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नहीं रहा मोती, 'तेरी मेहरबानियां' की तर्ज पर हुआ अंतिम संस्कार - अनोखी शव यात्रा

भोजपुर में अनोखी शव यात्रा देखने को मिली. एक कुत्ते की मौत पर पूरा गांव आंसू बहाते नजर आया. बाद में ढोल-बाजे के साथ विधि पूर्वक उसका अंतिम संस्कार भी किया गया.

नहीं रहा मोती
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Published : Mar 1, 2020, 10:05 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 10:15 PM IST

भोजपुर: जिले में एक कुत्ते की मौत पर पूरा गांव गमगीन नजर आया. बाद में रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया गया. सुनने में ये अजीब जरूर है लेकिन, ऐसा सच में हुआ है. मामला भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड के हेतमपुर पंचायत का है. जहां मोती(कुत्ता) की मौत पर पूरा परिवार बिलखता दिखा.

मूक पशु से प्रेम की यह कहानी प्रखंड में चर्चा बनी हुई है. जानकारी के मुताबिक मोती केवल एक परिवार नहीं बल्कि पूरे गांव का दुलारा था. पिछले महज 6 महीने से मोती पूर्व मुखिया सह राजद नेता दारा सिंह के बेटे पप्पू सम्राट के साथ रह रहा था. धीरे-धीरे वह परिवार के सदस्य की तरह हो गया था.

bhojpur
ढोल-बाजे के साथ कुत्ते का दाह संस्कार

ये भी पढ़ें: बिहार के लाल की 'ललक' ने अमेरिका में बजाया डंका, जीत लिया बेस्ट शॉर्ट फिल्म का अवार्ड

देखें खास रिपोर्ट

चार दिन से था अस्वस्थ

जानकारी के मुताबिक मोती पिछले 4 दिनों से अस्वस्थ था. जिसके बाद शनिवार को उसकी मौत के बाद पूरे परिवार और गांव में मातम छा गया. परिवार के सदस्य और ग्रामीण सिर्फ रोए ही नहीं, बल्कि सम्मान के साथ अर्थी बनाकर उसकी शव यात्रा भी निकाली. हिंदू रीति-रिवाज और ढोल-नगाड़े के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया. सैकड़ों लोग इस अनोखी शव यात्रा में शामिल भी हुए.

भोजपुर: जिले में एक कुत्ते की मौत पर पूरा गांव गमगीन नजर आया. बाद में रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया गया. सुनने में ये अजीब जरूर है लेकिन, ऐसा सच में हुआ है. मामला भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड के हेतमपुर पंचायत का है. जहां मोती(कुत्ता) की मौत पर पूरा परिवार बिलखता दिखा.

मूक पशु से प्रेम की यह कहानी प्रखंड में चर्चा बनी हुई है. जानकारी के मुताबिक मोती केवल एक परिवार नहीं बल्कि पूरे गांव का दुलारा था. पिछले महज 6 महीने से मोती पूर्व मुखिया सह राजद नेता दारा सिंह के बेटे पप्पू सम्राट के साथ रह रहा था. धीरे-धीरे वह परिवार के सदस्य की तरह हो गया था.

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चार दिन से था अस्वस्थ

जानकारी के मुताबिक मोती पिछले 4 दिनों से अस्वस्थ था. जिसके बाद शनिवार को उसकी मौत के बाद पूरे परिवार और गांव में मातम छा गया. परिवार के सदस्य और ग्रामीण सिर्फ रोए ही नहीं, बल्कि सम्मान के साथ अर्थी बनाकर उसकी शव यात्रा भी निकाली. हिंदू रीति-रिवाज और ढोल-नगाड़े के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया. सैकड़ों लोग इस अनोखी शव यात्रा में शामिल भी हुए.

Last Updated : Mar 1, 2020, 10:15 PM IST
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