भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में गुरुवार को बिहार प्रदेश जनता दल के 9 नेताओं ने इस्तीफा (Nine JDU leaders resign in Ara) देने का ऐलान किया. प्रदेश महासचिव (श्रम एवं तकनीकी प्रकोष्ठ) सुनील पाठक ने आरा शहर के निजी होटल में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी. भोजपुर समेत शाहबाद में जदयू के अस्तित्व पर अब खतरा मंडराने लगा है. अगर पिछले दो दिनों की बात करें तो करीब 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने जदयू से इस्तीफा देने की पेशकश कर चुका है.
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बिहार में अपहरण उद्योग शुरूः प्रेस कांफ्रेंस में जदयू कार्यकर्ताओं के साथ इस्तीफा देने का औपचारिक ऐलान करते हुए सुनील पाठक ने बताया कि बिहार में जब से जदयू और राजद गठबंधन की सरकार चल रही है, उसी समय से लूटपाट, अपहरण, बलात्कार, हत्या, डकैती की घटना बढ़ने लगी हैं. बिहारवासी डरे सहमे हैं. किसी को बिहार की चिंता नहीं है. पिछले दिनों डॉक्टर का अपहरण हुआ, लेकिन आज तक कुछ पता नहीं चल सका. जिससे प्रतीत होता है कि बिहार में अपहरण उद्योग शुरू हो गया है.
कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिल रहाः सुनील पाठक ने बताया कि बिहार में जदयू की राजनीति अब केवल पटना तक ही रह गई है. पार्टी के अंदर अब किसी कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिल रहा है. पिछले कई सालों से बिहार के आयोग, बोर्ड व विभिन्न कमिटी का गठन नहीं हो पाया है, जिससे कार्यकर्ताओं में रोष है. सिर्फ गणेश परिक्रमा करने वाले लोग या कार्यालय का चक्कर लगाने वाले लोग ही बचे हैं. ऐसे में आज पार्टी की कार्यशैली व नीति से विक्षुब्ध होकर पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेता, कार्यकर्ता लगातार पार्टी छोड़कर जा रहे है.
इन नेताओं ने दिया इस्तीफाः गुरुवार को इस्तीफा देने वालों में सुनील पाठक के अलावा, युवा जदयू बक्सर के पूर्व जिलाध्यक्ष रतन सिंह, युवा जदयू पूर्व संदेश विधानसभा प्रभारी अमित सम्राट, युवा जदयू पूर्व जिला महासचिव अंकित राज, छात्र प्रतिनिधि एसबी कॉलेज प्रियांशु कुशवाहा, युवा पूर्व जिला महासचिव अमलेश कुशवाहा, जदयू सेवादल पूर्व जिला महासचिव मुरारी सिंह, पूर्व जिला सचिव कृष्णा सिंह, पूर्व जिला महासचिव युवा राजेश पांडेय शामिल हैं. इसके साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जदयू से खुद को अलग कर लिया है.
"मैं जदयू के साथ 18 वर्षों से जुड़ा रहा. इस दौरान छात्र, युवा प्रकोष्ठ में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुका हूं. मैं लगातार संगठन की मजबूती और सरकार के नीति को लेकर गांव गांव तक प्रचार प्रसार किया लेकिन जब से राजद के साथ गठबंधन में सरकार आई है, हमलोगों को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं"- सुनील पाठक