भोजपुर: श्रीनगर में सड़क हादसे में भोजपुर के सेना के जवान मनीष कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां रविवार को जवान का (Army Jawan Of Bhojpur Died In Road Accident In Srinagar) निधन हो गया. आर्मी जवान मनीष कुमार सिंह का शव सोमवार को जैसे ही पैतृक गांव भकुरा पहुंचा तो अपने लाल की एक झलक पाने को ग्रामीण बेताब दिखें हर तरफ मनीष कुमार सिंह अमर रहें और भारत माता की जय के नारे लग रहे थे. शव आने की सूचना मिलते ही सैंकड़ो लोग तिरंगा झंडा हाथ में लहराते हुए आरा जिला मुख्यालय के करीब पहुंच गए थे. आरा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के आसपास के गांवों के ग्रामीणों की भीड़ से भकुरा गांव की सभी गलियां लोगों से भर गई थी. जैसे ही जवान का शव घर के पास पहुंचा तो परिजनों की चीख-पुकार से पूरा माहौल गमागीन हो गया.
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भोजपुर में सेना के जवान का अंतिम संस्कार: वहीं, तिरंगा में लिपटे बेटे का शव देखकर मां कांति देवी और भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. शव के साथ पहुंचे आर्मी के अधिकारियों, जवानों और गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद जवान मनीष कुमार सिंह का अंतिम संस्कार केशोपुर गंगा नदी के घाट पर किया गया. वहां आर्मी के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. शव को मुखाग्नि बड़े भाई सुनील सिंह ने दी, वहीं शव यात्रा में शामिल लोगों ने नम आंखों से अपने लाल को अंतिम विदाई दी.
श्रीनगर में सड़क हादसे में हुए थे घायल: बता दें कि सदर प्रखंड के भकुरा गांव निवासी स्वर्गीय अक्षयवर सिंह का पुत्र मनीष कुमार सिंह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भारतीय सेना के 28 आर आर बटालियन में लान्स नायक (गनर) के पद पर कार्यरत थे. 26 मार्च को ऑन ड्यूटी मनीष कुमार सिंह टैंक लॉरी की चपेट में आने से बुरी तरह जख्मी हो गये थे. जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली स्थित आर्मी के मुख्य अस्पताल में रेफर कर दिया गया था. जहां रविवार की शाम इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी. जिसके बाद शव को हवाई मार्ग से दानापुर स्थित आर्मी हेडक्वार्टर लाया गया. दानापुर से आर्मी के सैन्य अधिकारियों और जवानों ने शव को लेकर उनके पैतृक आवास पहुंचे.
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भोजपुर में शादी से पहले उठी आर्मी जवान की अर्थी: दरअसल, आर्मी जवान मनीष अपने चारों भाइयों में सबसे छोटा था. साल 2013 में पिता अक्षयवर सिंह के निधन के बाद सभी भाई गांव पर ही खेती कर भरण-पोषण करते थे. लेकिन मनीष का 2015 के नवंबर महीने में भारतीय सेना में जवान के रूप में चयन हो गया था. मनीष की सेना में नौकरी होने से परिजनों में काफी खुशी थी. वहीं मनीष की दो महीने बाद मई में शादी होने वाली थी. उसकी शादी अगिआंव थाना क्षेत्र के पहरपुर गांव में तय भी हो गई थी लेकिन शादी के पहले ही जवान की अर्थी उठ गयी. परिजनों ने बताया कि मनीष काफी सरल स्वभाव के थे. उसे हर वर्ग के लोगों से काफी घनिष्ठता रहती थी. दुर्घटना में मौत होने के बाद गांव के लोग काफी दुखी और शोकाकुल हैं.
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