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तीन साल बाद परिवार से मिलीं तमिलनाडु की नलिनी, छलक पड़े आंसू

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Published : Mar 12, 2022, 7:52 AM IST

Updated : Mar 12, 2022, 10:50 AM IST

भोजपुर के कोइलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला (Koilwar Mental Hospital) में पिछले तीन साल से इलाजरत तमिलनाडु के सेलम की रहने वाली नलिनी को आखिरकार एक एनजीओ की मदद से उसका बिछड़ा हुआ परिवार मिला है. तीन साल बाद नलिनी अपने घर वापस जा रहीं हैं. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

तीन साल बाद अपनों से मिलीं तमिलनाडु की नलिनी
तीन साल बाद अपनों से मिलीं तमिलनाडु की नलिनी

भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले के कोइलवर स्थित बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (BSIMHAS At Koilwar) से 3 साल बाद अपने घर पहुंची तमिलनाडु के सेलम की रहने वाली नलिनी. अपनों से मिलते ही नलिनी के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. एक एनजीओ की मदद से नलिनी को बिहार के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर से रिकवर कर उसकी (Tamil Nadu Nalini Met Her Family At Koilwar) बहन को सौंपा गया. अस्पताल प्रबंधन ने कागजी कार्रवाई कर उसे एनजीओ के माध्यम से उसकी बहन को सौंप दिया. इस दौरान नलिनी ने सभी का शुक्रिया अदा किया.

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2019 में गलती से बिहार पहुंच गईं थी नलिनी: बता दें कि 2019 में सिवान के धनौती में नलिनी मिली थी. जिसके बाद उसे कोइलवर के मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराया गया था.अस्पताल प्रबंधन ने नलिनी से बातचीत कर उसके घर का पता ढूंढने की पूरी कोशिश की थी लेकिन भाषा और भौगोलिक बाधाओं की वजह से खास सफलता नहीं मिल रही थी. नलिनी तमिलनाडु की रहने वाली थी इसलिए वो हिन्दी ना तो समझ पाती न बोल सकती है. इसी बीच मारीवाला हेल्थ इनिसिएटिव नामक संस्था ने एक तमिल भाषी व्यक्ति को नलिनी के साथ बातचीत को सुविधाजनक बनाने और उसके बयान दर्ज करने के लिए रखा. बाद में नलिनी से बातचीत में पता चला कि वो तमिलनाडु के सेलम से अपनी बहन से मिलने आंध्र प्रदेश जा रही थी लेकिन गलत ट्रेन पकड़ने की वजह से वह बिहार के सिवान पहुंच गई.

एनजीओ ने तमिलनाडु पुलिस से किया संपर्क: वहीं, नलिनी से मिली जानकारी पर एनजीओ ने तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग और पुलिस से संपर्क किया. जिसके बाद पता चला कि तमिलनाडु के सेलम में उसके परिवार वालों ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. वहां से पहचान के आधार पर उसके परिजनों से संपर्क किया गया. जिसके बाद नलिनी को तीन साल बाद अपना परिवार मिला और वो अपने घर वापस लौट सकीं.
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कोइलवर मानसिक आरोग्यशाला में मरीजों के रिकवरी के लिए पहल: बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान के अधीक्षक केपी शर्मा ने कहा कि मरीजों की रिकवरी बढ़ाने के उद्देश्य से उनके लिए वॉलीबॉल, मूवी स्क्रीनिंग, ग्रुप थेरेपी और पियर सपोर्ट मीटिंग जैसी गतिविधियां शुरू की गई हैं. आगे बागवानी ब्लॉक प्रिंटिंग समेत कई अन्य कार्य्रकम शुरू कराए जाएंगे.
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भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले के कोइलवर स्थित बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (BSIMHAS At Koilwar) से 3 साल बाद अपने घर पहुंची तमिलनाडु के सेलम की रहने वाली नलिनी. अपनों से मिलते ही नलिनी के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. एक एनजीओ की मदद से नलिनी को बिहार के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर से रिकवर कर उसकी (Tamil Nadu Nalini Met Her Family At Koilwar) बहन को सौंपा गया. अस्पताल प्रबंधन ने कागजी कार्रवाई कर उसे एनजीओ के माध्यम से उसकी बहन को सौंप दिया. इस दौरान नलिनी ने सभी का शुक्रिया अदा किया.

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2019 में गलती से बिहार पहुंच गईं थी नलिनी: बता दें कि 2019 में सिवान के धनौती में नलिनी मिली थी. जिसके बाद उसे कोइलवर के मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराया गया था.अस्पताल प्रबंधन ने नलिनी से बातचीत कर उसके घर का पता ढूंढने की पूरी कोशिश की थी लेकिन भाषा और भौगोलिक बाधाओं की वजह से खास सफलता नहीं मिल रही थी. नलिनी तमिलनाडु की रहने वाली थी इसलिए वो हिन्दी ना तो समझ पाती न बोल सकती है. इसी बीच मारीवाला हेल्थ इनिसिएटिव नामक संस्था ने एक तमिल भाषी व्यक्ति को नलिनी के साथ बातचीत को सुविधाजनक बनाने और उसके बयान दर्ज करने के लिए रखा. बाद में नलिनी से बातचीत में पता चला कि वो तमिलनाडु के सेलम से अपनी बहन से मिलने आंध्र प्रदेश जा रही थी लेकिन गलत ट्रेन पकड़ने की वजह से वह बिहार के सिवान पहुंच गई.

एनजीओ ने तमिलनाडु पुलिस से किया संपर्क: वहीं, नलिनी से मिली जानकारी पर एनजीओ ने तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग और पुलिस से संपर्क किया. जिसके बाद पता चला कि तमिलनाडु के सेलम में उसके परिवार वालों ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. वहां से पहचान के आधार पर उसके परिजनों से संपर्क किया गया. जिसके बाद नलिनी को तीन साल बाद अपना परिवार मिला और वो अपने घर वापस लौट सकीं.
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कोइलवर मानसिक आरोग्यशाला में मरीजों के रिकवरी के लिए पहल: बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान के अधीक्षक केपी शर्मा ने कहा कि मरीजों की रिकवरी बढ़ाने के उद्देश्य से उनके लिए वॉलीबॉल, मूवी स्क्रीनिंग, ग्रुप थेरेपी और पियर सपोर्ट मीटिंग जैसी गतिविधियां शुरू की गई हैं. आगे बागवानी ब्लॉक प्रिंटिंग समेत कई अन्य कार्य्रकम शुरू कराए जाएंगे.
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Last Updated : Mar 12, 2022, 10:50 AM IST
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