भागलपुरः जिले में बाढ़ की त्रासदी से लाखों पशु प्रभावित हो गए हैं. पशुओं के लिए चारे और इलाज का प्रबंध मुश्किल से हो पा रहा है. राज्य सरकार ने पशु चिकित्सकों की व्यवस्था तो की है, लेकिन चारे की व्यवस्था नहीं होने से लोग काफी आक्रोशित हैं.
लोगों में आक्रोश
एक तरफ सरकार बाढ़ पीड़ितों और उनके पशुओं के लिए हर तरह की मुकम्मल व्यवस्था की बात कह रही है. वहीं हकीकत में ये दावे बिल्कुल खोखले साबित हो रहे हैं. राहत शिविर के पशु चिकित्सक का कहना है कि लोग काफी मुश्किल से पशुओं का चारा जुटा पा रहे हैं. जिससे पशुओं को जिंदा रखा जा रहा है, इससे लोगों में काफी आक्रोश है.
कचरे का खाना खा रहे पशु
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि शिविर से पशु शहर के कचरे में जाकर गंदा खाना खा रहे हैं. सरकार पशु चिकित्सा के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर दे, लेकिन हालात यही है कि पशुओं की जिंदगी कूड़े के ढेर में आकर सिमट गई है.
'जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई'
बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे बिहार सरकार के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने बाढ़ पीड़ितों की व्यथा सुनी. उन्होंने अभी तक पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं होने पर पदाधिकारियों को जमकर डांट लगाई. प्रधान सचिव ने अविलंब चारे की व्यवस्था और जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.