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सनहौला पंचायत को नल जल योजना का नहीं मिल रहा लाभ, ग्रामीणों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

बिहार सरकार जल नल योजना पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. पटना में बैठे सीएम नीतीश कुमार और उनके अधिकारी कहते हैं कि गांव-गांव तक योजना का लाभ दिया जा रहा है लेकिन कुछ जिलों से ऐसी भी तस्वीरें आ रही हैं. जिससे दावों पर सवाल उठ रहा है. भागलपुर में सनहौला पंचायत में लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है लिहाजा ग्रामीण सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

भागलपुर
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Published : Apr 21, 2021, 5:02 PM IST

भागलपुर: जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सनहौला पंचायत पेयजल समस्या से जूझ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वपूर्ण सात निश्चय योजना का हाल यह है कि पाइप तो बिछ गई है, मोटर भी लगा दिए गए हैं. लेकिन पानी लोगों को नहीं मिल रहा है. स्थानीय लोगों को पानी न मिलने की वजह से योजना विफल साबित हो रही है और लोग सरकारी पैसा का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- दम तोड़ रही 'हर घर नल जल' योजना, पानी की किल्लतों से परेशान ग्रामीण

लोगों को नहीं मिल रहा पानी
पंचायत के 11 नंबर वार्ड के रहने वाले छट्ठू पासवान ने बताया कि पंचायत में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. उन्होंने कहा कि यहां पेयजल के लिए पाइप बिछा दी गई है और घर-घर के आगे नल लगा दिया गया है. लेकिन उसमें पानी नहीं आता है. छट्ठू ने कहा कि इस को लेकर कई बार हम लोगों ने मुखिया से शिकायत की लेकिन उसका समाधान नहीं हुआ. वहीं, सड़क किनारे जिसका घर है उन्हें पानी मिल भी रहा है, लेकिन जिन का घर सड़क से दूर गली में है. उन्हें पानी नसीब ही नहीं हो रहा है. घर से दूर घर की महिलाएं को पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है, इसलिए इस समस्या का समाधान किया जाए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पानी की सबसे बड़ी समस्या
स्थानीय राजेंद्र तांती ने कहा कि पानी सबसे बड़ी समस्या है. चाहे वह पीने का हो या घरेलू उपयोग का हो. उन्होंने कहा कि गांव में तालाब है. लेकिन उसकी साफ-सफाई नहीं होने की वजह से पानी उपयोग करने लायक नहीं है. तालाब में पानी बदबू कर रहा है. पानी के लिये हम लोगों के घर की महिलाओं को घर से दूर जाना पड़ता है. विंदेश्वरी यादव ने कहा कि पंचायत में मुख्य आर्थिक संसाधन है कृषि, लेकिन कृषि भी भगवान भरोसे है. सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण फसलें बर्बाद हो जाती है. उन्होंने कहा कि यहां पंचायत में अलग-अलग इलाकों से 2-3 नदियां गुजरी हैं और गांव के बीचों-बीच तालाब भी है. लेकिन सरकारी उदासीनता की वजह से तालाब और नदियां सूख जाती है. जिस वजह से सिंचाई के लिए पानी का भी प्रबंध नहीं हो पाता है.

Bhagalpur
तालाबों में फैली गंदगी

ये भी पढ़ें- भागलपुर को बीमार बना रहा बरारी इंटकवेल का सप्लाई वाटर, गंदे पानी को किया जाता है लिफ्ट
योजनाओं की स्थिति खानापूर्ति
पंचायत में जल जीवन हरियाली योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, गली नली, नली, पक्की सड़क योजना की स्थिति खानापूर्ति नजर आ रही है. पंचायत में सड़कें गुणवत्ता पूर्ण तरीके से नहीं बनी है. ऐसे में इस बार पंचायत में वर्तमान मुखिया सुलेख झरना देवी के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. पंचायत में पेयजल की समस्या बरसों से रही है, जिसे दूर करने का वादा कर झरना देवी पंचायत के मुखिया बनी. लेकिन वह भी समस्या का समाधान नहीं कर सकी.

Bhagalpur
खराब पड़े नल

भागलपुर: जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सनहौला पंचायत पेयजल समस्या से जूझ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वपूर्ण सात निश्चय योजना का हाल यह है कि पाइप तो बिछ गई है, मोटर भी लगा दिए गए हैं. लेकिन पानी लोगों को नहीं मिल रहा है. स्थानीय लोगों को पानी न मिलने की वजह से योजना विफल साबित हो रही है और लोग सरकारी पैसा का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं.

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लोगों को नहीं मिल रहा पानी
पंचायत के 11 नंबर वार्ड के रहने वाले छट्ठू पासवान ने बताया कि पंचायत में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. उन्होंने कहा कि यहां पेयजल के लिए पाइप बिछा दी गई है और घर-घर के आगे नल लगा दिया गया है. लेकिन उसमें पानी नहीं आता है. छट्ठू ने कहा कि इस को लेकर कई बार हम लोगों ने मुखिया से शिकायत की लेकिन उसका समाधान नहीं हुआ. वहीं, सड़क किनारे जिसका घर है उन्हें पानी मिल भी रहा है, लेकिन जिन का घर सड़क से दूर गली में है. उन्हें पानी नसीब ही नहीं हो रहा है. घर से दूर घर की महिलाएं को पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है, इसलिए इस समस्या का समाधान किया जाए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पानी की सबसे बड़ी समस्या
स्थानीय राजेंद्र तांती ने कहा कि पानी सबसे बड़ी समस्या है. चाहे वह पीने का हो या घरेलू उपयोग का हो. उन्होंने कहा कि गांव में तालाब है. लेकिन उसकी साफ-सफाई नहीं होने की वजह से पानी उपयोग करने लायक नहीं है. तालाब में पानी बदबू कर रहा है. पानी के लिये हम लोगों के घर की महिलाओं को घर से दूर जाना पड़ता है. विंदेश्वरी यादव ने कहा कि पंचायत में मुख्य आर्थिक संसाधन है कृषि, लेकिन कृषि भी भगवान भरोसे है. सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण फसलें बर्बाद हो जाती है. उन्होंने कहा कि यहां पंचायत में अलग-अलग इलाकों से 2-3 नदियां गुजरी हैं और गांव के बीचों-बीच तालाब भी है. लेकिन सरकारी उदासीनता की वजह से तालाब और नदियां सूख जाती है. जिस वजह से सिंचाई के लिए पानी का भी प्रबंध नहीं हो पाता है.

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योजनाओं की स्थिति खानापूर्ति
पंचायत में जल जीवन हरियाली योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, गली नली, नली, पक्की सड़क योजना की स्थिति खानापूर्ति नजर आ रही है. पंचायत में सड़कें गुणवत्ता पूर्ण तरीके से नहीं बनी है. ऐसे में इस बार पंचायत में वर्तमान मुखिया सुलेख झरना देवी के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. पंचायत में पेयजल की समस्या बरसों से रही है, जिसे दूर करने का वादा कर झरना देवी पंचायत के मुखिया बनी. लेकिन वह भी समस्या का समाधान नहीं कर सकी.

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