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Bhagalpur News: 16 अगस्त से शुरू हो जाएगी प्लास्टिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई

16 अगस्त से भागलपुर में प्लास्टिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. सीपेट में पढ़ाई का रास्ता साफ हो गया है. सीपेट में पढ़ाई के लिए मशीन का इंस्ट्रॉलेशन कर लिया गया है. फिलहाल पढ़ाई महिला आईटीआई कॉलेज में शुरू किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

सीपेट में पढ़ाई का रास्ता साफ
सीपेट में पढ़ाई का रास्ता साफ
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Published : Aug 4, 2021, 1:44 PM IST

भागलपुर: बिहार (Bihar) के भागलपुर (Bhagalpur) में दूसरा सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) में पढ़ाई का रास्ता साफ हो गया है. पहले बैच की पढ़ाई 16 अगस्त से शुरू होगी. नामांकन को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो गया है. 40-40 छात्रों का बैच बनाया जाएगा. एडमिशन शुल्क एक हजार रुपये लिया जा रहा है. नामांकन के बाद छात्रों के रहने और खाने की व्यवस्था मुफ्त है.

ये भी पढ़ें:भागलपुर की स्वीटी ने पहले ही प्रयास में क्रैक किया BPSC, 144 रैंक पाकर बनेंगी DSP

भागलपुर में सिपेट इंस्टिट्यूट के लिए बिहार सरकार ने अलीगंज स्थित सूत मिल में 8 एकड़ जमीन मुहैया कराई है. सूत मिल में मिल के स्क्रैप को अब तक खाली नहीं कराया गया है. जिस वजह से तत्काल सिपेट की पढ़ाई महिला आईटीआई कॉलेज में शुरू किया जा रहा है. सूत मिल परिसर के स्क्रेप खाली होने के बाद वहां बड़े-बड़े मशीन को इंस्टॉल किया जाएगा.

देखें वीडियो

सूत मिल परिसर में छात्रों के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे. जिसके बाद छात्रों को प्रशिक्षण दिए जाएंगे. फिलहाल सूत मिल परिसर में सिपेट की ओर से साफ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. स्क्रैप खाली होने के बाद कंट्रक्शन का काम किया जाएगा. यहां अभी बिहार कौशल विकास मिशन के तहत श्रम संसाधन विभाग द्वारा तकनीकी कौशल विकास केंद्र के तहत प्रशिक्षण दिए जाएंगे.

16 अगस्त से 6 महीने की मशीन ऑपरेटिंग की पढ़ाई शुरू होगी. पहले बैच की पढ़ाई महिला आईटीआई कॉलेज में होगी. जहां मशीन को इंस्टॉल कर दिया गया है. मशीन यूएसए, मुंबई, गुजरात सहित अन्य शहरों से मंगाए गए हैं. जिसकी सहायता से प्लास्टिक रीसाइकलिंग से लेकर प्लास्टिक के प्रोडक्ट बनाने के बारे में बताया जाएगा.

सीपेट के इंचार्ज उपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि 16 अगस्त से पहले बैच की पढ़ाई शुरू होगी. जिसको लेकर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि कोटी के अनुसार नामांकन लिये जा रहे है. महिला आईटीआई कॉलेज में तत्काल 6 महीने का कोर्स शुरू किया जा रहा है हालांकि महिला आईटीआई कॉलेज में जगह की कमी है इसलिए यहां अस्थाई रूप से पढ़ाई होगी.

स्थाई रूप से अलीगंज स्थित सूत मिल में कॉलेज की पढ़ाई होगी. जहां बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां छोटी-छोटी मशीन् लगाई गई है. फिर भी छात्रों को मशीन ऑपरेटिंग की पूरी जानकारी दी जाएगी. सिपेट इंचार्ज ने कहा कि प्लास्टिक रिसाइकलिंग और प्लास्टिक से बनने वाले खिलौने, प्लेट और ग्लास आदि बनाने के बारे में यहां बताया जाएगा.

छात्र का एडमिशन होने के बाद रहने और खाने की व्यवस्था मुक्त है. पढ़ाई के दौरान ही छात्रों का प्लेसमेंट करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस कॉलेज में गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और यूएसए से मशीन मंगाए गए हैं. जिससे छात्रों को पढ़ाया जाएगा.

बता दें कि अबतक पूरे भारत भर में 36 सिपेट कॉलेज हैं. भागलपुर में शुरू होने के बाद ये 37 वां कॉलेज हो जाएगा जबकि पूरे बिहार में भागलपुर में दूसरा कॉलेज होगा. इससे पहले बिहार के हाजीपुर में पहला सीपेट कॉलेज है.

सिपेट में नामांकन के लिए 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग और अन्य दूसरे कोर्स कराए जाएंगे. सूत मिल परिसर में कॉलेज के सारे मशीन के लग जाने के बाद प्रत्येक वर्ष 25 बच्चे को प्रशिक्षण दिए जाएंगे. यहां पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी एवं डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होगी.

ये भी पढ़ें:आस्था या अंधविश्वास: देवी-देवता भगाएंगे डायरिया? 3 की मौत के बाद गांव वाले कर रहे पूजा-पाठ

भागलपुर: बिहार (Bihar) के भागलपुर (Bhagalpur) में दूसरा सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) में पढ़ाई का रास्ता साफ हो गया है. पहले बैच की पढ़ाई 16 अगस्त से शुरू होगी. नामांकन को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो गया है. 40-40 छात्रों का बैच बनाया जाएगा. एडमिशन शुल्क एक हजार रुपये लिया जा रहा है. नामांकन के बाद छात्रों के रहने और खाने की व्यवस्था मुफ्त है.

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भागलपुर में सिपेट इंस्टिट्यूट के लिए बिहार सरकार ने अलीगंज स्थित सूत मिल में 8 एकड़ जमीन मुहैया कराई है. सूत मिल में मिल के स्क्रैप को अब तक खाली नहीं कराया गया है. जिस वजह से तत्काल सिपेट की पढ़ाई महिला आईटीआई कॉलेज में शुरू किया जा रहा है. सूत मिल परिसर के स्क्रेप खाली होने के बाद वहां बड़े-बड़े मशीन को इंस्टॉल किया जाएगा.

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सूत मिल परिसर में छात्रों के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे. जिसके बाद छात्रों को प्रशिक्षण दिए जाएंगे. फिलहाल सूत मिल परिसर में सिपेट की ओर से साफ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. स्क्रैप खाली होने के बाद कंट्रक्शन का काम किया जाएगा. यहां अभी बिहार कौशल विकास मिशन के तहत श्रम संसाधन विभाग द्वारा तकनीकी कौशल विकास केंद्र के तहत प्रशिक्षण दिए जाएंगे.

16 अगस्त से 6 महीने की मशीन ऑपरेटिंग की पढ़ाई शुरू होगी. पहले बैच की पढ़ाई महिला आईटीआई कॉलेज में होगी. जहां मशीन को इंस्टॉल कर दिया गया है. मशीन यूएसए, मुंबई, गुजरात सहित अन्य शहरों से मंगाए गए हैं. जिसकी सहायता से प्लास्टिक रीसाइकलिंग से लेकर प्लास्टिक के प्रोडक्ट बनाने के बारे में बताया जाएगा.

सीपेट के इंचार्ज उपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि 16 अगस्त से पहले बैच की पढ़ाई शुरू होगी. जिसको लेकर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि कोटी के अनुसार नामांकन लिये जा रहे है. महिला आईटीआई कॉलेज में तत्काल 6 महीने का कोर्स शुरू किया जा रहा है हालांकि महिला आईटीआई कॉलेज में जगह की कमी है इसलिए यहां अस्थाई रूप से पढ़ाई होगी.

स्थाई रूप से अलीगंज स्थित सूत मिल में कॉलेज की पढ़ाई होगी. जहां बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां छोटी-छोटी मशीन् लगाई गई है. फिर भी छात्रों को मशीन ऑपरेटिंग की पूरी जानकारी दी जाएगी. सिपेट इंचार्ज ने कहा कि प्लास्टिक रिसाइकलिंग और प्लास्टिक से बनने वाले खिलौने, प्लेट और ग्लास आदि बनाने के बारे में यहां बताया जाएगा.

छात्र का एडमिशन होने के बाद रहने और खाने की व्यवस्था मुक्त है. पढ़ाई के दौरान ही छात्रों का प्लेसमेंट करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस कॉलेज में गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और यूएसए से मशीन मंगाए गए हैं. जिससे छात्रों को पढ़ाया जाएगा.

बता दें कि अबतक पूरे भारत भर में 36 सिपेट कॉलेज हैं. भागलपुर में शुरू होने के बाद ये 37 वां कॉलेज हो जाएगा जबकि पूरे बिहार में भागलपुर में दूसरा कॉलेज होगा. इससे पहले बिहार के हाजीपुर में पहला सीपेट कॉलेज है.

सिपेट में नामांकन के लिए 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग और अन्य दूसरे कोर्स कराए जाएंगे. सूत मिल परिसर में कॉलेज के सारे मशीन के लग जाने के बाद प्रत्येक वर्ष 25 बच्चे को प्रशिक्षण दिए जाएंगे. यहां पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी एवं डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होगी.

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