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भोजपुर के लांस नायक प्रमोद सिंह पंचतत्व में विलीन, अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे कोई नेता या मंत्री, परिजनों में आक्रोश - etv bharat news

सिक्किम में शहीद हुए भोजपुर के लाल आर्मी जवान प्रमोद सिंह (Bhojpur Pramod Singh martyred in Sikkim) का आरा के महुली घाट पर हुआ अंतिम संस्कार. वहीं पर उन्हें अंतिम सलामी दी गई. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग गंगा किनारे जुटे.हालांकि अंतिम संस्कार में बिहार सरकार का कोई भी नेता,मंत्री या प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. जिससे परिजनों में आक्रोश है.. पढ़ें पूरी खबर..

लांस नायक प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार
लांस नायक प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार
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Published : Dec 25, 2022, 10:53 PM IST

लांस नायक प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार

भोजपुर: बिहार के भोजपुर में सिक्किम में शहीद हुए सेना के लांस नायक प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए महुली घाट (Mahuli Ghat for cremation) पर लाया गया. यहां पूरे सैन्य और पुलिस सम्मान के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी गई. महुली घाट पर सेना ने पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्हें शस्त्र के साथ आखिरी सलामी दी गई. भोजपुर डीएम राजकुमार व भोजपुर एसपी संजय कुमार पैतृक निवास पहुंच श्रद्धांजलि दी. लेकिन अंतिम संस्कार में बिहार सरकार का कोई भी नेता,मंत्री या प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ.इस बात के वजह से शहीद प्रमोद सिंह के परिजन और उनके चाहनेवालो में काफी आक्रोश है.

ये भी पढ़ें :खगड़िया के शहीद जेसीओ चंदन मिश्र पंचतत्व में विलीन, अगुवानी गंगा घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

सिक्किम में हादसे में हो गई थी मौतः शहीद लांस नायक प्रमोद सिंह को स्थानीय प्रशासन ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. रविवार की सुबह शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. आरा के बामपाली गांव में पार्थिव शरीर के पहुंचते ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. तिरंगे में लिपटे शहीद आर्मी जवान के शव को देखकर परिजनों में हाहाकार मच गया. चारों ओर चीत्कार के गूंज सुनाई देने लगे. वहीं बेटे की शहादत पर रिटायर्ड फौजी पिता कलेक्टर सिंह और बुजुर्ग मां के आंखों से छलक रहें आंसू की धार ये मानने को तैयार नहीं है कि उनका लाडला अब इस दुनिया में नहीं है.

"देश के लिए एक सैनिक शहादत देता है लेकिन उसके अंतिम संस्कार में कोई भी नेता मंत्री नहीं पहुंचा. इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है. देश के लिए जान देने वाले सैनिक के शहीद होने पर सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा." -अजय सिंह,शहीद का भाई

"सैनिक के शहादत को बिहार सरकार उपेक्षित कर रही है. पटना एयरपोर्ट पर शहीद का शव पहुंचा था. मुझे उम्मीद है कि सरकार का कोई प्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने गया होगा, लेकिन नहीं गया. इससे बुरा एक शहीद के लिए और कुछ नहीं हो सकता."-राघवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक, बड़हरा

लांस नायक प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार

भोजपुर: बिहार के भोजपुर में सिक्किम में शहीद हुए सेना के लांस नायक प्रमोद सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए महुली घाट (Mahuli Ghat for cremation) पर लाया गया. यहां पूरे सैन्य और पुलिस सम्मान के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी गई. महुली घाट पर सेना ने पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्हें शस्त्र के साथ आखिरी सलामी दी गई. भोजपुर डीएम राजकुमार व भोजपुर एसपी संजय कुमार पैतृक निवास पहुंच श्रद्धांजलि दी. लेकिन अंतिम संस्कार में बिहार सरकार का कोई भी नेता,मंत्री या प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ.इस बात के वजह से शहीद प्रमोद सिंह के परिजन और उनके चाहनेवालो में काफी आक्रोश है.

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सिक्किम में हादसे में हो गई थी मौतः शहीद लांस नायक प्रमोद सिंह को स्थानीय प्रशासन ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. रविवार की सुबह शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. आरा के बामपाली गांव में पार्थिव शरीर के पहुंचते ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. तिरंगे में लिपटे शहीद आर्मी जवान के शव को देखकर परिजनों में हाहाकार मच गया. चारों ओर चीत्कार के गूंज सुनाई देने लगे. वहीं बेटे की शहादत पर रिटायर्ड फौजी पिता कलेक्टर सिंह और बुजुर्ग मां के आंखों से छलक रहें आंसू की धार ये मानने को तैयार नहीं है कि उनका लाडला अब इस दुनिया में नहीं है.

"देश के लिए एक सैनिक शहादत देता है लेकिन उसके अंतिम संस्कार में कोई भी नेता मंत्री नहीं पहुंचा. इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है. देश के लिए जान देने वाले सैनिक के शहीद होने पर सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा." -अजय सिंह,शहीद का भाई

"सैनिक के शहादत को बिहार सरकार उपेक्षित कर रही है. पटना एयरपोर्ट पर शहीद का शव पहुंचा था. मुझे उम्मीद है कि सरकार का कोई प्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने गया होगा, लेकिन नहीं गया. इससे बुरा एक शहीद के लिए और कुछ नहीं हो सकता."-राघवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक, बड़हरा

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