भागलपुरः कोरोना दूसरी लहर में बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है. दूसरी लहर में कोरोना लाखों लोगों को अब तक अपनी जद में ले चुका है. ऐसे में रेलकर्मी डरे और सहमे हुए हैं. अब तक रेलवे के दर्जनों से अधिक कर्मचारी व अधिकारी संक्रमित हो गए हैं. जिसे देखते हुए आनन-फानन में रेलवे ने भागलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक के पश्चिमी छोर पर नवनिर्मित विश्रामालय में 20 बेड का कोरोना अस्पताल बनाया है. अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सभी संसाधनों से लैस है. लेकिन यहां मरीजों को देखने के लिए डॉक्टरों की कमी है.
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इंटरव्यू के लिए नहीं पहुंचा कोई भी डाॅक्टर
भागलपुर रेलवे अस्पताल में एक सीनियर डॉक्टर है. बाकी सारा काम नर्सों की बदौलत ही चल रहा है. ऐसे में गुरुवार को अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर संविदा बेसिस पर डॉक्टरों का साक्षात्कार लेने की तैयारी हुई. इसको लेकर मालदा मंडल से आए सीनियर डीपीओ विजय कृष्णा राय अपनी टीम के साथ सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक बैठे रहे. लेकिन कोई भी डॉक्टर साक्षात्कार देने के लिए नहीं पहुंचा.
दिनभर इंतजार करते रहे सीनियर डीपीओ
इंटरव्यू लेने के लिए मालदा डिवीजन से पहुंचे सीनियर डीपीओ विजय कृष्ण राय ने बताया कि 6 डॉक्टर और 12 नर्स की प्रतिनियुक्ति यहां संविदा के आधार पर किया जाना है. जिसको लेकर आज डॉक्टरों का इंटरव्यू होना था. सुबह से शाम तक कोई भी डॉक्टर इंटरव्यू देने नहीं आया. उन्होंने कहा कि विज्ञापन निकालकर आज के इंटरव्यू के बारे में जानकारी दी गई थी. बावजूद इसके कोई भी नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो फिर से डॉक्टरों के लिए इंटरव्यू की नई तिथि निर्धारित की जाएगी. जब तक यहां डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक इंटरव्यू का तिथि निर्धारित होती रहेगी.
बता दें कि वर्तमान में भागलपुर रेलवे अस्पताल में कर्मियों और उनके परिवार के लोगों का आउटडोर इलाज किया जाता है. यहां भर्ती की सुविधा नहीं हुई है. अब कोरोना के बढ़ने के कारण रेलवे कर्मी और उनके परिवार के लोग भी चपेट में आ रहे हैं. जिसके कारण मालदा रेल मंडल मुख्यालय ने विश्रामालय को कोविड अस्पताल के रूप में बदलने का निर्णय लिया है.