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भोजपुर : सदर अस्पताल में कुव्यवस्था से मरीज परेशान, अस्पताल प्रबंधन ने जाहिर की अनभिज्ञता

मरीजों के परिजनों  ने बताया कि अस्पताल परिसर में अवारे कुत्ते बड़ी संख्या में है, जिसपर अस्पताल प्रबंधन का कोई अंकुश नहीं है.

अस्पताल में कुव्यवस्था
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Published : Apr 16, 2019, 12:27 PM IST

भोजपुर: भारत के आठवें और बिहार के पहले आईएसओ मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल में कुव्यवस्थाओं का भरमार लगा हुआा है. जिले में सदर अस्पताल के वार्डों में मरीजों के रहने के साथ-साथ अवारे पशु भी से घूमते नजर आते हैं. ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों को हमेशा कुत्ते के काटने का डर सताता रहता है.

अस्पताल में कुव्यवस्था

अस्पताल प्रबंधन है बेअसर

मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल परिसर में अवारे कुत्ते बड़ी संख्या में है, जिसपर अस्पताल प्रबंधन का कोई अंकुश नहीं है. जिसके कारण अवारे कुत्ते बड़े आराम से अस्पताल परिसर के साथ वार्डों में भी घूमते हैं. वहीं अस्पताल में कुत्तों के काटने की घटनाएं भी हो चुकी है. फिर भी अस्पताल प्रबंधन इस मामले में बेअसर है.

राम भरोसे इमरजेंसी

अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड भगवान भरोसे ही है. आलम यह है कि इमरजेंसी में स्ट्रेचर, कुर्सी, खिड़कियां सभी टूटी-फूटी है. बिजली के तारों की स्थिति जर्जर हो चुकी है. जिससे खतरे की आशंका हमेशा रहती है.

जांच पड़ताल करने के दिए गये आदेश

विगत दो महीने पूर्व अस्पताल में चिकित्सकों के मनमानीपूर्ण रवैये और अव्यवस्थाओं के खिलाफ जिला पदाधिकारी ने कार्रवाई की थी. जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सकों ने जिलापदधिकारी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. वहीं सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया कि इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए जाँच पड़ताल की जाएगी और व्यवस्था में सुधार लाया जाएगा.

भोजपुर: भारत के आठवें और बिहार के पहले आईएसओ मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल में कुव्यवस्थाओं का भरमार लगा हुआा है. जिले में सदर अस्पताल के वार्डों में मरीजों के रहने के साथ-साथ अवारे पशु भी से घूमते नजर आते हैं. ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों को हमेशा कुत्ते के काटने का डर सताता रहता है.

अस्पताल में कुव्यवस्था

अस्पताल प्रबंधन है बेअसर

मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल परिसर में अवारे कुत्ते बड़ी संख्या में है, जिसपर अस्पताल प्रबंधन का कोई अंकुश नहीं है. जिसके कारण अवारे कुत्ते बड़े आराम से अस्पताल परिसर के साथ वार्डों में भी घूमते हैं. वहीं अस्पताल में कुत्तों के काटने की घटनाएं भी हो चुकी है. फिर भी अस्पताल प्रबंधन इस मामले में बेअसर है.

राम भरोसे इमरजेंसी

अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड भगवान भरोसे ही है. आलम यह है कि इमरजेंसी में स्ट्रेचर, कुर्सी, खिड़कियां सभी टूटी-फूटी है. बिजली के तारों की स्थिति जर्जर हो चुकी है. जिससे खतरे की आशंका हमेशा रहती है.

जांच पड़ताल करने के दिए गये आदेश

विगत दो महीने पूर्व अस्पताल में चिकित्सकों के मनमानीपूर्ण रवैये और अव्यवस्थाओं के खिलाफ जिला पदाधिकारी ने कार्रवाई की थी. जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सकों ने जिलापदधिकारी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. वहीं सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया कि इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए जाँच पड़ताल की जाएगी और व्यवस्था में सुधार लाया जाएगा.

Intro:भारत के आठवें और बिहार के पहले आईएसओ मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल में अव्यवस्थाओं का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। जी हां बात हो रही है भोजपुर के सदर अस्पताल की जहां
वार्डों में मरीज तो हैं ही साथ साथ अवारे पशु भी बड़े आराम से घूमते नजर आते हैं मानो वे भी अपना इलाज करा रहे हैं।ऐसे में मरीजों और परिजनों की स्थिति क्या होगी ये बखूबी समझा जा सकता है।


Body:दरअसल भोजपुर का सदर अस्पताल अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर हमेशा से विवादों में रहता आया है बावजूद इसके इसमें कोई सुधार नही हो पा रहा है। लोगों की माने तो अस्पताल में अवारे कुत्तों की एक बड़ी संख्या है जिसपर अस्पताल प्रबंधन का कोई अंकुश नही है।परिणामस्वरूप अवारे कुत्ते बड़े आराम से न सिर्फ अस्पताल परिसर में बल्किवार्डों में भी आराम से घूमते नजर आते हैं।अस्पताल में कुत्तों के काटने की भी घटनाएं हो चुकी हैं बावजूद इसके प्रबंधन इस मामले में बेअसर है।
राम भरोसे इमरजेंसी - अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड भगवान भरोसे ही है।आलम यह है कि इमरजेंसी में स्टेचर,कुर्सी,खिड़कियां सभी टूट फूट गयी हैं. बिजली के तारों को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि कोई बड़ी घटना कर्मियों के सिर पर मंडरा रही हैं।


विदित हो कि विगत दो महीने पूर्व अस्पताल में चिकित्सकों के मनमानीपूर्ण रवैये और अव्यवस्थाओं के खिलाफ जिला पदाधिकारी ने कार्यवाही की थी जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सकों ने जिलापदधिकारी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था।


Conclusion:इस बावत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया कि इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए जाँच पड़ताल की जाएगी और व्यवस्था में सुधार लाया जाएगा।
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