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भागलपुर: श्रम कार्यालय पर AICCTU का विरोध प्रदर्शन, सैकड़ों मजदूरों ने लिया हिस्सा

एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन के आह्वान पर देश के सभी जिला मुख्यालयों में मोदी सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कारपोरेट घरानों को लाभ दिलाने के लिए मजदूरों पर अप्रत्यक्ष हमला किया गया है.

भागलपुर श्रम कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन
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Published : Nov 21, 2019, 8:18 AM IST

भागलपुर: जिले के श्रम कार्यालय परिसर में कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन की ओर से मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस, विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व एक्टू के महासचिव एसके शर्मा कर रहे थे. मौके पर सैकड़ों महिला और पुरुष मजदूर शामिल थे.

भागलपुर
विरोध-प्रदर्शन करते लोग

'सरकार ने मजदूर वर्ग पर किया है हमला'
प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित करते हुए एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर हमला कर दिया है. काफी लंबी लड़ाई के बाद मजदूरों के हितों के लिए 44 तरह के कानून बनाए गए थे. लेकिन केंद्र सरकार ने इसको हटाकर चार कोड बिल लागू कर दिया है. इस नए बिल में मजदूरों के लिए गुलामी के अलावा कुछ नहीं है.

एस.के. शर्मा , एक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
एस.के. शर्मा , एक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

ये भी पढ़ें- सदन में उठा NIOS DELED का मुद्दा, बोले मनोज झा- ये 14 लाख परिवारों से जुड़ा मामला

राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की चेतावनी
एसके शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार की नीति मजदूर विरोधी है. सरकार मजदूरों के हितों के लिए पुरानी कानून को बहाल करें. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मजदूरों की मांगों पर विचार किया जाए. मांगे नही माने जाने पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा. इस संबंध में उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन श्रम आयुक्त को सौंप.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पब्लिक सेक्टर को बेचने का षड्यंत्र हो रहा'
एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन के आह्वान पर देश के सभी जिला मुख्यालयों में मोदी सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कारपोरेट घरानों को लाभ दिलाने के लिए मजदूरों पर अप्रत्यक्ष हमला किया गया है. पूरे देश में मजदूरों लिए कल्याण कोष में 40 हजार करोड़ रुपए जमा है. सरकार उस पैसे को अपने अंदर लेकर कॉर्पोरेट घरानों को देने की व्यवस्था कर रही है. सरकार पब्लिक सेक्टर को बेचने का षड्यंत्र रच रही है.

भागलपुर: जिले के श्रम कार्यालय परिसर में कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन की ओर से मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस, विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व एक्टू के महासचिव एसके शर्मा कर रहे थे. मौके पर सैकड़ों महिला और पुरुष मजदूर शामिल थे.

भागलपुर
विरोध-प्रदर्शन करते लोग

'सरकार ने मजदूर वर्ग पर किया है हमला'
प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित करते हुए एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर हमला कर दिया है. काफी लंबी लड़ाई के बाद मजदूरों के हितों के लिए 44 तरह के कानून बनाए गए थे. लेकिन केंद्र सरकार ने इसको हटाकर चार कोड बिल लागू कर दिया है. इस नए बिल में मजदूरों के लिए गुलामी के अलावा कुछ नहीं है.

एस.के. शर्मा , एक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
एस.के. शर्मा , एक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

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राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की चेतावनी
एसके शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार की नीति मजदूर विरोधी है. सरकार मजदूरों के हितों के लिए पुरानी कानून को बहाल करें. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मजदूरों की मांगों पर विचार किया जाए. मांगे नही माने जाने पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा. इस संबंध में उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन श्रम आयुक्त को सौंप.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पब्लिक सेक्टर को बेचने का षड्यंत्र हो रहा'
एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन के आह्वान पर देश के सभी जिला मुख्यालयों में मोदी सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कारपोरेट घरानों को लाभ दिलाने के लिए मजदूरों पर अप्रत्यक्ष हमला किया गया है. पूरे देश में मजदूरों लिए कल्याण कोष में 40 हजार करोड़ रुपए जमा है. सरकार उस पैसे को अपने अंदर लेकर कॉर्पोरेट घरानों को देने की व्यवस्था कर रही है. सरकार पब्लिक सेक्टर को बेचने का षड्यंत्र रच रही है.

Intro:भागलपुर श्रम कार्यालय परिसर में कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन के आह्वान पर बुधवार को केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ एक्टू के महासचिव एसके शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष मजदूर शामिल हुए और जमकर नारेबाजी की साथ ही एक्टू ने सरकार से मजदूरों के हितों के लिए पुरानी कानून की बहाली की । मांगे नही माने जाने पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने की सख्त लहजे में चेतावनी दी , धरना प्रदर्शन के दौरान अपनी मांगों के समर्थन में एक्टू के कार्यकर्ताओं ने भारत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । साथ ही एक्टू ने धरना प्रदर्शन के बाद अपनी मांगों के संबंध में एक ज्ञापन श्रम आयुक्त को सौंपा।


Body:एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा ने कहा कि वर्तमान में मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर हमला कर दिया है ,काफी लंबी लड़ाई के बाद मजदूरों के हितों के लिए 44 तरह के कानून को बनाया गया था । वर्तमान मोदी सरकार उस 44 कानून को हटाकर चार कोड बिल लाई है । इस चार कोड बिल में मजदूरों के लिए गुलामी के अलावा कुछ नहीं है ।.उन्होंने कहा कि आज कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन के आह्वान पर देश के सभी जिला मुख्यालयों में मोदी सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ निर्धन मजदूर निर्माण द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है । पूरे देश में मोदी सरकार ने कारपोरेट घरानों को लाभ दिलाने के लिए मजदूरों पर हमला किया है । श्रम कानून में संशोधन किए जा रहे हैं । पूरे देश में निर्माण मजदूर के कल्याण के लिए कल्याण कोष में 40000 करो रुपए राज्य स्तर पर जमा है ,उसको मोदी सरकार चाहती है कि केंद्र में ले आए और लाकर अडानी ,अंबानी और कॉर्पोरेट घरानों को अपने व्यवस्था करने के लिए दे दे ।.यह सरकार पब्लिक सेक्टर को बेचने का षड्यंत्र रच रही है ।


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byte - एसके शर्मा ( एक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष )
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