भोजपुर: बिहार के आरा में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जो जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. वायरल वीडियो आरा मंडल कारा का बताया जा रहा है. जिसमें दिख रहा शख्स खुद को 23 जनवरी 2015 में हुए आरा सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट का आरोपी कैदी अखिलेश उपाध्याय (Accused prisoner Akhilesh Upadhyay) बता रहा है. वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा शख्स खुद को आरा मंडल कारा में बंद बंदी अखिलेश उपाध्याय बरात रहा है. वो ये भी कह रहा है कि वो आरा कोर्ट बम कांड का आरोपी भी है.
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आरा मंडल कारा का वीडियो वायरल: वीडियो में दिख रहा बंदी आरा मंडल कारा में हो रहे अनैतिक गतिविधियों को उजागर करते हुए वीडियो के माध्यम से बताने की कोशिश कर रहा है कि, किस तरह से आरा मंडल कारा में कारा प्रशासन के द्वारा उससे हिरोइन गांजा और अन्य मादक पदार्थ बेचवाने का काम कराया जा रहा है. हालांकि वीडियो में दिख रहे बंदी अखिलेश उपाध्याय को दो दिन पहले आरा मंडल कारा से अररिया जेल भेज दिया गया है लेकिन ये वीडियो उसके अररिया जाने से पहले का बताया जा रहा है.
जेल प्रशासन पर कैदी का आरोप: हाथ में मोबाइल रखे और एंड्राइड मोबाइल से वीडियो बनवा रहा बंदी अखिलेश उपाध्याय वीडियो में कह रहा है कि उससे आरा मंडल कारा के असिस्टेंट जेलर रौशन कुमार कर्ण और एक अन्य पदाधिकारी गांजा और हेरोइन जबरदस्ती बेचवाते हैं और नहीं बेचने पर उसे कम खाना देते हैं. वो ये भी कह रहा है कि असिसटेंट जेलर उससे गांजा और हेरोइन बिकवाकर उससे मलने वाले पैसे को जिला प्रशासन के पदाधिकारियों तक भी पहुंचाता है. हालांकि इस वायरल वीडियो की पुष्टी ईटीवी भारत नहीं करता है.
एसपी ने जांच के बाद होगी कार्रवाई: इस वीडियो के संबंध में जब हमने आरा मंडल कारा के असिस्टेंट जेलर रौशन कुमार कर्ण से बात किया तो उन्होंने वीडियो की जानकारी नहीं होने की बात कही और खुद लगे आरोपों को निराधार बताया. वहीं, इस वीडियो के संबंध में भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार से बातचीत की तो उन्होंने वीडियो की जांच कर आगे की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही. वायरल वीडियो को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने असिस्टेंट जेलर से मिलने मंडल कारा पहुंची तो सूचना देने के बाद भी असिस्टेंट जेलर ने ईटीवी भारत से मिलना मुनासिब नही समझा. इधर इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरा मंडल कारा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.