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भागलपुर: कोरोना के कारण जिले के 10 डाकघर बंद, रोजाना 7 से 8 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिले के 10 डाकघरों को 31 जुलाई तक बंद किया गया है. इन डाकघरों के कर्मियों की ड्यूटी प्रधान डाकघर में लगाई गई है.

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Published : Jul 22, 2020, 5:03 PM IST

भागलपुर: कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिले के 10 डाकघरों को 31 जुलाई तक बंद कर दिया गया है. जिले के कई डाक कर्मी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

जिले के अलीगंज, इशाकचक, खरमनचक, सेंट्रल जेल, तारापुर, बरहपूर, आदमपुर, साहिबगंज और सुल्तानगंज स्टेशन रोड स्थित डाकघर मुख्यालय को कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बंद कर दिया गया है. इन डाकघरों के कर्मियों की ड्यूटी प्रधान डाकघर में लगाई गई है. ग्राहकों को अब रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट आदि का काम कराने के लिए प्रधान डाकघर जाना पड़ेगा.

रोजाना हो रहा 7 से 8 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान
वहीं जरुरत पड़ने पर डाकिया उनके घर माइक्रो एटीएम मशीन लेकर पहुंच जाएगा और इस तरह ग्राहक पैसों की निकासी कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए 25 रुपया सर्विस चार्ज देना होगा. डाकघरों के बंद होने से रोजाना डाक विभाग को 7 से 8 लाख रूपये के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. अनुमान है कि 15 दिनों में 1.25 करोड़ रुपए से अधिक का व्यवसाय प्रभावित होगा.

रोजाना किया जाता है डाकघर को सेनेटाइज
भागलपुर के डाक अधीक्षक आर पी प्रसाद ने बताया कि जिले में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण 10 डाक घर को 31 जुलाई तक बंद कर दिया गया है. कर्मियों को प्रधान डाकघर सहित वर्तमान में जिस डाकघर में काम चल रहा है, वहां लगाया गया है. उन्होंने बताया कि सभी डाकघरों को सेनेटाइज किया जा रहा है. रोजाना डाक घर को सेनेटाइज करने के बाद ही काम शुरू किया जा रहा है. इसके अलावा डाकघर में काम कराने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है.

भागलपुर: कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिले के 10 डाकघरों को 31 जुलाई तक बंद कर दिया गया है. जिले के कई डाक कर्मी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

जिले के अलीगंज, इशाकचक, खरमनचक, सेंट्रल जेल, तारापुर, बरहपूर, आदमपुर, साहिबगंज और सुल्तानगंज स्टेशन रोड स्थित डाकघर मुख्यालय को कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बंद कर दिया गया है. इन डाकघरों के कर्मियों की ड्यूटी प्रधान डाकघर में लगाई गई है. ग्राहकों को अब रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट आदि का काम कराने के लिए प्रधान डाकघर जाना पड़ेगा.

रोजाना हो रहा 7 से 8 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान
वहीं जरुरत पड़ने पर डाकिया उनके घर माइक्रो एटीएम मशीन लेकर पहुंच जाएगा और इस तरह ग्राहक पैसों की निकासी कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए 25 रुपया सर्विस चार्ज देना होगा. डाकघरों के बंद होने से रोजाना डाक विभाग को 7 से 8 लाख रूपये के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. अनुमान है कि 15 दिनों में 1.25 करोड़ रुपए से अधिक का व्यवसाय प्रभावित होगा.

रोजाना किया जाता है डाकघर को सेनेटाइज
भागलपुर के डाक अधीक्षक आर पी प्रसाद ने बताया कि जिले में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण 10 डाक घर को 31 जुलाई तक बंद कर दिया गया है. कर्मियों को प्रधान डाकघर सहित वर्तमान में जिस डाकघर में काम चल रहा है, वहां लगाया गया है. उन्होंने बताया कि सभी डाकघरों को सेनेटाइज किया जा रहा है. रोजाना डाक घर को सेनेटाइज करने के बाद ही काम शुरू किया जा रहा है. इसके अलावा डाकघर में काम कराने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है.

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