भोजपुर: आरा जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर चार की दीवारों पर बन रही मधुबनी पेटिंग (Madhabani Painting) का अब विरोध शुरू हो गया है. भोजपुरी से जुड़े कलाकारों और रंगकर्मियों ने भोजपुरी संस्कृति से जुड़ी पेंटिंग व कला को आरा स्टेशन पर स्थान देने की मांग की है. मधुबनी पेंटिंग को हटाने की मांग एक आंदोलन का रूप ले चुकी है. इसमें पेंटर, कलाकार, नाटक मंच और कई वर्ग के लोग शामिल होकर एकजुटता से लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
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मधुबनी पेंटिंग का विरोध
बता दें कि आरा स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर-4 चार और दूसरी तरफ आरा का मुख्य गेट का निर्माण कार्य चल रहा है. इस निर्माण कार्य में दानापुर रेल मंडल की तरफ से दीवारों पर मधुबनी पेंटिंग कराने का निर्देश दिया गया है. जिसके बाद निजी ठेकेदार द्वारा मधुबनी से कलाकार को बुलाकर रेलवे की दीवारों पर मधुबनी पेटिंग कराई जा रही है. पेटिंग शुरू होने के साथ ही धीरे-धीरे पूरे जिले में इसके विरोध में सुर उठने लगे हैं.
भोजपुरी पेंटिंग कराये जाने की मांग
भोजपुरिया समाज की मांग है कि भोजपुर और आसपास के भोजपुरी भाषी जिलों में मधुबनी की जगह भोजपुरी पेटिंग कराया जाए, ताकि बाहर से आने-जाने वाले यात्री यहां के इतिहास और स्थानीय चीजों से वाकिफ हो सके. भोजपुरी पेंटिंग की मांग करने वाले आरा के मशहूर भोजपुरी पेंटर कमलेश कुंदन ने कहा कि यहां के कलाकार मधुबनी पेंटिंग का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि सिर्फ मधुबनी की जगह भोजपुरी पेंटिंग की मांग कर रहे हैं.
'मधुबनी पेंटिंग की पहचान ना सिर्फ बिहार में बल्कि पूरे देश में खासी पहचान है. अब बारी है भोजपुरी पेंटिंग को पहचान दिलाने की. इसकी मांग दानापुर रेल मंडल से की गई है. हमें उम्मीद है कि हमारी मांग पूरा किया जायेगा.' :- कमलेश कुंदन, भोजुपरी पेंटिंग कलाकार
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लिखित आवेदन पर रेलवे करेगा विचार
भोजपुरी पेंटिंग की मांग को लेकर बजरंग जिलाध्यक्ष चंदन ओझा ने कहा कि हम मधुबनी पेंटिंग का हम सम्मान करते हैं. लेकिन आरा स्टेशन पर अगर भोजपुर का इतिहास और यहां के मशहूर चीजों को नहीं दिखाया जायगा तो कहां जगह मिलेगी. इस मामले में आरा स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि यहां के लोगों की मांग को दानापुर डीआरएम तक पहुंचाया गया गया है. उन्होंने कहा कि भोजपुर वासियों के लिए ये सम्मान की बात है तो उसे रेलवे जरूर मानेगी. अब तक कोई लिखित आवेदन नहीं मिला है. अगर वो मिलता है तो हम जरूर इस पर विचार किया जाएगा.