भागलपुर: बिहार के भागलपुर के विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला सुल्तानगंज में 32 विदेशी सैलानियों का जत्था पहुंचा (Batch of 32 Foreign Tourists Arrived in Sultanganj) है. यहां सैलानियों ने अजगैबीनाथ मंदिर सहित गंगा घाट का अवलोकन किया. उसके साथ ही सैलानियों ने इस धाम पर फोटोग्राफी करने के साथ ही गाइड के जरिए जानकारी लिया. इस दौरान गंगा बिलास क्रुज के गाइड सुमित भट्टाचार्य ने बताया कि जर्मनी और स्विटजरलैंड से कुल 32 विदेशी सैलानी अजगैबीनाथ धाम पहुंचे हैं.
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सुल्तानगंज पहुंचे विदेशी सैलानी: सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ धाम पहुंचकर जर्मनी और स्विट्जरलैंड के सैलानियों ने गाइड की मदद से मंदिर सहित गंगा घाट का दर्शन किया. यहां पहुंचकर सैलानियों ने काफी मात्रा में फोटोग्राफी की. इन सैलानियों का जत्था कुल 52 दिनों की यात्रा पर है. बताया जाता है कि सैलानियों का जत्था अजगैबीनाथ मंदिर से निकलकर कोलकाता होते हुए वाराणसी तक जाएगी. उसके बाद की यात्रा को रेल यात्रा के जरिए डिब्रुगढ तक की जाएगी. उसके बाद वहां से बांग्लादेश होते हुए असम तक सफर करेगी.
मंदिर के आकर्षण को बढ़ावा: पर्यटन विभाग द्वारा बनाई गई नई सीढ़ी घाट, पुल देखने के बाद सैलानियों ने मंदिर की सुंदरता की काफी तारीफ की है. उनलोगों के अनुसार यह पुल सीढ़ी और चबूतरा मंदिर के आकर्षण को बढ़ाता है. मंदिर की साफ-सफाई को देखकर सैलानियों ने खुशी जताई. अजगैबीनाथ मंदिर में नई सीढ़ी घाट पुल के रास्ते सैलानी बाजार में कांवरिया सामग्री, पूजन सामग्री, कांवर, कांवरिया वस्त्र, गंगा किनारे बिक रहे फूल, बेलपत्र की भी जानकारी ली.
जर्मनी के मारियाना के अनुसार वे भारत सात बार आ चुकी हैं. हालांकि अजगैबीनाथ मंदिर पहली बार आईं है. यहां पहुंचकर उन सैलानियों को काफी पसंद आया. वहीं स्विट्जरलैंड की पेनी ने बताया कि यहां के लोग काफी सोशल है. गंगा किनारे का दृश्य काफी प्रभावित करने वाला है. यहां कई बार आने का मन करेगा. गंगा विलास क्रुज के कप्तान कुलामणि नायक ने बताया कि क्रूज 21 दिसंबर को कोलकाता से चलकर कुल 52 दिनों की यात्रा है. जिसमें इन सैलानियों के द्वारा कुल 27 नदियों को पार किया जाएगा. वहीं सैलानियों का नेतृत्व जर्मनी की मारियाना कर रही हैं.
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