भागलपुर: जिले के प्रसिद्ध जर्दालू आम, कतरनी चावल, कतरनी चूड़ा सहित मंजूषा पेंटिंग को ग्लोबल मार्केट में पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर ली है. भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के निर्देश पर काम शुरू कर दिया है.
जिला निर्यात संवर्धन समिति की बैठक
वाणिज्य मंत्रालय के निर्देश के बाद जिला अधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में जिला निर्यात संवर्धन समिति की बैठक हुई है. बैठक में भारत सरकार को जिले चार उत्पादकों का सूची बनाकर भेजा गया है. दरअसल भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारत के सभी जिले से वैसे दो उत्पाद की सूची मांगी है, जिसकी बिक्री विदेशों में की जा सके. बता दें कि भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना आत्मनिर्भर भारत के तहत 'वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट' को लेकर कार्यक्रम चलाया है. जिले से चयनित प्रोडक्ट की मार्केटिंग विदेशों में किया जाना है.
जिलाधिकारी प्रणब कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक
जिला उद्योग महा निदेशक रामशरण राम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट को लेकर कार्यक्रम चलाया गया है. जिसको लेकर भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा निर्देश दिया गया है कि जिले से वैसे उत्पादों की सूची भेजी जाए जिसे विदेशों में बिक्री किया जा सके. जिसके बाद जिलाधिकारी प्रणब कुमार की अध्यक्षता में जिला निर्यात संवर्धन समिति की बैठक हुई.
भागलपुर को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
बैठक में कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, विदेश विभाग के प्रतिनिधि और एमएसएनबी के प्रतिनिधि शामिल हुए. जिसमें निर्णय लिया गया कि भागलपुर से कतरनी चावल, चूड़ा, जर्दालू आम, रेशम और मंजूषा पेंटिंग को सूची बनाकर भेजा जाए, जिसकी विदेशों में भी बहुत मांग है. उन्होंने कहा कि इन सारे प्रोडक्ट को यदि चयन कर लिया जाता है तो भागलपुर में इससे जुड़े हुए लोगों को एक बहुत बड़ा बाजार मिल जाएगा. जिससे भागलपुर को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता मिलेगी.
देश के गणमान्य लोगों के पास कतरनी धान, कतरनी चूड़ा, जर्दालू आम, रेशम के कपड़े और मंजूषा पेंटिंग को भेजा जाता है. कतरनी धान और जर्दालू आम अपने बेहतर स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है. कतरनी धान, जर्दालू आम, रेशम और मंजूषा पेंटिंग भागलपुर की पहचान है.