भागलपुर: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत नगर के स्ट्रीट वेंडरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार बिना गारंटी के दस हजार रुपये का ऋण उपलब्ध करा रही है. इस योजना के तहत फुटपाथ दुकानदारों जिनके पास अपनी दुकान नहीं है. उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार 10 हजार दिया जा रहा है. जिसमें बैंक द्वारा लगने वाले ब्याज नियमित भुगतान करने वालों को 7 प्रतिशत अनुदान भी देगी. डिजिटल लेनदेन करने वालों को 1200 का कैशबैक मिलेगा.
फुटकर दुकानदारों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना
यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना में से एक है. इसे कोरोना काल में प्रधानमंत्री ने ऐसे फुटकर दुकानदारों के लिए लागू किया है जो इस संक्रमण के दौर में परेशानी झेल रहे हैं. छोटे कारोबारी को ऊपर उठाने के लिए प्रधानमंत्री ने यह योजना लागू की है, लेकिन भागलपुर में प्रशासनिक उदासीनता की वजह से अब तक योजना का लाभ स्ट्रीट वेंडर तक नहीं पहुंच पाया है. नगर निगम क्षेत्र में अब तक सर्वे का ही काम समाप्त हुआ है बाकी काम अधूरा पड़ा हुआ है.वहींं, घंटा घर चौक के पास फुटकर विक्रेता मो. नजीम खान ने बताया कि 2 महीने पहले नगर निगम से कुछ लोग आए थे और लोन के बारे में बात बताया था जिसके बाद हमने कागज भी जमा किया था. जिस तरह का कागज मांगा गया था वह सारा जमा किया, लेकिन अभी तक कोई भी लोन मुझे नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि यहां पर वह 3 साल से दुकान लगा रहा है इसी से उनका जीविका चलता है.
7000 वेंडरों को किया गया है चिन्हित
नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लेकर शहर में सर्वे कराया गया है. 7000 वेंडरों को चिन्हित किया गया अब तक तीन हजार स्ट्रीट वेंडरों ने अपने कागजात नगर निगम प्रशासन को उपलब्ध कराया है. जिसके बाद नगर निगम ने 1500 का पहला लिस्ट भागलपुर के अलग-अलग बैंकों को भेजा है. जिसमें से अब तक 300 लोगों का लोन पास हो चुका है जल्द ही बाकी सभी फुटकर विक्रेता को योजना का लाभ दिलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुकानदारों में जागरुकता की कमी है. उसको लेकर भी अभियान चलाया जाएगा लोगों को जागरूक किया जाएगा, जिससे कि वह इस योजना का लाभ उठा सकें.
10 हजार का ऋण उपलब्ध करा रही सरकार
बता दें कि फुटपाथ पर सब्जी बेचने वाले, गुमटी और ठेला लगाकर सामान बेचने वाले फुटकर विक्रेता को सब्सिडी समेत 10 हजार का ऋण केंद्र सरकार उपलब्ध करा रही है, ताकि अपना व्यापार बढ़ा सकें. ऑनलाइन ऐप के माध्यम से 2700 फुटकर विक्रेताओं का सर्वे भी शहर में किया गया. जिसमें बैंक को 598 आवेदन बैंक ऋण की स्वीकृति के लिए भेजा गया. जिसमें अब तक 117 को ऋण उपलब्ध कराया गया है. वहीं, बैंक को फुटकर विक्रेता होने का प्रमाण चाहिए, उसके पास प्रमाण पत्र नहीं रहने से बैंक ऋण देने से इंकार कर रहा है. जिसमें करीब 2000 फुटकर विक्रेता को बैंक और नगर निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है.