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भोजपुर: लावारिश लड़की का स्वयंसेवियों ने कराया इलाज, लोगों ने सराहा

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Published : Sep 6, 2020, 9:20 PM IST

भोजपुर जिले के आरा जैन कॉलेज के गेट पर दो दिन से लावारिस पड़ी एक युवती को स्वयंसेवियों ने सदर अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान स्वयंसेवकों ने कहा कि दुखद है कि सदर में कुछ लोग ही सेवा भाव और कर्मठता का परिचय दे पा रहे हैं.

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लावारिश लड़की का स्वयंसेवियों ने कराया इलाज.

भोजपुर(आरा): जिले के आरा जैन कॉलेज के गेट पर दो दिन से एक लड़की लावारिस अवस्था में पड़ी हुई थी, जिस लड़की का नाम राधिका बताया जा रहा है. इस बात की खबर जैसे ही एनएसएस के कार्यकर्ता अनूप और इनरव्हील क्लब अरण्या की शाखा समिति प्रमुख को लगी तो, उन्होंने रोटरी आरा सेंट्रल प्रेसिडेंट इलेक्ट पुनीता सिंह, सदर प्रबंधक मनोज कुमार और आरा यूथ ग्रुप के सहयोग से स्थानीय रीना जी के साथ मिलकर सदर अस्पताल इमरजेंसी पहुंचाया.

कुछ लोग ही सेवा भाव और कर्मठता का दे रहे हैं परिचय
जानकारी के मुताबिक उस लवारिस का कपड़ा बदल कर जनरल कक्ष तक पहुंचाया गया. पुनिता सिंह ने कहा कि दुखद है कि सदर में कुछ लोग ही सेवा भाव और कर्मठता का परिचय दे पा रहे हैं. साथ ही साथ यह भी कहा कि किसी मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करने से भी बड़ा धर्म कर्म है. इन्हें लावारिस ना समझे.

कोई भी स्टॉफ नहीं किया सहयोग
स्वयंसेवक अनूप कुमार ने बताया कि लावारिस को हम लोगों ने स्वयं उठाकर एंबुलेंस में डाला एवं स्वयं अस्पताल परिसर में स्ट्रेचर पर रखकर वार्ड तक ले गए. इस बीच कोई भी स्टॉफ हाथ नहीं लगा रहा था. सभी कर्माचारी एक दूसरे पर बात को टाल रहे थे.
बहरहाल देखना है कि क्या अस्पताल प्रबंधन इस लावारिस लड़की का इलाज सही रूप से कर पाती है या भगवान भरोसे ही छोड़ दिया जाएगा.

भोजपुर(आरा): जिले के आरा जैन कॉलेज के गेट पर दो दिन से एक लड़की लावारिस अवस्था में पड़ी हुई थी, जिस लड़की का नाम राधिका बताया जा रहा है. इस बात की खबर जैसे ही एनएसएस के कार्यकर्ता अनूप और इनरव्हील क्लब अरण्या की शाखा समिति प्रमुख को लगी तो, उन्होंने रोटरी आरा सेंट्रल प्रेसिडेंट इलेक्ट पुनीता सिंह, सदर प्रबंधक मनोज कुमार और आरा यूथ ग्रुप के सहयोग से स्थानीय रीना जी के साथ मिलकर सदर अस्पताल इमरजेंसी पहुंचाया.

कुछ लोग ही सेवा भाव और कर्मठता का दे रहे हैं परिचय
जानकारी के मुताबिक उस लवारिस का कपड़ा बदल कर जनरल कक्ष तक पहुंचाया गया. पुनिता सिंह ने कहा कि दुखद है कि सदर में कुछ लोग ही सेवा भाव और कर्मठता का परिचय दे पा रहे हैं. साथ ही साथ यह भी कहा कि किसी मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करने से भी बड़ा धर्म कर्म है. इन्हें लावारिस ना समझे.

कोई भी स्टॉफ नहीं किया सहयोग
स्वयंसेवक अनूप कुमार ने बताया कि लावारिस को हम लोगों ने स्वयं उठाकर एंबुलेंस में डाला एवं स्वयं अस्पताल परिसर में स्ट्रेचर पर रखकर वार्ड तक ले गए. इस बीच कोई भी स्टॉफ हाथ नहीं लगा रहा था. सभी कर्माचारी एक दूसरे पर बात को टाल रहे थे.
बहरहाल देखना है कि क्या अस्पताल प्रबंधन इस लावारिस लड़की का इलाज सही रूप से कर पाती है या भगवान भरोसे ही छोड़ दिया जाएगा.

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