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भागलपुर: तिलकुट से सजा बाजार, लोगों का खींचा ध्यान - Tilkut shop in Bhagalpur

मकर संक्रांति आने महीने का वक्त है. भागलपुर के वैरायटी और सुजागंज बाजार में तिलकुट के सोंधी-सोंधी खुशबू महकने शुरु हो गए है. इस बार कोरोना के असर से बाजारों में तिलकुट महंगे दामों पर बिक रहे है.

Bhagalpur
तिलकुट से सजा बाजार
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Published : Dec 12, 2020, 10:30 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 10:48 PM IST

भागलपुर: मकर संक्रांति आने में महीने भर का समय है. अभी से भागलपुर के वैरायटी और सुजागंज बाजार में तिलकुट के सोंधी-सोंधी खुशबू महकने शुरु हो गए है. वहीं, गया और देवघर के कारीगर आकर तिलकुट तैयार कर रहे हैं. तिलकुट की महक से बाजार आने-जाने वाले हर कोई को बरबस अपनी ओर खींच रहा है. इस बार कोरोना के असर से बाजारों में तिलकुट कम है और महंगे दामों पर बिक रहे है.

बता दें कि भारत में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाया जाता है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति है. परंपरा के अनुसार उस दिन हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सबसे पहले सुबह स्नान और ध्यान के साथ दान की परंपरा को अपनाते है. जिसके बाद दही-चूड़ा, गुड़ और चीनी के साथ तिलकुट का सेवन करते है. भागलपुर के स्वादिष्ट तिलकुट की डिमांड दूसरे जिले में भी है.

Bhagalpur
तिलकुट की दुकान

क्या कहते है दुकानदार

दुकानदार निक्कू कुमार साह ने कहा कि बीते 10 सालों से वैरायटी चौक पर दुकान लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से बिक्री पिछले साल की तुलना में कम हो रही है. हमारे यहां शुगर फ्री भी तिलकुट मिल रहा है. जिस तिलकुट को शुगर के मरीज भी खा सकते हैं उसे कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां देवघर और गया के कारीगर तिलकुट तैयार कर रहे हैं. जिसमें चीनी, गुड़ और खोवा का तिलकुट शामिल है.

Bhagalpur
तिलकुट

पढ़ें: कानून व्यवस्था को लेकर 1 महीने के अंदर CM नीतीश की तीसरी हाईलेवल बैठक

देवघर के रहने वाले अरुण कुमार साह ने कहा कि बीते 10 सालों से देवघर से भागलपुर में तिलकुट दुकान लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे सितंबर महीने में दुकान लगाते है और फिर मकर संक्रांति के बाद वापस चले जाते है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बिक्री पर असर पड़ा है. इस समय तक बिक्री जिस तरह से हर साल होती थी, इस बार वैसा कुछ नहीं हो रहा है. जबकि, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च इस बार अधिक लगा है. सारा सामान देवघर से लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां तिलकुट तैयार करने में देवघर और गया के कारीगर लगे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट
तिलकुट कैसे बनाया जाता है? तिल को गुड़, चीनी और खोया के साथ मिलाकर बनाया जाता है. तीन प्रकार के तिलकुट यहां बेचे जा रहे है. गुड़, चीनी और खोया का जिसकी कीमत अलग-अलग है. साथ ही भागलपुर के बाजार में मधुमेह की बीमारी को देखते हुए तिलकुट कारोबार शुगर फ्री तिलकुट भी तैयार कर रहे हैं. इसमें गुण और चीनी की जगह शुगर फ्री डाला जा रहा है. धीरे-धीरे इसकी भी मांग बढ़ने लगी.

भागलपुर: मकर संक्रांति आने में महीने भर का समय है. अभी से भागलपुर के वैरायटी और सुजागंज बाजार में तिलकुट के सोंधी-सोंधी खुशबू महकने शुरु हो गए है. वहीं, गया और देवघर के कारीगर आकर तिलकुट तैयार कर रहे हैं. तिलकुट की महक से बाजार आने-जाने वाले हर कोई को बरबस अपनी ओर खींच रहा है. इस बार कोरोना के असर से बाजारों में तिलकुट कम है और महंगे दामों पर बिक रहे है.

बता दें कि भारत में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाया जाता है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति है. परंपरा के अनुसार उस दिन हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सबसे पहले सुबह स्नान और ध्यान के साथ दान की परंपरा को अपनाते है. जिसके बाद दही-चूड़ा, गुड़ और चीनी के साथ तिलकुट का सेवन करते है. भागलपुर के स्वादिष्ट तिलकुट की डिमांड दूसरे जिले में भी है.

Bhagalpur
तिलकुट की दुकान

क्या कहते है दुकानदार

दुकानदार निक्कू कुमार साह ने कहा कि बीते 10 सालों से वैरायटी चौक पर दुकान लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से बिक्री पिछले साल की तुलना में कम हो रही है. हमारे यहां शुगर फ्री भी तिलकुट मिल रहा है. जिस तिलकुट को शुगर के मरीज भी खा सकते हैं उसे कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां देवघर और गया के कारीगर तिलकुट तैयार कर रहे हैं. जिसमें चीनी, गुड़ और खोवा का तिलकुट शामिल है.

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तिलकुट

पढ़ें: कानून व्यवस्था को लेकर 1 महीने के अंदर CM नीतीश की तीसरी हाईलेवल बैठक

देवघर के रहने वाले अरुण कुमार साह ने कहा कि बीते 10 सालों से देवघर से भागलपुर में तिलकुट दुकान लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे सितंबर महीने में दुकान लगाते है और फिर मकर संक्रांति के बाद वापस चले जाते है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बिक्री पर असर पड़ा है. इस समय तक बिक्री जिस तरह से हर साल होती थी, इस बार वैसा कुछ नहीं हो रहा है. जबकि, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च इस बार अधिक लगा है. सारा सामान देवघर से लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां तिलकुट तैयार करने में देवघर और गया के कारीगर लगे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट
तिलकुट कैसे बनाया जाता है? तिल को गुड़, चीनी और खोया के साथ मिलाकर बनाया जाता है. तीन प्रकार के तिलकुट यहां बेचे जा रहे है. गुड़, चीनी और खोया का जिसकी कीमत अलग-अलग है. साथ ही भागलपुर के बाजार में मधुमेह की बीमारी को देखते हुए तिलकुट कारोबार शुगर फ्री तिलकुट भी तैयार कर रहे हैं. इसमें गुण और चीनी की जगह शुगर फ्री डाला जा रहा है. धीरे-धीरे इसकी भी मांग बढ़ने लगी.
Last Updated : Dec 15, 2020, 10:48 PM IST
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