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'मेरा बेटा एक जांबाज सिपाही था, देश की रक्षा में गवां दी अपनी जान' - चीन का बहिष्कार

भारत-चीन के झड़प में भोजपुर के लाल चंदन कुमार शहीद हो गए. शहीद जवान चंदन की शहादत की खबर जैसे ही उसके परिवार वालों और गांव वालों को मिली, उनके बीच मातमी सन्नाटा पसर गया.

भोजपुर
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Published : Jun 18, 2020, 8:46 PM IST

भोजपुर: भारत-चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए भोजपुर के लाल चंदन कुमार शहीद हो गए. शहीद जवान चंदन की शहादत की खबर जैसे ही उसके परिवार वालों और गांव वालों को मिली, उनके बीच मातमी सन्नाटा पसर गया. देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीद के परिजनों का सीना फक्र से चौड़ा हो रहा था, लेकिन इस बलिदान का बदला वो खून के बदले खून से लेना चाहते हैं.

bhojpur
शहीद चंदन का गांव

हिंसक झड़प में शहीद हो गए चंदन कुमार
शहीद जवान चंदन कुमार मूल रूप से भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड के रहने वाले थे. चंदन कौरा के ज्ञानपुर गांव निवासी हृदयानंद सिंह के चौथे और सबसे छोटे बेटे थे. देश के लिए बलिदान देने वाले शहीद चंदन कुमार की शादी पिछले महीने मई में होने वाली थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनकी शादी को स्थगित कर दिया गया था.

bhojpur
शहीद चंदन का घर

शहीद चंदन कुमार चार भाई और चार बहनों के बीच सबसे छोटे थे. चंदन के 3 बड़े भाई भी आर्मी में है, जो फिलहाल देश की रक्षा करने में लगे हुए हैं. भारत-चीन की सीमा विवाद में हुई हिंसक झड़प में चंदन कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए. चंदन की मां धर्मा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'मेरा बेटा एक जांबाज सिपाही था'
चंदन की शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव के लोगों को मिली, उनके गांव सहित जिले में शोक की लहर दौड़ उठी. उनके पड़ोसी और रिश्तेदार शहीद के परिवार को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचने लगे. जब इस संबध में उनके पिता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरा बेटा एक जांबाज सिपाही था. वहीं उन्होंने कहा कि मेरे बेटे का पार्थिव शरीर शुक्रवार को गांव आएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं उनके पड़ोसी उनकी शहादत से जहां गर्व महसूस कर रहे हैं. वही सरकार से चीनियों के खिलाफ कड़ी कदम उठाने के साथ ही चीनी प्रोडक्टो की बहिष्कार करने की अपील भी कर रहे हैं.

भोजपुर: भारत-चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए भोजपुर के लाल चंदन कुमार शहीद हो गए. शहीद जवान चंदन की शहादत की खबर जैसे ही उसके परिवार वालों और गांव वालों को मिली, उनके बीच मातमी सन्नाटा पसर गया. देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीद के परिजनों का सीना फक्र से चौड़ा हो रहा था, लेकिन इस बलिदान का बदला वो खून के बदले खून से लेना चाहते हैं.

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शहीद चंदन का गांव

हिंसक झड़प में शहीद हो गए चंदन कुमार
शहीद जवान चंदन कुमार मूल रूप से भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड के रहने वाले थे. चंदन कौरा के ज्ञानपुर गांव निवासी हृदयानंद सिंह के चौथे और सबसे छोटे बेटे थे. देश के लिए बलिदान देने वाले शहीद चंदन कुमार की शादी पिछले महीने मई में होने वाली थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनकी शादी को स्थगित कर दिया गया था.

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शहीद चंदन का घर

शहीद चंदन कुमार चार भाई और चार बहनों के बीच सबसे छोटे थे. चंदन के 3 बड़े भाई भी आर्मी में है, जो फिलहाल देश की रक्षा करने में लगे हुए हैं. भारत-चीन की सीमा विवाद में हुई हिंसक झड़प में चंदन कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए. चंदन की मां धर्मा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'मेरा बेटा एक जांबाज सिपाही था'
चंदन की शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव के लोगों को मिली, उनके गांव सहित जिले में शोक की लहर दौड़ उठी. उनके पड़ोसी और रिश्तेदार शहीद के परिवार को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचने लगे. जब इस संबध में उनके पिता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरा बेटा एक जांबाज सिपाही था. वहीं उन्होंने कहा कि मेरे बेटे का पार्थिव शरीर शुक्रवार को गांव आएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं उनके पड़ोसी उनकी शहादत से जहां गर्व महसूस कर रहे हैं. वही सरकार से चीनियों के खिलाफ कड़ी कदम उठाने के साथ ही चीनी प्रोडक्टो की बहिष्कार करने की अपील भी कर रहे हैं.

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