भोजपुर (कोइलवर): दुनिया भर में 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है. भोजपुर में भी इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विश्व टीबी दिवस-2021 को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति, भोजपुर द्वारा आज प्रखंड स्तरीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की बैठक का हुई.
टीबी उन्मूलन के लिए समाज में जागरूकता की जरूरत
इस बैठक में बताया गया कि भारत सरकार 2025 तक टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सफलता से लागू कराने को लेकर देशभर में पुनरीक्षित यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चला रही है. इसके लिए अब सरकार ने केयर इंडिया का साथ लिया है. इसके जरिए सरकार ने टीबी मरीजों को चिन्हित करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में आशा कार्यकर्ताओं को भी अपने साथ जोड़ा है. बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर पी. पी. सिंह ने बताया कि टीबी एक जानलेवा बीमारी है. इससे भारत में प्रतिदिन 1000 से अधिक मौतें होती हैं.
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उन्होंने टीबी को लेकर जागरूकता पर जोर देते हुए कहा कि अगर समय रहते इलाज मुहैया हो जाए तो इससे जान गंवाने वालों की संख्या कम की जा सकती हैं. बैठक में मौजूद डा. राधिका रंजन कृष्ण ने कहा कि राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 0-6 तथा 6-18 वर्ष के बच्चों में होने वाली टीबी की स्क्रीनिंग आरबीएस की टीम करेगी. एसटीएस पुष्पा कुमारी ने बैठक में नारा देते हुए कहा कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम से टीबी हारेगा और देश जीतेगा.
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2025 तक टीबी मुक्त भारत का सरकार ने रखा है लक्ष्य
बता दें कि भारत सरकार ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सभी प्रकार के टीबी रोगियों के लिए निशुल्क जांच एवं दवा की व्यवस्था है. टीबी के मरीजों को 6 माह तक इलाज के लिए हर माह ₹500 दिए जाते हैं. साथ ही प्रेरकों को भी ₹500 देय है. बताते चलें कि इस बैठक में बीडीओ घर्मेन्द्र सिंह, सीडीपीओ बिंन्दू कुमारी, केयर इंडिया से आरिफ मोहम्मद, आलोक रंजन, मुखिया अभय सिंह, आशा फैसिलिटेटर सरिता कुमारी, प्रमिला देवी, उर्मिला देवी मुख्य तौर पर मौजूद रहे.