पटनाः महागठबंधन की सरकार बनने के 1 साल के बाद राजद को पार्टी कार्यालय के विस्तार के लिए नया भूखंड मिल गया है, जिसकी मांग वो लंबे समय से कर रहे थे, लेकिन नीतीश कुमार ने पहले देने से मना कर दिया था. अब जबकि सरकार में राजद सबसे बड़ी पार्टी है, इसलिए राजद कार्यालय से सटा भूखंड उसे मिल गया है. अब पार्टी कार्यालय में नया भवन और अन्य सुविधाओं का विस्तार होगा.
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जदयू-राजद पार्टी कार्यालय विस्तार पर सियासतः वहीं जदयू भी पार्टी कार्यालय को नया लुक देने में लगी है. 2020 विधानसभा चुनाव से पहले जदयू में आधुनिक कर्पूरी सभागार का निर्माण हुआ था, अब पार्टी कार्यालय में नया हॉल और कई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, लेकिन पार्टी कार्यालय को लेकर सियासत भी शुरू है. बीजेपी का कहना है कि राजद और जदयू सत्ता में है और सत्ता में रहने के कारण वो जो चाहे कर लें. ऐसे बिहार में आरजेडी के बराबर ही विधायक बीजेपी के हैं.
"बीजेपी कार्यालय के बगल में जो भूखंड है सरकार को उसे बीजेपी को दे देना चाहिए. हमारे सबसे अधिक सांसद है और विधान परिषद में भी हम सबसे बड़ी पार्टी हैं. आरजेडी के बराबर ही विधायक बीजेपी के हैं"- अरविंद सिंह, भाजपा, प्रवक्ता
जदयू का बीजेपी पर पलटवारः बीजेपी के आरोप पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार और मनजीत सिंह का कहना है कि भाजपा देश में किस तरह से कार्यालय खोल रही है, इसका हम लोग खुलासा करें, क्या सरकार नियम के तहत ही राजद को कार्यालय दे रही है और जदयू का कार्यालय तो काफी पुराना है. जदयू प्रवक्ता मनजीत सिंह का तो यहां तक कहना है कि भाजपा ने दिल्ली में जो कार्यालय बनाया है, उस पर 500 करोड़ की राशि खर्च की है और पूरे देश में 900 कार्यालय के लिए किस प्रकार से जमीन खरीदी गई है इसलिए बीजेपी को बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है.
जदयू और राजद पार्टी कार्यालय का विस्तारः नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की देख-रेख में जदयू और राजद कार्यालय का विस्तार हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देखरेख में ही जदयू कार्यालय का विस्तार हो रहा है नया आकर दिया जा रहा है और आधुनिक ढंग से तैयार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री पिछले दिनों निरीक्षण करने भी पहुंचे थे तो वहीं तेजस्वी यादव की देखरेख में ही राजद कार्यालय का विस्तार होने जा रहा है, तेजस्वी यादव ने भी नया भूखंड मिलने के बाद निरीक्षण किया था.
विधानसभा और लोकसभा में पार्टियों का संख्या बलः बिहार विधानसभा में राजद के 79 विधायक, बीजेपी के 78 विधायक और 17 लोकसभा सांसद. जदयू के 45 विधायक और 16 लोकसभा सांसद, लोजपा पारस गुट के पास पांच लोक सभा सांसद और चिराग पासवान के पास एक सांसद, कांग्रेस के पास 19 विधायक और एक लोकसभा सांसद, माले के पास 12 विधायक, सीपीआई और सीपीएम के पास दो-दो विधायक, हम के पास चार विधायक, एआइएमआइएम के पास एक विधायक हैं. लेकिन आरजेडी, भाजपा, जदयू और लोजपा पशुपति पारस गुट के पास ही सरकारी कार्यालय है. अन्य दलों का कार्यालय उनके विधायक आवास से चलाया जा रहा है कांग्रेस ने सरकारी कार्यालय नहीं लिया है उनका अपना कार्यालय है.
इन पार्टियों के पास नहीं है सरकारी कार्यालयः बिहार में पार्टी कार्यालय के लिए कई दलों की ओर से मांग होती रही है, लेकिन बिहार में फिलहाल बीजेपी, आरजेडी, जदयू और पशुपति पारस की लोजपा के पास ही सरकारी कार्यालय है. हम का कार्याकाल जीतनराम मांझी के आवास से चलता है तो वही कम्युनिस्ट पार्टी का कार्यालय भी उनके विधायकों के आवास से ही संचालित होता है. जबकि कांग्रेस का सदाकत आश्रम में अपना कार्यालय है. उपेंद्र कुशवाहा भी अपने सरकारी आवास से ही कार्यालय चला रहे हैं, चिराग पासवान भी निजी आवास में कार्यालय चला रहे हैं. बसपा का भी अपना कार्यालय है तो कुल मिलाकर देखें तो चार दलों को छोड़कर अधिकांश के पास सरकारी कार्यालय नहीं है.