आरा: सावन की दूसरी सोमवारी को लेकर शहर के शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. जिले के बुढ़वा महादेव मंदिर के अलावा सिद्धनाथ मंदिर, पातालेश्वर मंदिर सहित शहर के अन्य छोटे-बड़े मंदिरों में भक्तों का सुबह से ही तांता लगा हुआ है. बम-बम भोले और हर-हर महादेव के मंत्रोच्चारण के बीच भक्तगण मंदिरों में भगवान शिव पर दूध, जल, शहद और बेलपत्र चढ़ाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
प्राचीनतम और महाभारत कालीन है मंदिर
आरा का प्राचीनतम और ऐतिहासिक मंदिर बुढ़वा महादेव मंदिर प्राचीनतम और महाभारत कालीन है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में पांडवों ने शिव की पूजा आराधना की थी. यही नहीं यहां बाणासुर के द्वारा भी भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की बात कही जाती है. कुछ ऐसी ही कहावत और इसके प्राचीनतम इतिहास के कारण इन्हें बुढ़वा महादेव का मंदिर कहा जाता है.
मन्नतें होती हैं पूरी
ऐसा कहा जाता है कि मंदिर जीर्णोद्धार के समय जब शिवलिंग के चारों तरफ से खुदाई की जा रही थी तो लगातार कई फीट गहरी खुदाई के बाद भी शिवलिंग के दूसरे छोर का पता नहीं चल पाया. अंत में थक हार कर लोगों ने खुदाई बंद कर दी. भक्तों का विश्वास है कि अपनी हर ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए लोग बुढ़वा महादेव के पास हाजिरी लगाते हैं और महादेव उनकी मुरादें पूरी करते हैं.