भागलपुर: नगर निगम क्षेत्र में तालाबों के जीर्णोद्धार का काम बंद पड़ा हुआ है. लॉकडाउन के पहले जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया था. लेकिन लॉकडाउन के बाद बंद काम को शुरू नहीं किया गया है. जल जीवन हरियाली मिशन के तहत नगर निगम क्षेत्र के बरारी और कंपनीबाग समेत तीन तालाबों में जीर्णोद्धार के साथ-साथ सौंदर्यीकरण करने का काम होना था. लेकिन अब तक इन तालाबों का अतिक्रमण भी नगर निगम प्रशासन नहीं हटा सकी है.
निगम प्रशासन ने तैयार की सूची
नगर निगम कंपनीबाग तालाब के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर 19 लाख खर्च कर रही है. इसका काम भी शुरू हो गया था. लेकिन अतिक्रमण नहीं हट सका. इससे ठेकेदार ने काम बंद कर दिया. अतिक्रमण के कारण तालाब तक वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है. शहरी क्षेत्र में 108 कुएं का जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जीर्णोद्धार होना है. जिस की सूची निगम प्रशासन ने तैयार भी की है. लेकिन एक भी कुएं का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है.
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण
वैरायटी चौक सहित शहर के कई स्थानों पर निगम ने कुएं को भरकर उस पर पियाऊ बना दिया है. इसके अलावा नगर निगम कार्यालय परिसर में स्थित तालाब को भी भर दिया गया है. तिलकामांझी चौक पर भी कुएं में मलवा डाल दिया गया है. नगर निगम को शहर के 578 चापाकल 200 पियाऊ के पास वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी करनी थी. लेकिन अब तक सिर्फ 70 चापाकल और प्याऊ के पास वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कार्य शुरू हो सका है.
कई जगह पर अतिक्रमण
कंपनीबाग के स्थानीय निवासी जयराम ने बताया कि कुछ दिन पहले यहां काम शुरू हुआ था. जेसीबी से मिट्टी की कटाई हो रही थी. लेकिन फिर काम बंद हो गया. उन्होंने कहा कि तालाब का काम होने से हम लोगों को भी फायदा मिलेगा. तालाब साफ रहेगा तो, अन्य काम में भी उसका उपयोग किया जा सकेगा.
वहीं नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी ने बताया कि जल जीवन हरियाली मिशन के तहत तालाबों की सूची तैयार की गई है. जिसका जीर्णोद्धार होना है. लेकिन कई जगह पर अतिक्रमण है. उन्हें हटाने का काम लॉकडाउन के कारण रुक गया था. अब इसके लिए डीएम से मिलकर वहां से अतिक्रमण हटवाने के बारे में बात की जाएगी.
11 तालाबों की सूची तैयार
नगर आयुक्त ने बताया कि कुआं को भी चिन्हित किया गया है. उसे भी साफ कराया जाएगा. चापाकल और पियाऊ के पास वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का काम शुरू हो गया है. कई जगह पर बनकर तैयार भी हो गया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण काम धीमी गति से हुई है. अब उसमें तेजी लाकर काम पूरा किया जाएगा.
बता दें निगम क्षेत्र के 11 तालाबों की सूची तैयार की गई थी. इसमें तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का 5 तालाब शामिल था. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने निगम को कार्य करने की अनुमति नहीं दी. जबकि निगम के कंपनीबाग और बरारी तालाब का अतिक्रमण अब तक नहीं हटा है. लॉकडाउन से पहले अतिक्रमण करने वालों को सिर्फ नोटिस दिया गया था. 2 महीने बाद भी वहां पर किसी तरह की कोई और कार्रवाई नहीं की गई है. जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का काम शुरू होने से प्रवासी श्रमिकों को यहां काम मिल सकेगा. लेकिन काम ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है.