भागलपुर: आरजेडी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को पत्र लिखा है. उनके इस्तीफा देने से बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. बयानबाजियों का दौर शुरू है. इसी क्रम में भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने भी इसको लेकर प्रतिक्रिया दी है.
रघुवंश प्रसाद सिंह का आरजेडी छोड़कर जाना महागठबंधन के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. उनके जाने से बड़ा झटका लगा है. अभी रघुवंश प्रसाद सिंह को पार्टी छोड़कर नहीं जाना चाहिए था. रघुवंश प्रसाद आरजेडी के लिए एक नेता नहीं थे, वो अभिन्न अंग थे.
-------------- अजीत शर्मा, विधायक, कांग्रेस
विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि कहा कि इस समय पूरे राज्य की जनता एनडीए के खिलाफ है तो ऐसे में महागठबंधन को मजबूती से चुनाव लड़ना चाहिए और एनडीए को हराना चाहिए था. जनता को उनकी बुनियादी सुविधा को मुहैया कराने का वक्त है. युवाओं को नौकरी और बेरोजगारों को फैक्ट्री लगाकर रोजगार देना चाहिए था. लेकिन पार्टी के बड़े नेता इस तरह से छोड़ कर चले गए, यह समझ में नहीं आता.
हर नेता होते हैं सम्मान के भूखे
विधायक अजीत शर्मा ने आरजेडी में रघुवंश प्रसाद की स्थिति को लेकर कहा कि हर नेता सम्मान के भूखे होते हैं. जनता जब प्रतिनिधि बनाकर भेजती है तो नेता को सम्मान देना मतलब कि जनता को सम्मान देना होता है. यदि किसी भी नेता का सम्मान नहीं किया जाता है तो ये काफी दुखद है. शायद इसी वजह से रघुवंश प्रसाद पार्टी से नाराज थे.
रघुवंश प्रसाद को करना चाहिए घर वापसी
इसके साथ ही अजीत शर्मा ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह को फिर से घर वापसी करना चाहिए. वे सेक्युलर नेता हैं वो जेडीयू में नहीं जा सकते हैं. क्योंकि अभी जेडीयू बीजेपी के साथ है और बीजेपी सेक्युलर पार्टी नहीं है. अगर वो जाते हैं तो ये मेरे समझ से बाहर है.