भागलपुर: देश के कई राज्यों में जल संकट गहरा गया है. जिसमें बिहार भी शामिल हो चुका है. बिहार के भी कई शहरों का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है और प्रतिवर्ष नीचे जा रहा है. भागलपुर शहर में जल संकट इतना ज्यादा है कि लोग पानी खरीदकर पीने के लिए विवश हो चुके हैं. इसकी वजह से भागलपुर शहर में पानी के जार और आरओ वाटर का व्यवसाय पूरी तरह से फैल गया है.
भागलपुर शहर में 200 से ज्यादा लोग पूरे शहर में पानी का व्यवसाय कर रहे हैं. लोगों को 20 से ₹25 में पानी का जार मिल जाता है. इससे उनकी प्यास तो बुझ जाती है, लेकिन रोजमर्रा से जुड़े काम पानी के अभाव में नहीं हो पाते हैं. भागलपुर शहर के लोग जार का पानी पीने के आदी हो चुके हैं. दूसरी कोई भी व्यवस्था फौरी तौर पर उपलब्ध होने की उम्मीद भी फिलहाल नहीं दिख रही है.
पैन इंडिया हो गई फेल
सरकार ने जिस पैन इंडिया को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी. वह पूरे शहर को जल उपलब्ध कराने में पूरी तरह से विफल दिख रहा है. वैसे तो पूरे शहर में पाइप लाइन बिछा दी गई हैं. लेकिन गंगा की धार बदल जाने की वजह से पैन इंडिया पानी को स्टोर करने में फेल हो गई है.
पैन इंडिया पानी उपलब्ध कराने में नहीं है सक्षम
पूरे भागलपुर शहर को 60 एमएलडी से भी ज्यादा पानी की जरूरत रोजमर्रा के तौर पर है. लेकिन पैन इंडिया एक तिहाई पानी उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है. जिससे शहर के ज्यादातर लोग जार वाला पानी खरीदकर पी रहे हैं. शहर में 1000 से ज्यादा नल शहर के लोगों के लिए लगाए गए हैं. लेकिन अधिकतर नल में बोरिंग फेल होने की वजह से पानी नहीं पहुंच पाता है.
शहर में सैकड़ों लोग करते हैं पानी का कारोबार
एक पानी व्यवसायी ने बताया कि वह लगभग 5000 लीटर पानी हर रोज पूरे शहर को जार के माध्यम से उपलब्ध कराते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी तरह पूरे शहर में सैकड़ों पानी का कारोबार करने वाले लोग हैं. हालांकि जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने जल संकट को दूर करने के लिए आपात बैठक बुलाई और पानी की सप्लाई को चार शिफ्ट में सप्लाई देने के लिए निर्देशित भी किया. आदेश के बावजूद भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है.