भोजपुर: श्रीनगर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में भोजपुर के सीआरपीएफ जवान रमेश रंजन शहीद हो गए. विशेष विमान से शहीद कांस्टेबल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास लाया गया. जहां उन्हें पुलिस सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव जगदीशपुर अनुमंडल के देव टोला गांव में पहुंचने के बाद यहां का माहौल गमगीन हो गया. सभी ने भारत माता की जय, जय जवान, वंदे मातरम के नारे लगाते हुए शहीद को अंतिम विदाई दी. इस दौरान परिजनों का रो-रोकर बदहवास हो जा रहे थे. अंतिम दर्शन को हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सबकी आंखें नम थी.
पिता ने की परमवीर चक्र की मांग
शहीद के पिता राधा मोहन सिंह ने सरकार से यह मांग की है कि हमें कोई मुआवजा नहीं चाहिए. हमारे शहीद बेटे को परमवीर चक्र से दिया जाए. वहीं, मां का रो-रोकर बुरा हाल है. पत्नी बदहवास है. वहीं, जवान का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया.
पटना एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि
श्रीनगर से जवान का पार्थिव शरीर पटना लाया गया. पटना एयरपोर्ट पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे सहित जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों ने उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर उन्हें भावनात्मक श्रद्धांजलि दी. इसके बाद जवान का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा.
श्रीनगर को गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद से जोड़ने वाले श्रीनगर-बारामुला हाईवे पर लावेपोरा नारबल नाके पर स्कूटी से आए तीन आतंकवादियों ने अचानक सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोल दिया. सीआरपीएफ की 73वीं बटालियन के सतर्क जवान भी तुरंत हरकत में आते हुए भाग रहे आतंकवादियों को मार गिराया. इस मुठभेड़ में भोजपुर के आरा के रहने वाले सीआरपीफ कांस्टेबल जीडी रमेश रंजन शहीद हो गए.
शहीद जवान रमेश का घर भोजपुर के जगदीशपुर इलाके के इसाढ़ी देवटोला गांव में है. पिता राधामोहन सिंह की पांच संतानों में सबसे छोटे बेटे रमेश ने 2011 में सीआरपीएफ ज्वाइन की थी. देशभक्ति से लबरेज रमेश की पहली पोस्टिंग संभलपुर ओडिशा में हुई थी. रमेश की शादी दो साल पहले हुई थी. बुधवार को आतंकियों से हुए एनकाउंटर में जहां तीनों आतंकवादी मार गिराए गए. वहीं, रमेश ने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी.
गोद हो गई सूनी- मां
परिवार वालो को जैसे ही बेटे के शहीद होने की खबर मिली, परिवार समेत पूरे गांव में मातमी सन्नाटा फैल गया. देश की सेवा में प्राण न्यौछावर करने वाले रमेश रंजन के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद की मां का कहना है कि मेरी गोद सूनी हो गई. वो रोते-रोते गश खाकर गिर जा रही हैं.