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बाढ़ पीड़ितों के राहत शिविर में नहीं है मुकम्मल व्यवस्था, दिन में एक ही समय मिलता है खाना - bhagalpur latest news

बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए पंडाल से पानी टपकता रहता है. राहत कार्य के लिए जो भी सरकारी दावे किए गए थे सब खोखले निकले. यहां पानी भोजन दवा आदि की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हे.

राहत शिविर में पंडाल से टपकते हैं पानी
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Published : Sep 30, 2019, 10:56 PM IST

भागलपुरः गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकारी राहत शिविर की व्यवस्था की गई है. इसका जायजा लेने ईटीवी भारत के संवाददाता तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी टीला कोठी पहुंचे. जहां लोगों ने इसकी पोल खोल कर रख दी.

bhagalpur flood news
राहत शिविर में बाढ़ पीड़ित

नहीं है कोई व्यवस्था
पीड़ितो ने बताया कि जो पंडाल लगाए गए हैं उससे पानी टपकता रहता है. जिससे काफी परेशानी होती है. मवेशियों को पर्याप्त चारा नहीं मिल पा रहा है. समय से उन्हें खाना नहीं मिलता है और दिन भर में एक बार ही खाना दिया जाता है. शिविर में रह रही एक महिला ने बताया कि वह 7 दिनों से यहां रह रही है. यहां दवा की कोई व्यवस्था नहीं है. मच्छरों के लिए दवा का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है.

राहत शिविर में पंडाल से टपकते हैं पानी

सरकारी दावे निकले खोखले
गोद में बच्चे को लिए एक महिला ने बताया कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है. बच्चों के लिए अलग से सरकारी व्यवस्था की जो बात कही गई थी वो नहीं मिल रही है. दिन भर बारिश में भीगने से ठंड के कारण कई पशु मर गए हैं. पीने के लिए शुद्ध जल की भी व्यवस्था नहीं है. जिससे बीमार होने का डर लगा रहता है.

भागलपुरः गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकारी राहत शिविर की व्यवस्था की गई है. इसका जायजा लेने ईटीवी भारत के संवाददाता तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी टीला कोठी पहुंचे. जहां लोगों ने इसकी पोल खोल कर रख दी.

bhagalpur flood news
राहत शिविर में बाढ़ पीड़ित

नहीं है कोई व्यवस्था
पीड़ितो ने बताया कि जो पंडाल लगाए गए हैं उससे पानी टपकता रहता है. जिससे काफी परेशानी होती है. मवेशियों को पर्याप्त चारा नहीं मिल पा रहा है. समय से उन्हें खाना नहीं मिलता है और दिन भर में एक बार ही खाना दिया जाता है. शिविर में रह रही एक महिला ने बताया कि वह 7 दिनों से यहां रह रही है. यहां दवा की कोई व्यवस्था नहीं है. मच्छरों के लिए दवा का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है.

राहत शिविर में पंडाल से टपकते हैं पानी

सरकारी दावे निकले खोखले
गोद में बच्चे को लिए एक महिला ने बताया कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है. बच्चों के लिए अलग से सरकारी व्यवस्था की जो बात कही गई थी वो नहीं मिल रही है. दिन भर बारिश में भीगने से ठंड के कारण कई पशु मर गए हैं. पीने के लिए शुद्ध जल की भी व्यवस्था नहीं है. जिससे बीमार होने का डर लगा रहता है.

Intro:गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जिस कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले तमाम लोगों को मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है । सोमवार को बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए सरकारी राहत शिविर के व्यवस्था का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी टीला कोठी पहुंचे। वहां रह रहे लोगों ने सरकारी व्यवस्था की पोल खोल दी , पीड़ित लोगों ने बताया कि जो पंडाल लगाए गए हैं उस से पानी टपकता रहता है , जिस कारण उनके कपड़े गीले हो जाते हैं ।मवेशी को चारा नहीं मिल रहा है ,जो चारा मिलता है वह मवेशी के लिए पर्याप्त नहीं है । खाना समय से नहीं मिलता है दिन भर में एक बार खाना दिया जाता है ।


Body:शिविर में रह रही एक महिला ने बताया कि वह 7 दिन से इस राहत शिविर में रह रही है ।.पंडाल बना दिया गया जिससे पानी टपकता रहता है । खाने के लिए समय से खाना नहीं मिलता है । दिन भर में एक बार या कभी दो बार ही खाना मिलता है । दवाई की भी व्यवस्था नहीं की गई है । मच्छर मारने के लिए दवाई छिड़कने के लिए कोई नहीं आते हैं । बच्चे के लिए दवाई की व्यवस्था भी नहीं की गई है ।

गोद में लिए एक महिला ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि प्रशासन झूठ बोल रहा है कि राहत शिविर में सारी व्यवस्था की गई है ,कुछ भी व्यवस्था यहां नहीं है ,आप देख सकते हैं ।उन्होंने कहा कि बच्चे के लिए अलग से जो सरकारी व्यवस्था करने की बात कही जा रही है वह कुछ भी नहीं है । पशु के लिए चारा की व्यवस्था नहीं है ,दिन भर पशु बारिश में भीगते हैं जिसके कारण ठंड से कई पशु मर भी गए । ना पानी पीने का मिल रहा है चापाकल से पानी भर कर लाना पड़ता है । जिससे बीमार होने का डर लगा रहता है ।


Conclusion:visual
byte - विकास कुमार ( बाढ़ प्रभावित )
byte - बुधनी देवी
byte - शकुंतला देवी
byte - रेखा देवी
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