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महिला मुखिया को मारपीट के केस में जेल, फैसला सुनते ही हुई बेहोश

न्यायाधीश ने कोर्ट में सरेंडर करने पहुंची मुखिया को जेल भेजने का फैसला सुनाया. फैसला सुनाते ही मुखिया कुसुम देवी (Mukhiya Kusum Devi) गस्त खा कर कोर्ट परिसर में ही गिर पड़ी. आनन-फानन में पुलिसकर्मियों और परिजनों के मदद से मुखिया को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. पढ़ें पूरी खबर..

महिला मुखिया को मारपीट मामले में जेल
महिला मुखिया को मारपीट मामले में जेल
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Published : Aug 2, 2022, 11:03 PM IST

भोजपुर: आरा सदर प्रखंड के पिरौटा पंचायत की मुखिया कुसुम देवी को मारपीट के मामले में जेल (Mukhiya Kusum Devi Jailed For Assault) हुई है. वह एसटी-एससी कोर्ट में सरेंडर करने पहुंची थी. जहां न्यायाधीश ने मुखिया का बेल खारिज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फैसला सुनाया. फैसले के सुनते ही मुखिया गश्त खाकर जमीन पर गिर पड़ी. जिस कारण कोर्ट में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया. हालांकि, कोर्ट में मौजूद पुलिसकर्मियों ने मुखिया को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया.

यह भी पढ़ें: मोतिहारी में अपराधियों ने महिला मुखिया पर की फायरिंग

दलित समाज के लोगों से मारपीट: गौरतलब है कि महिला मुखिया और उनके पति समेत कई लोगों पर 25 जून 2022 को गांव के ही दलित समाज के लोगों ने जाती सूचक शब्द प्रयोग करने और मारपीट करने का केस दर्ज कराया गया था. जिसके बाद से मुखिया और उनके पति फरार चल रहे थे. कुछ दिन पूर्व मुखिया पति देवेश यादव उर्फ गुड्डू यादव ने मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था और आज उसी केस में मुखिया कुसुम देवी कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल लेने के लिए सरेंडर करने पहुंची थीं लेकिन न्यायाधीश ने बेल खारिज कर दिया.

सजा मिलते ही तबीयत हुई खराब: कोर्ट ने महिला मुखिया को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फैसला सुनाया. फैसला सुनते ही मुखिया की तबियत अचानक खराब हो गई और वही गस्त खा कर गिर पड़ी. जिसके बाद कोर्ट परिसर से मुखिया को पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. सदर अस्पताल के चिकित्सक अमन कुमार ने बताया कि मरीज की हालत अभी नॉर्मल है लेकिन लगातार डॉक्टर की निगरानी में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है. जैसे ही स्थिति नियंत्रण में आएगी मुखिया को कैदी वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

वहीं आरोपी मुखिया के परिजनों ने बताया कि इनको झूठे केस में फंसाया गया है. पंचायत के कुछ दबंग लोगों ने दलितों को भड़का कर एसटी एक्ट के तहत का झूठा केस करा दिया है. जिसके वजह से आज यह नौबत आई है.

भोजपुर: आरा सदर प्रखंड के पिरौटा पंचायत की मुखिया कुसुम देवी को मारपीट के मामले में जेल (Mukhiya Kusum Devi Jailed For Assault) हुई है. वह एसटी-एससी कोर्ट में सरेंडर करने पहुंची थी. जहां न्यायाधीश ने मुखिया का बेल खारिज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फैसला सुनाया. फैसले के सुनते ही मुखिया गश्त खाकर जमीन पर गिर पड़ी. जिस कारण कोर्ट में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया. हालांकि, कोर्ट में मौजूद पुलिसकर्मियों ने मुखिया को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया.

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दलित समाज के लोगों से मारपीट: गौरतलब है कि महिला मुखिया और उनके पति समेत कई लोगों पर 25 जून 2022 को गांव के ही दलित समाज के लोगों ने जाती सूचक शब्द प्रयोग करने और मारपीट करने का केस दर्ज कराया गया था. जिसके बाद से मुखिया और उनके पति फरार चल रहे थे. कुछ दिन पूर्व मुखिया पति देवेश यादव उर्फ गुड्डू यादव ने मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था और आज उसी केस में मुखिया कुसुम देवी कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल लेने के लिए सरेंडर करने पहुंची थीं लेकिन न्यायाधीश ने बेल खारिज कर दिया.

सजा मिलते ही तबीयत हुई खराब: कोर्ट ने महिला मुखिया को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फैसला सुनाया. फैसला सुनते ही मुखिया की तबियत अचानक खराब हो गई और वही गस्त खा कर गिर पड़ी. जिसके बाद कोर्ट परिसर से मुखिया को पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. सदर अस्पताल के चिकित्सक अमन कुमार ने बताया कि मरीज की हालत अभी नॉर्मल है लेकिन लगातार डॉक्टर की निगरानी में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है. जैसे ही स्थिति नियंत्रण में आएगी मुखिया को कैदी वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

वहीं आरोपी मुखिया के परिजनों ने बताया कि इनको झूठे केस में फंसाया गया है. पंचायत के कुछ दबंग लोगों ने दलितों को भड़का कर एसटी एक्ट के तहत का झूठा केस करा दिया है. जिसके वजह से आज यह नौबत आई है.

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