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भागलपुरः बाढ़ प्रभावित इलाकों में पशुओं को नहीं मिल रहा है चारा, लोगों ने जताया आक्रोश

बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि शिविर से पशु शहर के कचरे में जाकर गंदा खाना खा रहे हैं. सरकार पशु चिकित्सा के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर दे, लेकिन हालात यही है कि पशुओं की जिंदगी कूड़े के ढेर में आकर सिमट गई है.

बाढ़ प्रभावित पशुओं को नहीं मिल रहा चारा
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Published : Oct 12, 2019, 8:42 PM IST

भागलपुरः जिले में बाढ़ की त्रासदी से लाखों पशु प्रभावित हो गए हैं. पशुओं के लिए चारे और इलाज का प्रबंध मुश्किल से हो पा रहा है. राज्य सरकार ने पशु चिकित्सकों की व्यवस्था तो की है, लेकिन चारे की व्यवस्था नहीं होने से लोग काफी आक्रोशित हैं.

लोगों में आक्रोश
एक तरफ सरकार बाढ़ पीड़ितों और उनके पशुओं के लिए हर तरह की मुकम्मल व्यवस्था की बात कह रही है. वहीं हकीकत में ये दावे बिल्कुल खोखले साबित हो रहे हैं. राहत शिविर के पशु चिकित्सक का कहना है कि लोग काफी मुश्किल से पशुओं का चारा जुटा पा रहे हैं. जिससे पशुओं को जिंदा रखा जा रहा है, इससे लोगों में काफी आक्रोश है.

bhagalpur
नाव से पशु का आहार ले जाते लोग

कचरे का खाना खा रहे पशु
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि शिविर से पशु शहर के कचरे में जाकर गंदा खाना खा रहे हैं. सरकार पशु चिकित्सा के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर दे, लेकिन हालात यही है कि पशुओं की जिंदगी कूड़े के ढेर में आकर सिमट गई है.

बाढ़ प्रभावित पशुओं को नहीं मिल रहा चारा

'जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई'
बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे बिहार सरकार के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने बाढ़ पीड़ितों की व्यथा सुनी. उन्होंने अभी तक पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं होने पर पदाधिकारियों को जमकर डांट लगाई. प्रधान सचिव ने अविलंब चारे की व्यवस्था और जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.

भागलपुरः जिले में बाढ़ की त्रासदी से लाखों पशु प्रभावित हो गए हैं. पशुओं के लिए चारे और इलाज का प्रबंध मुश्किल से हो पा रहा है. राज्य सरकार ने पशु चिकित्सकों की व्यवस्था तो की है, लेकिन चारे की व्यवस्था नहीं होने से लोग काफी आक्रोशित हैं.

लोगों में आक्रोश
एक तरफ सरकार बाढ़ पीड़ितों और उनके पशुओं के लिए हर तरह की मुकम्मल व्यवस्था की बात कह रही है. वहीं हकीकत में ये दावे बिल्कुल खोखले साबित हो रहे हैं. राहत शिविर के पशु चिकित्सक का कहना है कि लोग काफी मुश्किल से पशुओं का चारा जुटा पा रहे हैं. जिससे पशुओं को जिंदा रखा जा रहा है, इससे लोगों में काफी आक्रोश है.

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नाव से पशु का आहार ले जाते लोग

कचरे का खाना खा रहे पशु
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि शिविर से पशु शहर के कचरे में जाकर गंदा खाना खा रहे हैं. सरकार पशु चिकित्सा के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर दे, लेकिन हालात यही है कि पशुओं की जिंदगी कूड़े के ढेर में आकर सिमट गई है.

बाढ़ प्रभावित पशुओं को नहीं मिल रहा चारा

'जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई'
बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे बिहार सरकार के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने बाढ़ पीड़ितों की व्यथा सुनी. उन्होंने अभी तक पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं होने पर पदाधिकारियों को जमकर डांट लगाई. प्रधान सचिव ने अविलंब चारे की व्यवस्था और जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.

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बाढ़ से प्रभावित पशुओं को नहीं मिल रहा चारा पशुपालन विभाग नहीं जुटा पा रहा पशुओं के लिए चारा

भागलपुर में बाढ़ की त्रासदी की वजह से लाखों पशु प्रभावित हो गए हैं बाढ़ पीड़ितों के द्वारा काफी मुश्किल से पशुओं के लिए चारा एवं इलाज का प्रबंध हो पा रहा है बिहार सरकार के द्वारा बिहार सरकार के द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ राहत शिविरों में पशु चिकित्सा के लिए भी पशु चिकित्सकों को लगाया गया है लेकिन सरकार की तरफ से पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था नहीं होने की वजह से कई जगहों पर बाढ़ पीड़ित काफी आक्रोशित दिख रहे हैं जहां एक तरफ सरकार बाढ़ पीड़ितों एवं उनके पशुओं के लिए सभी तरह की मुकम्मल व्यवस्था की बात कह रही है और बेहतर व्यवस्था होने के दावे कर रही है जमीनी हकीकत चुटकुले के बाद सरकारी दावे बिल्कुल खोखले साबित हो रहे हैं 2 दिन पहले बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए भागलपुर पहुंचे बिहार सरकार के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने बाढ़ पीड़ितों की व्यथा तो सुन ले लेकिन पशु की पीड़ा को पशु खुद कैसे बयां कर सकते हैं लेकिन पशुओं की व्यथा उन्हें देखकर समझी जा सकती हैं हालांकि प्रधान सचिव ने पशुपालन विभाग को अविलंब पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया और अभी तक पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं होने की की व्यवस्था पर पदाधिकारियों को जमकर डांट भी लगाई है ।


Body:राहत शिविर में काम कर रहे पशु चिकित्सक का कहना है कि पशुओं के चारे के बारे में तो वह नहीं बता सकते लेकिन पशुओं का स्वास्थ्य जांच और इलाज वह कर रहे हैं बाढ़ राहत शिविर में पशुओं को चारा नहीं मिलने को लेकर बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश देखने को मिला है बाढ़ पीड़ित काफी मुश्किल से पशुओं का चारा जुटा पाते हैं ताकि पशुओं को सिर्फ जिंदा रखा जा सके भागलपुर में बाबूपुर मोड़ के पास चल रहे राहत शिविर पहुंचने पर कई लोगों के द्वारा पशुओं को चारा उपलब्ध नहीं कराने को लेकर शिकायत मिला लोगों का कहना है कि बाढ़ से प्रभावित पशुओं के चारे की व्यवस्था सरकार के पास नहीं है बड़ी मुश्किल से लोग पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कर पा रहे हैं क्योंकि भीषण बाढ़ आने की वजह से इलाका अभी भी जलमग्न है ।


Conclusion:बाढ़ पीड़ितों के शिविर से पशु शहर के कचरे में जाकर गंदा खाना खा रहे हैं जिसे लेकर ना तो पशुपालन विभाग के लोग जागरूक दिख रहे हैं ना ही पशु चिकित्सा विभाग के लोग कुल मिलाकर अगर बात करें तो भले ही सरकार पशु चिकित्सा के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर दे लेकिन मौजूदा हालात यही है कि पशुओं की जिंदगी कूड़े के ढेर में आकर सिमट गई है । बाढ़ की स्थिति एवं राहत कार्यो का जायजा लेने पहुंचे बिहार सरकार के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने जिला पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि जिस भी विभाग के लोग आपदा के समय अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा पा रहे वैसे लोगों के खिलाफ विभागीय रिपोर्ट कर कार्रवाई की जाए ।


बाइट:बालेश्वर मंडल ,बाढ़ पीड़ित भागलपुर
बाइट:शंकर मंडल,बाढ़ पीड़ित भागलपुर माथे पर पगड़ी
बाइट :डॉ राकेश भारती , प्रखंड पशु चिकित्सक ब्लू शर्ट में
बाइट:प्रणव कुमार ,जिला पदाधिकारी ,भागलपुर
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