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आरा सदर अस्पताल के SNCU वार्ड में लगी आग, बच्चों को गोद में लेकर भागते दिखे परिजन

आरा सदर अस्पताल में शिशु वार्ड में आग लग गई (Fire in SNCU ward of Ara Sadar Hospital) . आग अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में लगी. जिससे मौके पर अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. परिजन अपने-अपने बच्चों को लेकर इधर-उधर भागने लगे. आग की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे अस्पताल कर्मी ने आग पर काबू पाया. पढ़ें पूरी खबर..

आरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में लगी आग
आरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में लगी आग
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Published : Jun 9, 2022, 8:14 PM IST

भोजपुर: बिहार के आरा सदर अस्पताल (Ara Sadar Hospital) के एसएनसीयू वार्ड में गुरूवार को अचानक शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई. आग लगते ही एसएनसीयू वार्ड (Fire in SNCU Ward) में भर्ती बच्चों के परिजन और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया. देखते ही देखते पूरे एसएनसीयू वार्ड में धुआं भर गया. जिसके बाद परिजन अपने-अपने बच्चों को गोद में लेकर इधर-उधर भागते नजर आए. जिन बच्चों के अभिभावक मौके पर मौजूद नहीं थे, उन बच्चों को अस्पताल की नर्स गोद में लिए भाग रही थी.

ये भी पढ़ें-बेगूसराय सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में लगी आग, परिजनों में मची अफरा-तफरी

शिशू वार्ड में लगी आग: आग की सूचना मिलने के बाद बाद एसएनसीयू वार्ड के इंचार्ज और मौके पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों की सूझबूझ से फायर एसटिंगेश्वर की मदद से आग पर काबू पाया गया. इस घटना में किसी प्रकार की कोई हताहत नहीं हुई और वार्ड में भर्ती सभी बच्चे सुरक्षित हैं. घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ.अरुण कुमार, अस्पताल प्रबंधक कौशल कुमार दुबे, फौरन एसएनसीयू वार्ड पहुंचे और घटना की जानकारी ली. सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक, प्रबंधक और वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा एसएनसीयू वार्ड में लगे सभी खिड़कियों को खोला गया. ताकि, वार्ड में भरा धुआं बाहर निकल सके. कुछ देर बाद वार्ड में स्थिति सामान्य हो पाई.

"एसएनसीयू वार्ड के इंचार्ज सैयद अमन हुसैन द्वारा फोन से यह सूचना दी गई कि शार्ट सर्किट के कारण एसएनसीयू वार्ड में आग लग गई है. जिसके बाद मैंने फौरन अस्पताल प्रबंधक और यहां के सिक्योरिटी गार्ड के इंचार्ज को फोन किया और हमलोग यहां पहुंचे. यहां के वार्ड इंचार्ज और मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फायर एसटिंगेश्वर की मदद से आग पर पाक काबू पा लिया गया. यहां के इंचार्ज और अन्य कर्मियों ने एक बहुत अच्छा काम किया कि आग बुझने का वेट ना करके सभी बच्चों को परिजनों द्वारा बाहर निकाल दिया." - डॉ.अरुण कुमार, प्रभारी अधीक्षक, सदर अस्पताल

तीस बच्चे वार्ड में थे एडमिट: बता दें कि इस वार्ड में कुल 30 बच्चे एडमिट थे. जिसमें 8 बच्चे 800 और 900 ग्राम के थे. जिनकी हालत काफी सीरियस है. उन्हें यहां मौजूद चिकित्सक द्वारा हायर सेंटर रेफर करने के लिए कह दिया गया है. साथ ही वार्ड में भरे एयर एवं धुआं जैसे ही बाहर निकल जाएगा उसके बाद सभी बच्चों को दोबारा यहां एडमिट कर दिया जाएगा.

"हम सभी लोग अपनी ड्यूटी कर रहे थे. तभी अचानक आग लग गई. इसमें कुल 27 बच्चे एडमिट है. जिनमें 7 बच्चे काफी सीरियस है. जिन्हें पटना पीएमसीएच, एनएमसीएच और हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है और कुछ बच्चे को यहां पर आसपास के निजी अस्पतालों में भेजा गया है. फायर एसटिंगेश्वर की मदद से आग पर काबू पा लिया गया है. किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है. सभी बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया है और अभी स्थिति सामान्य है."- सैयद अहमद हुसैन, वार्ड इंचार्ज

मेंटेनेंस का अभाव: एसएनसीयू वार्ड में आग लगते ही आसपास ये चर्चा जोरों पर होने लगी कि एसनसीयू वार्ड में मेंटेनेंस के अभाव में इस तरह की घटना हुई है. क्यौंकि बहुत पहले एसनसीयू वार्ड में वायरिंग हुई थी, तब इतना लोड वहां नहीं था. अब दिन प्रतिदिन ऐसी और अन्य आधुनिक उपकरणों का दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन वायरिंग, तार और बिजली की व्यवस्था वही पुरानी है.

ये भी पढ़ें-कैमूर: भभुआ सदर अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस में लगी आग

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भोजपुर: बिहार के आरा सदर अस्पताल (Ara Sadar Hospital) के एसएनसीयू वार्ड में गुरूवार को अचानक शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई. आग लगते ही एसएनसीयू वार्ड (Fire in SNCU Ward) में भर्ती बच्चों के परिजन और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया. देखते ही देखते पूरे एसएनसीयू वार्ड में धुआं भर गया. जिसके बाद परिजन अपने-अपने बच्चों को गोद में लेकर इधर-उधर भागते नजर आए. जिन बच्चों के अभिभावक मौके पर मौजूद नहीं थे, उन बच्चों को अस्पताल की नर्स गोद में लिए भाग रही थी.

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शिशू वार्ड में लगी आग: आग की सूचना मिलने के बाद बाद एसएनसीयू वार्ड के इंचार्ज और मौके पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों की सूझबूझ से फायर एसटिंगेश्वर की मदद से आग पर काबू पाया गया. इस घटना में किसी प्रकार की कोई हताहत नहीं हुई और वार्ड में भर्ती सभी बच्चे सुरक्षित हैं. घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ.अरुण कुमार, अस्पताल प्रबंधक कौशल कुमार दुबे, फौरन एसएनसीयू वार्ड पहुंचे और घटना की जानकारी ली. सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक, प्रबंधक और वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा एसएनसीयू वार्ड में लगे सभी खिड़कियों को खोला गया. ताकि, वार्ड में भरा धुआं बाहर निकल सके. कुछ देर बाद वार्ड में स्थिति सामान्य हो पाई.

"एसएनसीयू वार्ड के इंचार्ज सैयद अमन हुसैन द्वारा फोन से यह सूचना दी गई कि शार्ट सर्किट के कारण एसएनसीयू वार्ड में आग लग गई है. जिसके बाद मैंने फौरन अस्पताल प्रबंधक और यहां के सिक्योरिटी गार्ड के इंचार्ज को फोन किया और हमलोग यहां पहुंचे. यहां के वार्ड इंचार्ज और मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फायर एसटिंगेश्वर की मदद से आग पर पाक काबू पा लिया गया. यहां के इंचार्ज और अन्य कर्मियों ने एक बहुत अच्छा काम किया कि आग बुझने का वेट ना करके सभी बच्चों को परिजनों द्वारा बाहर निकाल दिया." - डॉ.अरुण कुमार, प्रभारी अधीक्षक, सदर अस्पताल

तीस बच्चे वार्ड में थे एडमिट: बता दें कि इस वार्ड में कुल 30 बच्चे एडमिट थे. जिसमें 8 बच्चे 800 और 900 ग्राम के थे. जिनकी हालत काफी सीरियस है. उन्हें यहां मौजूद चिकित्सक द्वारा हायर सेंटर रेफर करने के लिए कह दिया गया है. साथ ही वार्ड में भरे एयर एवं धुआं जैसे ही बाहर निकल जाएगा उसके बाद सभी बच्चों को दोबारा यहां एडमिट कर दिया जाएगा.

"हम सभी लोग अपनी ड्यूटी कर रहे थे. तभी अचानक आग लग गई. इसमें कुल 27 बच्चे एडमिट है. जिनमें 7 बच्चे काफी सीरियस है. जिन्हें पटना पीएमसीएच, एनएमसीएच और हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है और कुछ बच्चे को यहां पर आसपास के निजी अस्पतालों में भेजा गया है. फायर एसटिंगेश्वर की मदद से आग पर काबू पा लिया गया है. किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है. सभी बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया है और अभी स्थिति सामान्य है."- सैयद अहमद हुसैन, वार्ड इंचार्ज

मेंटेनेंस का अभाव: एसएनसीयू वार्ड में आग लगते ही आसपास ये चर्चा जोरों पर होने लगी कि एसनसीयू वार्ड में मेंटेनेंस के अभाव में इस तरह की घटना हुई है. क्यौंकि बहुत पहले एसनसीयू वार्ड में वायरिंग हुई थी, तब इतना लोड वहां नहीं था. अब दिन प्रतिदिन ऐसी और अन्य आधुनिक उपकरणों का दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन वायरिंग, तार और बिजली की व्यवस्था वही पुरानी है.

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