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खंडहर में रहने को मजबूर हैं यहां के पुलिसकर्मी, मदद के नाम पर सरकार दे रही आश्वासन - condition of police station

पुलिसकर्मियों की मानें तो उन्होंने जर्जर भवन की शिकायत कई बार अपने वरीय अधिकारियों से की है, लेकिन आज तक उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है.

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Published : Jun 27, 2020, 9:29 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 12:06 PM IST

भोजपुर: जिले के हसनबाजार सहायक थाने में सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं. यहां के जवान टूटी-फूटी दिवारें और ये मुंह के बल गिरती हुई छत के बीच रहने को मजबूर हैं. यहां उन्हें किसी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ये तस्वीरें बखूबी दिखाती हैं कि सरकार जिनके साहस पर दम्भ भरती है. दरअसल उन्हें दफ्तर के नाम इस कालकोठरी में धकेल कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेती है. अपनी जिम्मेदारी से फिरागत पाकर फुर्सत से सोने वाली सरकार ने इन्हें रात भर मच्छर से कटवाने के लिए छोड़ दिया है.

बताया जाता है कि हसनबाजार सहायक थाना सालों से पुराने भवन में चलता आ रहा है. जर्जर भवन के कारण यहां रहने वाले पुलिसकर्मी रोजाना डरे सहमे रहते हैं. इस थाने की स्थिति बद से बदतर है. खपरैलनुमा छत, मिट्टी की दीवार और बरसात के रिसते पानी के बीच यहां रहने वाले पुलिसकर्मी किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं.

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सहायक थाना, भोजपुर

नहीं मिला नया भवन
पुलिसकर्मियों की मानें तो उन्होंने कई बार इसकी शिकायत वरीय अधिकारी से भी की है. लेकिन सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ भी नहीं मिला है. हर बार अधिकारी नए भवन की बात कह कर टाल देते हैं, पर आज तक उन्हें नई भवन नसीब नहीं हुई है. नतीजतन, यहां जवान किसी तरह अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.

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जर्जर भवन

छत से टपकता है पानी
यहां तैनात पुलिसकर्मी कहते हैं कि उन्हें यहां डर लगता है. छत से पानी टपकता रहता है. कई बार तो पूरी रात जागनी पड़ती है. सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों में होती है. जब पानी बैरक में भर जाता है तो समस्या और बढ़ जाती है.

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टूटी छत

निकलते रहते हैं कीड़े-मकौड़े
वहीं, आए दिन कीड़े मकौड़े, सांप, बिच्छु निकलते रहते हैं. जिससे ये परेशानियां और दोगुनी हो जाती हैं. पुलिसकर्मी बताते हैं कि थाने में बैठना- रहना तो दूर एफआईआर की कॉपी और जरूरी कागजात तक रखने की जगह नहीं है. जिस दिन बारिश होती है उस दिन बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है. लाखों की आबादी की देखभाल के लिए बना ये थाना सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या कहते हैं SP
जब इस संबंध में भोजपुर एसपी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ओपी के लिए सरकारी जमीन चिन्हित कर ली गई है और सीमांकन कराने के बाद भवन का प्रोपोजल भेज दिया गया है जल्द ही उसमें काम शुरू हो जायेगा. बहरहाल, अब देखने वाली बात है कि जिन पुलिसकर्मियों के जिम्मे हसनबाजार शहर देखने की जिम्मेवारी है, उन्हें इस जर्जर भवन से कब तक निजात मिल पाती है.

भोजपुर: जिले के हसनबाजार सहायक थाने में सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं. यहां के जवान टूटी-फूटी दिवारें और ये मुंह के बल गिरती हुई छत के बीच रहने को मजबूर हैं. यहां उन्हें किसी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ये तस्वीरें बखूबी दिखाती हैं कि सरकार जिनके साहस पर दम्भ भरती है. दरअसल उन्हें दफ्तर के नाम इस कालकोठरी में धकेल कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेती है. अपनी जिम्मेदारी से फिरागत पाकर फुर्सत से सोने वाली सरकार ने इन्हें रात भर मच्छर से कटवाने के लिए छोड़ दिया है.

बताया जाता है कि हसनबाजार सहायक थाना सालों से पुराने भवन में चलता आ रहा है. जर्जर भवन के कारण यहां रहने वाले पुलिसकर्मी रोजाना डरे सहमे रहते हैं. इस थाने की स्थिति बद से बदतर है. खपरैलनुमा छत, मिट्टी की दीवार और बरसात के रिसते पानी के बीच यहां रहने वाले पुलिसकर्मी किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं.

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सहायक थाना, भोजपुर

नहीं मिला नया भवन
पुलिसकर्मियों की मानें तो उन्होंने कई बार इसकी शिकायत वरीय अधिकारी से भी की है. लेकिन सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ भी नहीं मिला है. हर बार अधिकारी नए भवन की बात कह कर टाल देते हैं, पर आज तक उन्हें नई भवन नसीब नहीं हुई है. नतीजतन, यहां जवान किसी तरह अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.

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जर्जर भवन

छत से टपकता है पानी
यहां तैनात पुलिसकर्मी कहते हैं कि उन्हें यहां डर लगता है. छत से पानी टपकता रहता है. कई बार तो पूरी रात जागनी पड़ती है. सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों में होती है. जब पानी बैरक में भर जाता है तो समस्या और बढ़ जाती है.

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टूटी छत

निकलते रहते हैं कीड़े-मकौड़े
वहीं, आए दिन कीड़े मकौड़े, सांप, बिच्छु निकलते रहते हैं. जिससे ये परेशानियां और दोगुनी हो जाती हैं. पुलिसकर्मी बताते हैं कि थाने में बैठना- रहना तो दूर एफआईआर की कॉपी और जरूरी कागजात तक रखने की जगह नहीं है. जिस दिन बारिश होती है उस दिन बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है. लाखों की आबादी की देखभाल के लिए बना ये थाना सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या कहते हैं SP
जब इस संबंध में भोजपुर एसपी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ओपी के लिए सरकारी जमीन चिन्हित कर ली गई है और सीमांकन कराने के बाद भवन का प्रोपोजल भेज दिया गया है जल्द ही उसमें काम शुरू हो जायेगा. बहरहाल, अब देखने वाली बात है कि जिन पुलिसकर्मियों के जिम्मे हसनबाजार शहर देखने की जिम्मेवारी है, उन्हें इस जर्जर भवन से कब तक निजात मिल पाती है.

Last Updated : Jun 29, 2020, 12:06 PM IST
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