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भागलपुर: सिविल सर्जन बोले- अस्पताल में कोई तैयारी नहीं, यहां नहीं होता चमकी बुखार का असर

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Published : Jun 5, 2020, 4:05 PM IST

24 जून 2019 को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कहा था की चमकी बीमारी को लेकर 9 केस सामने आये थे. उसमें चार की मौत हुई थी.

सिविल सर्जन
सिविल सर्जन

भागलपुरः 2019 के जून महीने में भागलपुर में चमकी बुखार के करीब 9 मामला सामने आया था. उसमें से 4 बच्चों की मौत इलाज के क्रम में हो गई थी. उस समय अस्पताल में आईसीयू चमकी बीमारी के मरीज को रखने के लिए 10 बैड रिजर्व किया गया था. इसके बाद 2020 में जून महीने तक अस्पताल में चमकी, बीमारी को लेकर विशेष तैयारी करने की बात कही गई थी. लेकिन साल बीत गया 2020 का जून महीना भी आ गया. लेकिन कोई तैयारी नहीं हुई.

इस संबंध में जब भागलपुर के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह से ईटीवी भारत के संवाददाता ने पूछा तो उन्होंने कहा यहां पर चमकी बीमारी का कोई प्रभाव नहीं है. पिछले साल किसी की मौत भी नहीं हुई थी. इसलिए कोई तैयारी नहीं की गई है और ना ही सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन आई है.

अस्पताल , भागलपुर
भागलपुर अस्पताल

बीते साल चमकी के 9 मामले आए थे सामने
24 जून 2019 को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कहा था कि चमकी बीमारी को लेकर 9 मामला सामने आया है ,उसमें चार की मौत हुई है. जिसमें बिहपुर जयरामपुर निवासी अनुराग कुमार का डेढ़ साल का बेटा प्रेम राजकुमार, रसलपुर एकचारी निवासी पूरण कुमार की डेढ़ साल की बेटी निशा कुमारी ,बांका निवासी मुन्ना दास की 2 वर्षीय बेटी चांदनी कुमारी और नाथनगर दूधैला निवासी बृजेश कुमार का बेटा गोलू कुमार शामिल है.

पिछले वर्ष का यह सरकारी आंकड़ा था. इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल में भी कई बच्चों ने दम तोड़ा था. तब अस्पताल प्रशासन अगले वर्ष तक तैयारी कर लेने की बात कही थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या है सिविल सर्जन का कहना?
लेकिन इस संबंध में भागलपुर सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह कहते हैं कि यह बीमारी मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर सहित अन्य जिलों में प्रभावित है. भागलपुर में ऐसा नहीं है, इसलिए यहां पर कोई तैयारी नहीं की गई है, उन्होंने यहां तक कहा कि इस बीमारी से पिछले वर्ष किसी की मौत भी नहीं हुई थी. हालांकि सिविल सर्जन ने कहा कि चार-पांच मरीज उस तरह के लक्षण वाले भर्ती हुए थे, जिसे ट्रीटमेंट करने के बाद ठीक कर दिया गया था. मगर किसी की मौत नहीं हुई थी.

जबकि उस समय जिला प्रशासन ने चमकी बीमारी को लेकर अलर्ट भी जारी किया था और जागरूकता अभियान भी चलाया था. लेकिन अभी सिविल सर्जन कह रहे हैं कोई प्रभाव चमकी बीमारी का भागलपुर में नहीं है.

दो की हुई थी मौत
आपको बता दें कि भागलपुर में 18 जून 2019 को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उस समय 24 घंटे के अंदर चमकी से पीड़ित 3 बच्चे भर्ती हुए और उसमें से दो की मौत हो गई थी. जिसमें सबौर निवासी प्रीति कुमारी और रंगरा प्रखंड के साधुपुर गांव निवासी शिवानी कुमारी थी. दोनों की मौत अस्पताल में हुई थी. जिसके बाद एक के बाद एक चमकी से पीड़ित बच्चे शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया था.

भागलपुरः 2019 के जून महीने में भागलपुर में चमकी बुखार के करीब 9 मामला सामने आया था. उसमें से 4 बच्चों की मौत इलाज के क्रम में हो गई थी. उस समय अस्पताल में आईसीयू चमकी बीमारी के मरीज को रखने के लिए 10 बैड रिजर्व किया गया था. इसके बाद 2020 में जून महीने तक अस्पताल में चमकी, बीमारी को लेकर विशेष तैयारी करने की बात कही गई थी. लेकिन साल बीत गया 2020 का जून महीना भी आ गया. लेकिन कोई तैयारी नहीं हुई.

इस संबंध में जब भागलपुर के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह से ईटीवी भारत के संवाददाता ने पूछा तो उन्होंने कहा यहां पर चमकी बीमारी का कोई प्रभाव नहीं है. पिछले साल किसी की मौत भी नहीं हुई थी. इसलिए कोई तैयारी नहीं की गई है और ना ही सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन आई है.

अस्पताल , भागलपुर
भागलपुर अस्पताल

बीते साल चमकी के 9 मामले आए थे सामने
24 जून 2019 को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कहा था कि चमकी बीमारी को लेकर 9 मामला सामने आया है ,उसमें चार की मौत हुई है. जिसमें बिहपुर जयरामपुर निवासी अनुराग कुमार का डेढ़ साल का बेटा प्रेम राजकुमार, रसलपुर एकचारी निवासी पूरण कुमार की डेढ़ साल की बेटी निशा कुमारी ,बांका निवासी मुन्ना दास की 2 वर्षीय बेटी चांदनी कुमारी और नाथनगर दूधैला निवासी बृजेश कुमार का बेटा गोलू कुमार शामिल है.

पिछले वर्ष का यह सरकारी आंकड़ा था. इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल में भी कई बच्चों ने दम तोड़ा था. तब अस्पताल प्रशासन अगले वर्ष तक तैयारी कर लेने की बात कही थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या है सिविल सर्जन का कहना?
लेकिन इस संबंध में भागलपुर सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह कहते हैं कि यह बीमारी मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर सहित अन्य जिलों में प्रभावित है. भागलपुर में ऐसा नहीं है, इसलिए यहां पर कोई तैयारी नहीं की गई है, उन्होंने यहां तक कहा कि इस बीमारी से पिछले वर्ष किसी की मौत भी नहीं हुई थी. हालांकि सिविल सर्जन ने कहा कि चार-पांच मरीज उस तरह के लक्षण वाले भर्ती हुए थे, जिसे ट्रीटमेंट करने के बाद ठीक कर दिया गया था. मगर किसी की मौत नहीं हुई थी.

जबकि उस समय जिला प्रशासन ने चमकी बीमारी को लेकर अलर्ट भी जारी किया था और जागरूकता अभियान भी चलाया था. लेकिन अभी सिविल सर्जन कह रहे हैं कोई प्रभाव चमकी बीमारी का भागलपुर में नहीं है.

दो की हुई थी मौत
आपको बता दें कि भागलपुर में 18 जून 2019 को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उस समय 24 घंटे के अंदर चमकी से पीड़ित 3 बच्चे भर्ती हुए और उसमें से दो की मौत हो गई थी. जिसमें सबौर निवासी प्रीति कुमारी और रंगरा प्रखंड के साधुपुर गांव निवासी शिवानी कुमारी थी. दोनों की मौत अस्पताल में हुई थी. जिसके बाद एक के बाद एक चमकी से पीड़ित बच्चे शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया था.

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