हैं बच्चे
यह लाइब्रेरी उन गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ जिनके पास बाजार से पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे. कई बच्चों ने यहां से किताब लेकर अपना मुकाम हासिल किया है. मौजूदा समय में भी शाम को कुछ बच्चे इस लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई करते हैं.
वर्तमान में मौजूद हैं 6700 किताबें
साल 2011 में सरकार ने इस लाइब्रेरी को पुस्तक खरीदने के लिए 12630 रुपये दिए थे. उसके बाद से आज तक इधर-कोई ध्यान नहीं दिया गया. वर्तमान समय में यहां 6700 किताबें हैं. जिनमें साहित्य, ग्रंथ और ज्ञानवर्धन किताबें शामिल हैं.