भागलपुरःलोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. पहले चरण का नमांकन भी शुरू हो गयाहै. लेकिन तमाम पार्टियों ने अब तक अपने उम्मिदवारों की घोषणा नहीं की है. कौन सी सीट किसे मिलेगी ये जानने के लिए जनता उत्सुक है. लोग अपने-अपने तरीके से कयास लगाने में जुटे हैं.
भागलपुर सीट पर कांग्रेस के बाद आरजेडी और भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. बीजेपी के कद्दावर नेता एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन भी एक बार संसदीय उपचुनाव और एक बार 2009 के लोकसभा चुनाव में जीतकर भागलपुर को भारतीय जनता पार्टी के लिए पूरी तरह से मजबूत बना चुके थे. लेकिन 2014 के चुनाव में शाहनवाज हुसैन को आरजेडी के बुलो मंडल ने 9845 वोट से शिकस्त दे दिया था. हार जीत का मतों का अंतर ज्यादा नहीं था, लेकिन विश्लेषण करने के बाद हार का कारण पार्टी के लोगों को समझ में आया.
सीट शेयरिंग सेआश्चर्य में लोग
जदयू से अलग होकर लड़ने की वजह से और भारतीय जनता पार्टी के अंतर कलह की वजह से पैदा हुए गुटबाजी की चक्कर में बीजेपी के शाहनवाज हुसैन अपनी सीट गवा चुके हैं.चुनाव हारने के बावजूद शहनवाज लगातार क्षेत्र में बने रहेऔर लोगों के बीच भारतीय जनता पार्टी के मौजूदगी को बरकरार रखा है.लोग उम्मीद भी जता रहे थे की हो ना हो भागलपुर कीसीट भाजपा के ही प्रत्याशी के द्वारा लड़ी जाएगी, लेकिन इस बार के एनडीए के सीट शेयरिंग के फैसले से भागलपुर के लोगों को काफी आश्चर्य हुआ कि बीजेपी का गढ़ मानाजाने वालाभागलपुर कैसे जदयू के खाते में चला गया.
बीजेपी कार्यकर्ताओं में निराशा
बात जो भी हो लेकिन बीजेपी द्वारा जदयू के तमाम शर्तों को मानते हुए इस तरह के निर्णय से भागलपुर के बीजेपी कार्यकर्ताओं के मन में काफी निराशा देखने को मिल रहीहै, लेकिन आलाकमान के फैसले को मानते हुए बुझे मन से लोग पार्टी के फैसले को स्वीकार चुके हैं. अबउम्मीदवार के नाम की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल भागलपुर में जो भाजपा का कमल हमेशा खिला हुआ दिखाई देता था, वह इन दिनों जदयू के तीर में तब्दील हो चुका है.भागलपुर शहर के लोग अभी भी इस उम्मीदमें हैं कि बीजेपी के कद्दावर नेता शाहनवाज हुसैन को जरूर टिकट मिलेगा. लेकिन जब तक घोषणा नहीं हो जाती तब तक लोग सिर्फ कयास लगा सकते हैं,
उम्मीदवार के नाम का इंतजार
कुल मिलाकर अगर बात करें तो भागलपुर में अभी मौजूदा परिप्रेक्ष्य में 2 विधानसभा नाथनगर और गोपालपुर प्रतिनिधि जदयू खेमे से है.जिसकी वजह से जदयू की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है. साथ ही साथ बीजेपी ने 2014 के चुनाव में 22 सीटों पर फतेह हासिल की थी और इस बार 2019 के चुनाव में 17 सीट को लेकर आपसी निर्णय हुआ. जिसकी वजह से पांच जीते हुए उम्मीदवारों को भी भाजपा को इस बार चुनाव के मैदान से दूर करना पड़ा. वैसी परिस्थिति में बीजेपी के शाहनवाज हुसैन हारे हुए उम्मीदवार थे, इसलिए लोग अनुमान लगा रहे हैं कि उन्हें भागलपुर के चुनावी मैदान से दूर किया गया है. फिलहाल भागलपुर के लोग एनडीए के उम्मीदवार के नाम की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं.