भागलपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ( Ravi Shankar Prasad) ने नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) और महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan government in Bihar) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को कमजोर करने की कोशिश हो रही है लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के अलग होने के तीन दिन बाद ही भाजपा अपने संगठन को मजबूत करने के लिए मैदान में उतर गई थी.
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बोले रविशंकर- 'महागठबंधन के तीन खंभे': रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार ने नया गठबंधन बनाया है यह गठबंधन तीन खंभों पर खड़ा है. ऐसे लोग जो भ्रष्टाचार में सजा पा चुके हैं, दूसरे ऐसे लोग जो गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपित हैं और ट्रायल होने वाला है और तीसरे वैसे लोग जो इस भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि गरीब परिवार से आने वाले नरेंद्र मोदी देश का निरंतर विकास कर रहे हैं.
"2017 में आपने लालू तेजस्वी का साथ छोड़ा था क्योंकि उनपर घोटालों के गंभीर आरोप थे उसपर जवाब नहीं मिल रहा था. तेजस्वी पर चार्जशीट है. अब क्या आपको जवाब मिल गया है क्यों आप उनके पास वापस गए? क्या मतलब है इसका? अगर आपको भाजपा से इतनी नफरत थी तो चुनाव अकेले लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं करते हैं."- रविशंकर प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री
रविशंकर प्रसाद ने की पूजा-अर्चना: रविशंकर प्रसाद भागलपुर में तीन दिवसीय प्रवास कार्यक्रम को लेकर दिल्ली से शुक्रवार की सुबह करीब 8:00 बजे राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से नवगछिया स्टेशन उतरे. जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्प माला व अंग वस्त्र से उनका स्वागत किया. बिहार में भाजपा के तीन जिला संगठनों नवगछिया, भागलपुर व बांका में प्रवास कार्यक्रम करना है. नवगछिया स्टेशन पर उतरने के बाद रविशंकर प्रसाद तेतरी दुर्गा मंदिर पहुंच कर पूजा की.
'राजनीतिक अनैतिकता की पराकाष्ठा पर नीतीश': लक्ष्मीपुर रोड के पार्टी कार्यालय में संगठनों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बैठक की. जिसमें पार्टी के सभी मोर्चा अध्यक्ष, महामंत्री व मंडल प्रभारी के साथ संगठन की समीक्षा करते हुए अगले कार्यक्रमों की योजनाओं पर चर्चा की गई. भाजपा पार्टी कार्यालय नवगछिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रविशंकर प्रसाद ने वर्तमान सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का एक बयान है 2017 का कफन में पॉकेट नहीं होता है. फिर इस तीन चार साल में क्या हो गया. नरेंद्र मोदी का इतना विरोध किया फिर भी पीएम ने उन्हें सीएम बनाया. नीतीश कुमार राजनीतिक अनैतिकता की पराकाष्ठा पर पहुंच गए हैं.