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भागलपुर: गंगा नदी की तीन पहाड़ियों को रोप वे से जोड़ने की मांग, उपमुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन

भागलपुर स्थित कहलगांव के गंगा नदी में तीन पहाड़ियों को रोप वे की मदद से आपस में जोड़ने की कवायद चल रही है.

कहलगांव की पहाड़ी
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Published : Apr 28, 2019, 3:05 PM IST

भागलपुर: जिले के कहलगांव में प्राकृति का यह अद्भुत नजारा पेश करती गंगा नदी के बीचों-बीच स्थित 3 पहाड़ियां सरकारी उपेक्षा का शिकार हैं. यहां धार्मिक दृष्टिकोण से इन पहाड़ियों का काफी बड़ा महत्व है.

ऐसा माना जाता है कि यह गुरु वशिष्ट, कोहल ऋषि और अष्टावक्र ऋषि की तपोभूमि रही है. इन पहाड़ियों में वर्तमान में शांति बाबा और पंजाबी बाबा की पूजा अर्चना करने कई लोग आते हैं. पर्यटकों के दर्शन के लिए इन तीन पहाड़ियों को आपस में रोप से जोड़ने की कवायद चल रही है. यहां बड़ी संख्या में लोग पहाड़ पर स्थित मंदिर का दर्शन करने आते हैं.

कहलगांव की पहाड़ी को रोप वे जोड़ने की कवायद
सरकार को राजस्व की प्राप्तिसरकार की तरफ से इस पहाड़ी का विकास नहीं करने से यहां के पर्यटकों में काफी निराशा है. इन तीन पहाड़ियों को आपस में जोड़ देने से पर्यटकों का आना-जाना और ज्यादा हो जाएगा. जिससे सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी. वहीं, दूसरी ओर कहलगांव के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और लोगों के लिए रोजगार के अवसर में बढ़ोत्तरी होगी.

उपमुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
सामाजिक कार्यकर्त्ता दिलीप मिश्रा ने बताया कि इन तीन पहाड़ियों को रोपवे से जोड़ने का कई संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा ज्ञापन दिया गया था. जिस पर सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि इन पहाड़ियों की वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी गई है और चुनाव के बाद कार्य का आश्वासन दिया है.

भागलपुर: जिले के कहलगांव में प्राकृति का यह अद्भुत नजारा पेश करती गंगा नदी के बीचों-बीच स्थित 3 पहाड़ियां सरकारी उपेक्षा का शिकार हैं. यहां धार्मिक दृष्टिकोण से इन पहाड़ियों का काफी बड़ा महत्व है.

ऐसा माना जाता है कि यह गुरु वशिष्ट, कोहल ऋषि और अष्टावक्र ऋषि की तपोभूमि रही है. इन पहाड़ियों में वर्तमान में शांति बाबा और पंजाबी बाबा की पूजा अर्चना करने कई लोग आते हैं. पर्यटकों के दर्शन के लिए इन तीन पहाड़ियों को आपस में रोप से जोड़ने की कवायद चल रही है. यहां बड़ी संख्या में लोग पहाड़ पर स्थित मंदिर का दर्शन करने आते हैं.

कहलगांव की पहाड़ी को रोप वे जोड़ने की कवायद
सरकार को राजस्व की प्राप्तिसरकार की तरफ से इस पहाड़ी का विकास नहीं करने से यहां के पर्यटकों में काफी निराशा है. इन तीन पहाड़ियों को आपस में जोड़ देने से पर्यटकों का आना-जाना और ज्यादा हो जाएगा. जिससे सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी. वहीं, दूसरी ओर कहलगांव के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और लोगों के लिए रोजगार के अवसर में बढ़ोत्तरी होगी.

उपमुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
सामाजिक कार्यकर्त्ता दिलीप मिश्रा ने बताया कि इन तीन पहाड़ियों को रोपवे से जोड़ने का कई संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा ज्ञापन दिया गया था. जिस पर सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि इन पहाड़ियों की वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी गई है और चुनाव के बाद कार्य का आश्वासन दिया है.

Intro:रोपवे से जोड़ने की कवायद, गंगा नदी में स्थित कहलगांव की तीन पहाड़ीBody:प्राकृतिक छटा का अद्भुत नजारा पेश करती गंगा नदी के बीचो-बीच स्थित कहलगांव की 3 पहाड़ियां सरकारी उपेक्षा का शिकार हैं, धार्मिक दृष्टिकोण से भी इन पहाड़ियों का काफी महत्व है गुरु वशिष्ट कोहल ऋषि तथा अष्टावक्र ऋषि की तपोभूमि रही है ये 3 पहाड़ियां, वर्तमान में शांति बाबा, पंजाबी बाबा तथा अष्टावक्र पहाड़ी पर प्रतिदिन बड़ी तादाद में पर्यटक आते हैं,

सुविधा के अभाव में पर्यटक निराश

परंतु सुविधा के अभाव में पर्यटकों को निराशा हाथ लगती है, अगर इन तीन पहाड़ियों को रोपवे से जोड़ दिया जाए तो एक और जहां सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी वहीं दूसरी ओर कहलगांव के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और लोगों के लिए रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी होगी, प्रतिदिन हजारों की तादाद में यहां पर्यटक पहुंचेंगे कहलगांव के विकास में ये कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है डॉल्फिन अभ्यारण क्षेत्र में आने वाले पर्यटक रोपवे से तीन पहाड़ियों पर जाते आते डॉल्फिन की अठखेलियां को देख पाएंगे बिहार ही नहीं देश का यह एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र साबित होगा,

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशिल मोदी ने दिया है आश्वासन

सामाजिक कार्यकर्त्ता दिलीप मिश्रा ने बताया की कहलगांव के इन तीन पहाड़ियों को रोपवे से जोड़ने का कई संगठन एवं सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा ज्ञापन दिया गया था जिसपर सूबे के उप मुख्य मंत्री सुशिल कुमार मोदी जी ने सहमति जताई है और दिलीप मिश्रा से इस पहाड़ियों का विडिओ रिकॉर्डिंग करवा कर मंगवाया है अनुमान लगाया जा रहा है की लोक सभा चुनाव के बाद इस कार्य के लिए बिहार सरकार इस और ध्यान दे ,

एनटीपीसी के CMD को भी दिया गया है ज्ञापन

पूर्व विधायक पीरपैंती अमन कुमार पासवान एवं दिलीप मिश्रा ने NTPC को भी दिया गया है ज्ञापन, बताया जाता है की NTPC के विकाश निधि से चैत्र के विकास के लिए कार्यो कराये जाते है लेकिन अभी तक NTPC द्वारा भी कोई पहल नहीं किया गया है वैसे NTPC के कई अधिकारी इन पहरहियों का दौरा कर चुके है Conclusion:VIJUALS
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