भागलपुर: कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है. इसके बचने के लिए सरकार हर सभंव प्रयास कर रही है. लोगों से सोशल डिस्टेंस पालन करने की लगातार अपील कर रही है. लेकिन जिले में शिक्षक ही सोशल डिस्टेंस का धज्जियां उड़ाते दिखे.
प्रदेश में समान काम और समान वेतन की मांग को लेकर सभी नियोजित शिक्षक बीते कई महीनों से हड़ताल पर थे. सरकार ने इनकी सारे शर्तों को मान लिया है. शिक्षा विभाग ने बुधवार को इन शिक्षकों को योगदान देने का निर्देश दिया था. इन्हें बारी-बारी से योगदान देना था. लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर में शिक्षकों ने बड़ी नासमझी दिखाई है. योगदान देने के लिए हजारों शिक्षक एकत्रित हो गए. इस दौरान सोशल डिस्टेंस का इनको थोड़ा भी ख्याल नहीं रहा. पुलिस इस भीड़ को देखकर मूकदर्शक बनी रही.
'कोई खास व्यवस्था नहीं की गई थी'
जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव सत्यजीत कुमार ने बताया कि समान काम समान वेतन की मांग को लेकर नियोजित शिक्षक बीते फरवरी माह से ही हड़ताल पर थे. 4 मई को शिक्षक संघ और सरकार के बीच समझौता होने के बाद बुधवार को योगदान करने के लिए आदेश जारी किया गया था. आदेश जारी होने के बाद हम लोगों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को भीड़ के बारे में अवगत कराया था. अनुमंडल आधारित योगदान की व्यवस्था कराने की बात कही थी. इसके बावजूद भीड़ को लेकर कोई खास व्यवस्था नहीं की गई थी. काउंटर भी बहुत कम बनाए गए हैं. जिससे यहां 9 सौ से अधिक शिक्षकों की भीड़ जुट गई.
काफी भीड़ देखी गई
वहीं, भागलपुर में दो जगहों पर शिक्षकों को योगदान करने की के लिए कहा गया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय और बीआरसी में योगदान देने के लिए कहा गया था. दोनों जगहों पर शिक्षकों की काफी भीड़ देखी गई.