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25 साल पुरानी लाइब्रेरी की स्थिति दयनीय, जर्जर हो चुका भवन और धूल फांक रही किताबें - ज्ञानवर्धन किताबें

भोजपुर के कुल्हड़िया में स्थित 25 साल पुरानी लाइब्रेरी रखरखाव के अभाव में बदहाल स्थिति में है. इसका भवन जर्जर हो चुका है. इसके साथ ही यहां रखी किताबें भी खराब हो रही हैं.

25 साल पुरानी लाइब्रेरी की दयनीय स्थिति
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Published : Nov 5, 2019, 3:02 PM IST

भोजपुरः जिले के कुल्हड़िया में स्थित 25 साल पुरानी लाइब्रेरी की स्थिति दयनीय हो गई है. इसका निर्माण 1994 में समाज को शिक्षित करने के लिए कराया गया था. लेकिन रखरखाव के अभाव में भवन जहां जर्जर हो गया है, वहीं यहां रखी किताबें भी खराब हो रही हैं.

एक शिक्षित समाज का निर्माण उद्देश्य
जानकारी के अनुसार एक स्थानीय जज ने अपनी जमीन देकर लाइब्रेरी का निर्माण कराया था. इसके पिछे उनका उद्देश्य जातिवाद से ऊपर उठकर एक शिक्षित समाज का निर्माण और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का विकास करना था. लेकिन सरकार के उदासीन रवैये से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

25 साल पुरानी लाइब्रेरी की दयनीय स्थिति

खराब हो रही पुस्तकें
यहां के लाइब्रेरियन मनीष सिंह ने बताया कि बारिश में पानी टपकने से यहां रखी पुस्तकें खराब हो रही हैं. सरकार की तरफ से दो-तीन बार सहयोग मिला. उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से आज तक यह चल रहा है.

bhojpur
धूल फांक रही किताबें

आज भी यहां पढ़ने आते हैं बच्चे
यह लाइब्रेरी उन गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ जिनके पास बाजार से पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे. कई बच्चों ने यहां से किताब लेकर अपना मुकाम हासिल किया है. मौजूदा समय में भी शाम को कुछ बच्चे इस लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई करते हैं.

bhojpur
लाइब्रेरियन मनीष सिंह

वर्तमान में मौजूद हैं 6700 किताबें
साल 2011 में सरकार ने इस लाइब्रेरी को पुस्तक खरीदने के लिए 12630 रुपये दिए थे. उसके बाद से आज तक इधर-कोई ध्यान नहीं दिया गया. वर्तमान समय में यहां 6700 किताबें हैं. जिनमें साहित्य, ग्रंथ और ज्ञानवर्धन किताबें शामिल हैं.

भोजपुरः जिले के कुल्हड़िया में स्थित 25 साल पुरानी लाइब्रेरी की स्थिति दयनीय हो गई है. इसका निर्माण 1994 में समाज को शिक्षित करने के लिए कराया गया था. लेकिन रखरखाव के अभाव में भवन जहां जर्जर हो गया है, वहीं यहां रखी किताबें भी खराब हो रही हैं.

एक शिक्षित समाज का निर्माण उद्देश्य
जानकारी के अनुसार एक स्थानीय जज ने अपनी जमीन देकर लाइब्रेरी का निर्माण कराया था. इसके पिछे उनका उद्देश्य जातिवाद से ऊपर उठकर एक शिक्षित समाज का निर्माण और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का विकास करना था. लेकिन सरकार के उदासीन रवैये से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

25 साल पुरानी लाइब्रेरी की दयनीय स्थिति

खराब हो रही पुस्तकें
यहां के लाइब्रेरियन मनीष सिंह ने बताया कि बारिश में पानी टपकने से यहां रखी पुस्तकें खराब हो रही हैं. सरकार की तरफ से दो-तीन बार सहयोग मिला. उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से आज तक यह चल रहा है.

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धूल फांक रही किताबें

आज भी यहां पढ़ने आते हैं बच्चे
यह लाइब्रेरी उन गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ जिनके पास बाजार से पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे. कई बच्चों ने यहां से किताब लेकर अपना मुकाम हासिल किया है. मौजूदा समय में भी शाम को कुछ बच्चे इस लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई करते हैं.

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लाइब्रेरियन मनीष सिंह

वर्तमान में मौजूद हैं 6700 किताबें
साल 2011 में सरकार ने इस लाइब्रेरी को पुस्तक खरीदने के लिए 12630 रुपये दिए थे. उसके बाद से आज तक इधर-कोई ध्यान नहीं दिया गया. वर्तमान समय में यहां 6700 किताबें हैं. जिनमें साहित्य, ग्रंथ और ज्ञानवर्धन किताबें शामिल हैं.

Intro:धूल फांक रही पुस्तकें

भोजपुर।


वर्ष पहले भोजपुर जिले के कुल्हड़िया में एक लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया था ताकि समाज को शिक्षित किया जा सके. लेकिन रखरखाव के अभाव में भवन जहां जर्जर हो गया है वहीं लाइब्रेरी में रखी किताबें खराब हो रही है. जानकारी के अनुसार वर्ष 1994 में स्थानीय जज साहेब ने अपनी जमीन देकर लाइब्रेरी का निर्माण इस उद्देश्य से कराया था कि जातिवाद से ऊपर उठकर एक शिक्षित समाज का निर्माण हो सके, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के विकास हो सके.


Body:लेकिन सरकार के उदासीन रवैये के कारण इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया नतीजा ये पुस्तकालय आज जर्जर हो चुका है.बारिश के मौसम में पानी टपकने से यहां रखी पुस्तकें खराब हो रही हैं. सरकार की तरफ से दो से तीन बार सहयोग जरूर मिला बाकी हम सब ग्रामीणों के सहयोग से आज तक इस लाइब्रेरी को चलाते आ रहे हैं. यह लाइब्रेरी उन गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ था जिन बच्चों के पास बाजार से पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे. इस पुस्तकालय से कई बच्चे पढ़कर अपने मुकाम हासिल किए हैं.वर्ष 2011 में सरकार ने इस लाइब्रेरी के ऊपर दया जरूर दिखाई थी 12630 रुपया पुस्तक खरीदने के लिए मिला था.पर उसके बाद से वर्तमान समय तक इधर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इस पुस्तकालय में वर्तमान समय में 6700 पुस्तक है अभी भी है जिनमें साहित्य, ग्रंथ व ज्ञानवर्धन की पुस्तकें शामिल है.मौजूदा समय मे भी शाम को कुछ बच्चे इस लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई करते हैं.

बाइट-मनीष सिंह, लाइब्रेरियन


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