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भोजपुर: नहीं मिला स्ट्रेचर, बोरा में लादकर मरीज को लाया गया अस्पताल

भोजपुर के सदर अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिलने से एक मरीज को प्लास्टिक के बोरे में लादकर अस्पताल लाया गया. अस्पताल प्रबंधन का कहना है स्ट्रेचर पोस्टमार्टम में था, इसलिए तत्काल तब उपलब्ध नहीं हो सका था. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Sep 11, 2021, 11:28 AM IST

भोजपुर: बिहार सरकार (Bihar Government) भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने का दावा लागातार कर रही हो लेकिन सरकारी अस्पतालों की हालत अभी भी सवालों के घेरे में है. भोजपुर (Bhojpur) के सरकारी सदर अस्पताल (Sadar Hospital)की एक तस्वीर ऐसे हालात की कहानी बयां कर रही है. जहां ब्रेन हैमरेज से पीड़ित बुजुर्ग महिला मरीज के परिजनों को स्ट्रेचर के लिए अस्पताल में इधर-उधर भटकना पड़ा. जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो वे मजबूरी में परिजन पॉलीथिन शीट में महिला मरीज को किसी तरह लपेट कर एक वार्ड से दूसरे वार्ड का चक्कर लगाने लगे.

ये भी पढ़ें: ग्राउंड रिपोर्ट: मुखिया से जनता मांग रही 5 साल के काम का हिसाब, बुजुर्ग ने लाठी से खोली विकास की पोल

अस्पतालकर्मियों के मनमाने रवैये की वजह से गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंची वृद्धा को न तो अस्पताल से एम्बुलेंस उपलब्ध हुआ और न ही स्ट्रेचर. अस्पतालकर्मियों की ओर से कहा गया कि स्ट्रेचर कहीं और व्यस्त है, इंतजार करिये. परिजनों ने बताया कि मरीज की हालत ज्यादा खराब थी, इसलिए हम लोग जैसे-तैसे उनको इलाज के लिए लाये. यहां सदर अस्पताल के मैनेजर के मुताबिक स्ट्रेचर खाली नहीं होने के कारण मरीज के परिजनों को कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा गया था. लेकिन बिना बताये ही परिजन मरीज को किसी तरह टांग कर इलाज करवाने के लिए निकल गए.

ये भी पढ़ें: भोजपुर के निलंबित MVI के आवास पर आर्थिक अपराध इकाई की छापेमारी, मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज

जानकारी के अनुसार आरा सदर अस्पताल में इलाज कराने आई बीमार वृद्ध महिला तरारी प्रखंड के बिहटा गांव निवासी फुलझारो देवी बताई जा रही है. महिला के परिजनों ने बताया कि अचानक उनकी तबियत खराब हो गई और जब चिकित्सक से उनको दिखाया गया तो ब्रेन हैमरेज की बात बताई गई. जिसके बाद हम लोग इलाज कराने के लिए आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी में आये. यहां चिकित्सक ने उनका सीटी स्कैन कराने की बात कही. जब वो मरीज का सीटी स्कैन कराने के लिए अस्पतालकर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की तो इंतजार करने को कहा गया.

देखें रिपोर्ट

मरीज की हालत ज्यादा खराब देख परिजन किसी तरह पॉलीथिन शीट का सहारा लेते हुए उन्हें उसमें लपेटकर ले गए. जब अस्पताल प्रबंधन से इस बाबत पूछा गया तो हॉस्पिटल मैनेजर ने गोल मटोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि एक स्ट्रेचर पोस्टमार्टम रूम में था. दूसरा स्ट्रेचर कहीं वार्ड में था. इसलिए समय पर उन लोगों को स्ट्रेचर उप्लब्ध नहीं हो सका. अस्पतालकर्मियों द्वारा उन्हें कुछ देर इंतजार करने को कहा गया लेकिन वे नहीं माने.

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भोजपुर: बिहार सरकार (Bihar Government) भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने का दावा लागातार कर रही हो लेकिन सरकारी अस्पतालों की हालत अभी भी सवालों के घेरे में है. भोजपुर (Bhojpur) के सरकारी सदर अस्पताल (Sadar Hospital)की एक तस्वीर ऐसे हालात की कहानी बयां कर रही है. जहां ब्रेन हैमरेज से पीड़ित बुजुर्ग महिला मरीज के परिजनों को स्ट्रेचर के लिए अस्पताल में इधर-उधर भटकना पड़ा. जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो वे मजबूरी में परिजन पॉलीथिन शीट में महिला मरीज को किसी तरह लपेट कर एक वार्ड से दूसरे वार्ड का चक्कर लगाने लगे.

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अस्पतालकर्मियों के मनमाने रवैये की वजह से गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंची वृद्धा को न तो अस्पताल से एम्बुलेंस उपलब्ध हुआ और न ही स्ट्रेचर. अस्पतालकर्मियों की ओर से कहा गया कि स्ट्रेचर कहीं और व्यस्त है, इंतजार करिये. परिजनों ने बताया कि मरीज की हालत ज्यादा खराब थी, इसलिए हम लोग जैसे-तैसे उनको इलाज के लिए लाये. यहां सदर अस्पताल के मैनेजर के मुताबिक स्ट्रेचर खाली नहीं होने के कारण मरीज के परिजनों को कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा गया था. लेकिन बिना बताये ही परिजन मरीज को किसी तरह टांग कर इलाज करवाने के लिए निकल गए.

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जानकारी के अनुसार आरा सदर अस्पताल में इलाज कराने आई बीमार वृद्ध महिला तरारी प्रखंड के बिहटा गांव निवासी फुलझारो देवी बताई जा रही है. महिला के परिजनों ने बताया कि अचानक उनकी तबियत खराब हो गई और जब चिकित्सक से उनको दिखाया गया तो ब्रेन हैमरेज की बात बताई गई. जिसके बाद हम लोग इलाज कराने के लिए आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी में आये. यहां चिकित्सक ने उनका सीटी स्कैन कराने की बात कही. जब वो मरीज का सीटी स्कैन कराने के लिए अस्पतालकर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की तो इंतजार करने को कहा गया.

देखें रिपोर्ट

मरीज की हालत ज्यादा खराब देख परिजन किसी तरह पॉलीथिन शीट का सहारा लेते हुए उन्हें उसमें लपेटकर ले गए. जब अस्पताल प्रबंधन से इस बाबत पूछा गया तो हॉस्पिटल मैनेजर ने गोल मटोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि एक स्ट्रेचर पोस्टमार्टम रूम में था. दूसरा स्ट्रेचर कहीं वार्ड में था. इसलिए समय पर उन लोगों को स्ट्रेचर उप्लब्ध नहीं हो सका. अस्पतालकर्मियों द्वारा उन्हें कुछ देर इंतजार करने को कहा गया लेकिन वे नहीं माने.

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