भागलपुर : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नियुक्त फार्मासिस्ट और एएनएम ने वेतन बढ़ाने की मांग की है. भागलपुर में करीब 50 से अधिक फार्मासिस्ट और एएनएम ने वेतन विसंगति दूर करने की मांग की है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 2015 में आयुष डॉक्टर के साथ आरबीएसके फार्मासिस्ट और एएनएम की नियुक्ति हुआ था, उस दौरान आयुष डॉक्टर का वेतन 20000 था और एएनएम व फार्मासिस्ट का वेतन 12000. वर्तमान में आयुष डॉक्टर का वेतन वृद्धि कर 44000 कर दिया गया है, जबकि एएनएम और फार्मासिस्ट का वेतन जस का तस है, जिस वजह से उनका विरोध का स्वर उठने लगा है.
'वेतन में वृद्धि नहीं की गई'
जगदीशपुर में कार्यरत फार्मासिस्ट नितेश कुमार सिंह ने कहा कि 2015 में आरबीएसके कार्यक्रम के तहत आयुष चिकित्सक के साथ फार्मासिस्ट और एएनएम की नियुक्ति की गई. लेकिन 2020 में उनके वेतन में वृद्धि की गई और हम लोगों में कोई वृद्धि नहीं की गई. सरकार हम लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है. वहीं, बिहपुर में कार्यरत फार्मासिस्ट संतोष कुमार सिंह ने कहा कि हम लोग भी आयुष चिकित्सक की तरह कार्य करते हैं. बाढ़ या किसी भी आपात स्थिति में हम लोगों की भी ड्यूटी लगाई जाती है. बावजूद आयुष चिकित्सक के वेतन में दोगुनी वृद्धि कर दी गई और हम लोगों के वेतन में वृद्धि नहीं की गई.
'मजबूर होकर कोई कठोर निर्णय लेना होगा'
नाथनगर में कार्यरत विकास कुमार सिंह ने कहा कि 2015 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक ही विज्ञापन पर आयुष चिकित्सक, आरबीएसके फार्मासिस्ट और एएनएम की नियुक्ति की गई. आयुष चिकित्सक के वेतन में वृद्धि किया गया. फार्मासिस्ट और एएनएम के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई. इस बात को लेकर अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के द्वारा सरकार को कई बार पत्र लिखा गया और मांग किया कि वेतन विसंगति को दूर किया जाए. बावजूद किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हम लोगों को मजबूर होकर कोई कठोर निर्णय लेना होगा.
वहीं, गोराडीह में कार्यरत एएनएम रजनी कुमारी कहा कि 12000 रुपये वेतन मिलता है. इससे घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. मानसिक और शारीरिक रूप से भी हम लोग परेशान हैं. जबकि जितना आयुष चिकित्सक कार्य करते हैं, उतना हम लोग भी करते हैं. इसलिए हमारे वेतन वृद्धि की मांग को मानी जाए नहीं तो हम लोग बाध्य होकर कोई कठोर निर्णय लेंगे.
फार्मासिस्ट और एएनएम में बढ़ रहा है आक्रोश
बता दें कि अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के द्वारा लगातार वेतन में विसंगति दूर करने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा गया है. बावजूद अब तक इस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिस वजह से आरबीएसके से नियुक्त फार्मासिस्ट और एएनएम में आक्रोश बढ़ रहा है.