भोजपुर: देश के महान गणितज्ञ और जिले के साख कहे जाने वाले डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार की सुबह पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. उनके निधन की खबर से परिवार सहित पूरा देश शोकाकुल है. वहीं वशिष्ठ नारायण सिंह का अंतिम संस्कार उनेक पैतृक आवास पर किया जाएगा. जिसको लेकर तैयारी शुरु कर दी गई है.
महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन
दरअसल, डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह कई सालों से को सीजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित थे. कुछ समय पहले तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण से उनका इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा था. जिसके बाद स्वस्थ होने पर वह अपने भाई के आवास पर रह रहे थे. वहीं गुरुवार की सुबह अचानक वशिष्ठ नारायण सिंह के सीने में दर्द उठा और अस्पताल ले जाते-जाते उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं कई राजनेताओं सहित कई लोगों ने उनके देहांत पर शोक व्यक्त किया है.
पैतृक आवास पर होगा अंतिम संस्कार
परिजनों ने बताया कि देर शाम तक उनका पार्थिक शरीर उनके पैतृक आवास जिले के बसंतपुर लाया जाएगा. जहां महुली घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वशिष्ठ नारायण सिंह के परिजनों का कहना है कि जीते जी तो सरकार ने उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया. लेकिन उनके मरने के बाद तो एक सम्मान उन्हें जरुर मिलना ही चाहिए.
यह भी पढ़े- बांसुरी की धुन में वशिष्ठ नारायण का दर्द, ईटीवी भारत पर सुनें आखिरी धुन
आइंस्टिन के सिद्धांत को किया था चैलेंज
बता दें कि डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टिन के सिद्धांत (E = mc2) और गौस की थ्योरी, जो गणित में रेयरेस्ट जीनियस कहा जाता है, उसको चैलेंज किया था. कहा जाता है कि एक बार जब अपोलो मिशन के समय, डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह नासा में थे. तब अचानक कम्प्यूटर में खराबी आई तो उन्होंने अपनी उंगलियों से ही गिनना शुरू कर दिया और उनकी गिनती सही साबित हुई थी.