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भोजपुरः इस अस्पताल में मरीजों की एंट्री पर बैन, डॉक्टर को कागज पर लिखकर भेजते हैं समस्या

कोइलवर में स्थित मानसिक आरोग्यशाला में इलाज कराने आ रहे मरीजों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. मरीज बाहर से पूर्जे पर अपनी समस्या लिखकर गार्ड के माध्यम से डॉक्टर तक पहुंचा रहे हैं. उसी आधार पर डॉक्टर दवा लिख रहे हैं.

भोजपुर
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Published : May 20, 2020, 12:43 PM IST

Updated : May 20, 2020, 4:44 PM IST

भोजपुरः कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप ने सभी की समस्या बढ़ा दी है. कोइलवर में स्थित मानसिक आरोग्यशाला में इलाज कराने आ रहे मरीजों और उनके परिजनों को भी कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है.

मरीज से नहीं मिलते डॉक्टर
मरीज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में प्रवेश नहीं मिल रहा है. रोगी की बारी के इंतजार में अस्पताल के बाहर घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है. बारी आने के बाद भी डॉक्टर मरीज को देख नहीं रहे हैं. कागज पर समस्या लिखकर अस्पताल के गार्ड को देना होता है. गार्ड वह कागज लेकर डॉक्टर को देता है. कागज पर लिखी समस्या के आधार पर डॉक्टर दवा लिखते हैं. लोगों ने बताया कि लिखी गई दवा अस्पताल में नहीं मिलती है. किसी खास दुकान से दवा खरीदने की सलाह दी जाती है.

भोजपुर
अस्पताल के बाहर धूप में अपनी बारी का इंतजार करते मरीज

संक्रमण का है डर- डॉक्टर
इस संबंध में पूछे जाने पर ओपीडी में उपस्थित डॉ. एसडी राम ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कागज पर मरीज की समस्या लिखवाकर उसी आधार पर दवा लिखी जा रही है. वहीं, मरीजों को घंटों धूप में खड़े रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ परेशानियां जरूर हैं, लेकिन जल्द ही इनका समाधान कर दिया जाएगा.

बता दें कि जिले का इकलौता मानसिक आरोग्यशाला होने कारण यहां मरीजों की भीड़ लग रही है. यहां दूर-दराज से मरीज पहुंचते हैं.

भोजपुरः कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप ने सभी की समस्या बढ़ा दी है. कोइलवर में स्थित मानसिक आरोग्यशाला में इलाज कराने आ रहे मरीजों और उनके परिजनों को भी कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है.

मरीज से नहीं मिलते डॉक्टर
मरीज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में प्रवेश नहीं मिल रहा है. रोगी की बारी के इंतजार में अस्पताल के बाहर घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है. बारी आने के बाद भी डॉक्टर मरीज को देख नहीं रहे हैं. कागज पर समस्या लिखकर अस्पताल के गार्ड को देना होता है. गार्ड वह कागज लेकर डॉक्टर को देता है. कागज पर लिखी समस्या के आधार पर डॉक्टर दवा लिखते हैं. लोगों ने बताया कि लिखी गई दवा अस्पताल में नहीं मिलती है. किसी खास दुकान से दवा खरीदने की सलाह दी जाती है.

भोजपुर
अस्पताल के बाहर धूप में अपनी बारी का इंतजार करते मरीज

संक्रमण का है डर- डॉक्टर
इस संबंध में पूछे जाने पर ओपीडी में उपस्थित डॉ. एसडी राम ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कागज पर मरीज की समस्या लिखवाकर उसी आधार पर दवा लिखी जा रही है. वहीं, मरीजों को घंटों धूप में खड़े रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ परेशानियां जरूर हैं, लेकिन जल्द ही इनका समाधान कर दिया जाएगा.

बता दें कि जिले का इकलौता मानसिक आरोग्यशाला होने कारण यहां मरीजों की भीड़ लग रही है. यहां दूर-दराज से मरीज पहुंचते हैं.

Last Updated : May 20, 2020, 4:44 PM IST
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