भागलपुर: प्रदेशभर में सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध-प्रदर्शन जारी है. इसको लेकर समाहरणालय परिसर हम भारत के लोग के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस विरोध-प्रदर्शन को हम पार्टी, रालोसपा, राजद सहित अन्य विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया. मौके पर लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ घंटो नारेबाजी किया.
'काला कानून हो वापस'
धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि सीएए देश की जनता पर एक अनचाहा बोझ है. केंद्र सरकार इस काले कानून को लाकर देश सको धर्म के आधार पर बांटना चाहती है. इस कानून को लेकर पूरे देशभर में विरोध-प्रदर्शन जारी है. लेकिन सरकार लोगों के विरोध को दबा रही है. इस कानून से देश की जनता नाराज है. इस कानून को सरकार वापस ले.
क्या है सीएए कानून?
सीएए के तहत पाक, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण आए देश में आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी. बता दें कि नागरिकता केवल उन लोगों को मिलेगी जो भारत में 31 दिसंबर 2014 से आ गए थे. इस कानून से देश में पहले से रह रहे किसी की लोगों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
विरोध-प्रदर्शन में जाप पार्टी के जिला अध्यक्ष मोहम्मद उल्लाह खान समेत अशरफ नबी साहब, सारिक मंजूर, मो. जावेद, ओम प्रकाश यादव,रवि प्रकाश ,रालोसपा नेता कुणाल सिंह, सीपीआईएम के नेता नोहर लाल मंडल समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे.