भोजपुर: राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए 6 सितंबर तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉक डाउन के दिशा निर्देशों द्वारा स्कूल, कॉलेज और मंदिरों और धर्मिक स्थलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है. वहीं मंदिर बंद होने से पुजारियों पर आर्थिक खतरा मंडराने लगा है.
पुजारियों पर गहराता जा रहा है संकट
बता दें कि लॉक डाउन के कारण पूरी तरह से धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिसके कारण भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, तो वहीं मंदिर बंद होने की वजह से पुजारियों की रोजी-रोटी पर संकट गहराने लगा. जिसके कारण उन्हें अब काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है. इधर, मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त भी निकलते जा रहे हैं. पुजारियों की जीविका मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों के चढ़ावे पर ही टिकी होती है.
पुजारी सरकार से लगा रहे हैं गुहार
पुजारी कहते हैं कि मेरे अलावा और भी बहुत से पुजारी हैं जिन्हें लॉकडाउन में बहुत बुरी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. सरकार जैसे दूसरे वर्ग के लोगों की मदद कर रही है. वैसे ही ब्राह्मणों की मदद के लिए भी आगे आना चाहिए. मंदिर तो बंद हैं ही, बाहर भी पूजा-पाठ और कथा पर पाबंदी है. इसी के चलते समस्या दोगुनी हो गई है. सरकार सोशल डिस्टेंस का पालन करवाते हुए जल्द से जल्द मंदिर खुलवाए ताकि हम लोगों को और परेशानियां नहीं उठानी पड़े.