भोजपुर: अगर आप अपनी इलाज कराने भोजपुर के आईएसओ मान्यता प्राप्त आरा सदर अस्पताल में जा रहे हैं तो एक बार जरूर सोच लीजिए. इस अस्पताल को सूबे की सरकार ने आईएसओ सर्टिफिकेट से नवाजा है लेकिन यहां इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. वहीं, अन्य सीएचसी तो खस्ताहाल में है.
कब बना था ICU
बरहारा क्षेत्र के बिशुपुर पंचायत में सीएचसी का हाल बुरा है. एक एनएनएम के सहारे इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है. वो भी 15 दिन में एक बार कभी खानापूर्ति के लिए आ जाती हैं. डॉक्टर के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि उनलोगों ने सीएचसी में कभी डॉक्टर को देखा ही नहीं.
अस्पताल में संसाधनों की कमी
वहीं, आरा सदर अस्पताल की बात करें तो यहां आईसीयू सिर्फ और सिर्फ हाथी का दांत बना हुआ है. आरा सदर अस्पताल का आईसीयू 2014 में बना था जिसका उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने किया था. लेकिन आलम यह रहा कि इसमें संसाधनों के कमी की बजह से यह कभी भी सुचारू रूप से नहीं चल पाया.
क्या कहते हैं प्रभारी
ICU प्रभारी ने बताया कि अगर यहां ICU के सभी संसाधन उपलब्ध होते और प्रशिक्षित नर्स और स्टाफ रहते तो मरीजों को पटना रेफर करने के बजाय यहीं इलाज होता और परिजनों को आराम मिलता. हालात ये है कि यहां डॉक्टर तक नहीं आते हैं. सिर्फ एएनएम से काम चलाया जाता है.
लोगों को होती है परेशानी
गंभीर बीमारियों की तो बात ही छोड़िए आंशिक बीमारी के इलाज में भी मरीज के परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. अब तो लोगों के जुबान पर सदर अस्पताल की जगह अब लोगों ने यह कहना भी शुरू कर दिया है कि यह सदर अस्पताल नहीं बल्कि यह रेफरल अस्पताल है.