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ओलावृष्टि से टूटी किसान की कमर, गेहूं और दलहन की फसल बर्बाद - Farmer

जिले में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई. इससे आम, गेहूं और दलहन की फसल को काफी नुकशान हुआ है.

गेहूं की फसल
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Published : Apr 9, 2019, 6:23 PM IST

भोजपुर: मंगलवार की दोपहर अचानक जिले में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई. इससे इलाके में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. इस प्रकृति की मार से किसानों कमर टूट गई. बारिश और ओलावृष्टि से आम और गेहूं की फसल के साथ दलहन की फसल भी बर्बाद हो गए.


अचानक तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि से खेत मे लगे फसल और खेत मे काटकर रखे गए फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इस बाबत किसान बताते हैं कि गेंहू की फसल अब खेत मे पक गए थे और अब किसान उन पके हुए फसलों को काटकर दौनी कर अनाज घर ले आते लेकिन इससे पूर्व मौसम की बेरहम मार ने किसानों के आस पर पानी फेर दिया.

ओलावृष्टि

बड़े आकारों में ओले गिरे

मंगलवार को बड़े आकारों में ओले गिरे, इसका वजन करीब 200 ग्राम से 400 ग्राम तक तक था और इतना ठोस कि उससे सिर फट जाए. इस बाबत एक किसान ने बताया अब हम सोच ही रहे थे कि फसल काटकर दौनी करवाएंगे लेकिन इससे पहले ही मौसम के बदले मिजाज ने हमारी खुशियों में आग लगा दिया.

पिछले 60 से 65 साल का टूटा रिकॉर्ड
किसानों की मानें तो इससे पूर्व इस समय अंतराल में कभी बारिश या ओलावृष्टि नहीं हुई थी. इस बार की ओलावृष्टि ने अब तक के करीब 60 से 65 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. बेमौसम बरसात और ऊपर से ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अब ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इन गरीब किसानों के लिए कुछ देती है या नहीं.

भोजपुर: मंगलवार की दोपहर अचानक जिले में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई. इससे इलाके में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. इस प्रकृति की मार से किसानों कमर टूट गई. बारिश और ओलावृष्टि से आम और गेहूं की फसल के साथ दलहन की फसल भी बर्बाद हो गए.


अचानक तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि से खेत मे लगे फसल और खेत मे काटकर रखे गए फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इस बाबत किसान बताते हैं कि गेंहू की फसल अब खेत मे पक गए थे और अब किसान उन पके हुए फसलों को काटकर दौनी कर अनाज घर ले आते लेकिन इससे पूर्व मौसम की बेरहम मार ने किसानों के आस पर पानी फेर दिया.

ओलावृष्टि

बड़े आकारों में ओले गिरे

मंगलवार को बड़े आकारों में ओले गिरे, इसका वजन करीब 200 ग्राम से 400 ग्राम तक तक था और इतना ठोस कि उससे सिर फट जाए. इस बाबत एक किसान ने बताया अब हम सोच ही रहे थे कि फसल काटकर दौनी करवाएंगे लेकिन इससे पहले ही मौसम के बदले मिजाज ने हमारी खुशियों में आग लगा दिया.

पिछले 60 से 65 साल का टूटा रिकॉर्ड
किसानों की मानें तो इससे पूर्व इस समय अंतराल में कभी बारिश या ओलावृष्टि नहीं हुई थी. इस बार की ओलावृष्टि ने अब तक के करीब 60 से 65 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. बेमौसम बरसात और ऊपर से ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अब ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इन गरीब किसानों के लिए कुछ देती है या नहीं.

Intro:मंगलवार की दोपहर अचानक भोजपुर मे आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश और ओला वृष्टि होने लगा जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। इसके साथ ही किसानों की कमर टूटने लगी। 8स बारिश और ओलावृष्टि से दलहन की फसल भी बर्बाद हो गयी।


Body: अचानक तेज आंधी के साथ बारिश और ओला वृष्टि से खेत मे लगे फसल और खेत मे काटकर रखे गए फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इस बावत किसान बताते हैं कि गेंहू का फसल अब खेत मे पक गए थे और अब किसान उन पके हुए फसलों को काटकर दौनी कर अनाज घर ले आते लेकिन इससे पूर्व मौसम की बेरहम मार ने किसानों के आस पर पानी फेर दिया है।
बड़े आकारों में थे बर्फ-आज गिरे बर्फ का वजन करीब 200 ग्राम से 400 ग्राम तक का है और इतना ठोस कि उससे सिर फट जाय।इस बावत एक किसान ने बताया अब तो हम सोच ही रहे थे कि अब फसल काटकर दौनी करवाएंगे लेकिन इससे पहले ही मौसम के बदले मिजाज ने हमारी खुशियों में आग लगा दिया।





Conclusion:किसानों की माने तो इससे पूर्व इस समय अंतराल में कभी बारिश या ओलावृष्टि नही हुई है।इस ओलावृष्टि ने अब तक के करीब 60 से 65 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है।बेमौसम बरसात और ऊपर से ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है।अब ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इन गरीब किसानों के लिए कुछ राहत दे पाएगी या नही।
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