भागलपुर: कोरोना संकट से लोगों की रक्षा में पुलिस कर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन रात लगे रहते हैं. लेकिन प्रशासन की तरफ से उनकी रक्षा के लिए किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया है. प्रवासी श्रमिकों की सेवा में उपस्थित सुरक्षा कर्मियों को अभी तक पीपीई कीट उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस कारण उनके संक्रमित होने की संभावना अधिक है.
नहीं रखा जा रहा सुरक्षा का ख्याल
गौरतलब हो कि देश के अलग-अलग राज्यों में सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी भी कोरोना से पीड़ित हुए हैं और कई पुलिसकर्मी की मौत भी हुई है. बावजूद इसके भागलपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अपने पुलिस कर्मी को लेकर उदासीन बनी हुई है. उनके सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की जा रही है.
सुरक्षाकर्मी के लिए भी PPE कीट आवश्यक
भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ. हेमशंकर शर्मा ने कहा कि पीपीई किट सुरक्षाकर्मी को भी मिलनी चाहिए, वे सभी डॉक्टरों और शिक्षकों के मुकाबले प्रवासी मजदूरों के ज्यादा नजदीक जा रहे हैं. इसलिए पुलिसकर्मी को ज्यादा खतरा है. मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए लगे शिक्षक दूर रहकर काम कर रहे हैं जबकि थर्मल स्क्रीनिंग में लगे स्वास्थ्य कर्मी भी दूर से उनका स्क्रीनिंग कर रहे हैं. जबकि सुरक्षाकर्मी बकायदा प्रवासी मजदूर को गाइड कर रहे हैं, उनसे फॉर्म ले रहे हैं. इसलिए सुरक्षाकर्मी को भी पीपीई किट दिया जाना चाहिए.