भोजपुर: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर हो चुकी है. इसकी बानगी आरा सदर अस्पताल (Arrah Sadar Hospital) में देखने को मिल रही है. कहने को ये अस्पताल सुविधा के मामले में ISO प्रमाणित है. लेकिन सुविधाओं के नाम पर स्ट्रेचर की जगह 'बोरा' है. ब्रेन हैमरेज के मरीज को जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो उसे बोरे में लपेटकर स्टी स्कैन से इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया गया. इस मामले में तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार के हेल्थ सिस्टम पर तंज कसा है.
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सूबे की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि-''यही श्री नीतीश कुमार का 16 वर्षों का भाजपाई विकास है''
दरअसल, इमादपुर थाना क्षेत्र के बिहटा गांव निवासी विश्वनाथ पंडित की 80 साल की पत्नी फूलझरो को ब्रेन हैमरेज हुआ. उन्हें लेकर परिजन जब सदर अस्पताल पहुंचे तो ओपीडी स्थित सीटी स्कैन सेंटर से इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट करने के लिए स्ट्रेचर ही नहीं मिला. परिजनों ने बोरा का जुगाड़ किया और लपेटकर इमरजेंसी वार्ड पहुंचाया.
बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दो ही स्ट्रेचर हैं. उस वक्त एक स्ट्रेचर पोस्टमार्टम रूम में गया हुआ था और दसरा स्ट्रेचर वार्ड में था. इस वजह से अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी स्ट्रेटर की डिमांड करने पर मरीज के परिजनों को मुहैया नहीं करा पाए.
हालांकि, इतने बड़े अस्पताल में ऐसी तस्वीरें बिहार के हेल्थ सिस्टम पर सवाल जरूर उठाती हैं. अस्पताल में सारे इंतजाम होने के बावजूद भी शर्मसार करने वाले तस्वीरें पीछे छूट ही जाती हैं. बिहार के अस्पतालों में हैरान कर देने वाली ये कोई पहली तस्वीर नहीं है. जरूरत है ऐसे सिस्टम को सुधारने की, ताकि कोई दूसरा मरीज ऐसे हालात का सामना न करे.
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