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भोजपुर: बालू लदे वाहनों से पानी गिरने से सड़कें हो रही खराब - ट्रकों से गिरता पानी

एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने गीला बालू के उत्खनन और प्रवेश पर रोक लगाया है. बावजूद इसके बालू कंपनी नियम की धज्जियां उड़ाते हुए पानी सने बालू को ट्रकों पर लोड करती है, जिससे सड़कें खराब हो रही हैं.

Road bad condition
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Published : Jan 22, 2021, 3:26 PM IST

भोजपुर: सकड्डी-नासरीगंज स्टेट हाइवे, आरा-छपरा फोरलेन सड़क और कोइलवर-छपरा लिंक रोड पर बालू लदे ट्रकों से पानी गिरने से सड़कें खराब हो रही हैं. ट्रकों पर क्षमता से अधिक बालू लदे होने के कारण जहां सड़के धंस गई हैं, तो वहीं, ट्रकों से गिरता पानी सड़क को जर्जर कर रही है.

कोइलवर-छपरा लिंक रोड में शुक्रवार के अहले सुबह से ही जाम लगी हुई है. इस कारण बालू लदे ट्रकों से पानी गिरने से सड़क पर बरसात जैसा दृश्य हो गया है. मालूम हो कि एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने गीला बालू के उत्खनन और प्रवेश पर रोक लगाया है. बावजूद इसके बालू कंपनी नियम की धज्जियां उड़ाते हुए पानी सने बालू को ट्रकों पर लोड करती है, जिससे सड़कें खराब हो रही हैं.

पढ़ें: बाइक चोरी की घटनाओं में लापरवाही पर 4 ASI सस्पेंड, थानेदार को शो कॉज

नियमानुसार वाहनों ‌पर सूखा हुआ बालू लादना है. लेकिन‌ खनन अधिनियम को‌ धत्ता बताते हुए घाट संचालक जेसीबी के द्वारा सोन नदी से बालू निकाल कर सीधे वाहनों पर लाद देते हैं और फिर ये वाहन सड़क पर कुछ देर खड़े हो कर पानी सूखने का इंतजार करते हैं. या फिर अधिकांश वाहन इसी स्थिति में अपने गंतव्य की ओर चल पड़ते हैं. इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है.

ये भी पढ़ें: शिक्षक अभ्यर्थियों को उकसा रहे हैं तेजस्वी यादव : संतोष कुमार सुमन

सड़क के दोनों किनारों पर घंटों खड़े सैंकड़ों बालू लदे ट्रकों से सरेआम चूता हुआ पानी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. पानी चूने से सड़क के किनारे झील जैसा नजारा देखा जा सकता है.

भोजपुर: सकड्डी-नासरीगंज स्टेट हाइवे, आरा-छपरा फोरलेन सड़क और कोइलवर-छपरा लिंक रोड पर बालू लदे ट्रकों से पानी गिरने से सड़कें खराब हो रही हैं. ट्रकों पर क्षमता से अधिक बालू लदे होने के कारण जहां सड़के धंस गई हैं, तो वहीं, ट्रकों से गिरता पानी सड़क को जर्जर कर रही है.

कोइलवर-छपरा लिंक रोड में शुक्रवार के अहले सुबह से ही जाम लगी हुई है. इस कारण बालू लदे ट्रकों से पानी गिरने से सड़क पर बरसात जैसा दृश्य हो गया है. मालूम हो कि एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने गीला बालू के उत्खनन और प्रवेश पर रोक लगाया है. बावजूद इसके बालू कंपनी नियम की धज्जियां उड़ाते हुए पानी सने बालू को ट्रकों पर लोड करती है, जिससे सड़कें खराब हो रही हैं.

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नियमानुसार वाहनों ‌पर सूखा हुआ बालू लादना है. लेकिन‌ खनन अधिनियम को‌ धत्ता बताते हुए घाट संचालक जेसीबी के द्वारा सोन नदी से बालू निकाल कर सीधे वाहनों पर लाद देते हैं और फिर ये वाहन सड़क पर कुछ देर खड़े हो कर पानी सूखने का इंतजार करते हैं. या फिर अधिकांश वाहन इसी स्थिति में अपने गंतव्य की ओर चल पड़ते हैं. इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है.

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सड़क के दोनों किनारों पर घंटों खड़े सैंकड़ों बालू लदे ट्रकों से सरेआम चूता हुआ पानी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. पानी चूने से सड़क के किनारे झील जैसा नजारा देखा जा सकता है.

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